बोले तो ‘लव जिहाद’…खुशदीप


एक बालिग़ लड़का, एक बालिग़ लड़की. दोनों अगर साथ रहना चाहें, शादी करना चाहें तो… 

बिल्कुल कर सकते हैं. मियां बीवी राजी तो क्या करेगा काजी.

देश का क़ानून तो यही कहता है कि उन्हें ऐसा करने से कोई रोक नहीं सकता.
उनके घर वाले भी नहीं. क़ानून ये भी कहता है कि अगर दो बालिग मर्जी से शादी करना
चाहते हैं और उनके रास्ते में कोई रुकावटें खड़ी करता है तो ऐसा करने वाला
दंडात्मक कार्रवाई का हक़दार होगा. साथ ही अगर जोड़े को किसी तरह का कोई ख़तरा हो तो उसे सुरक्षा प्रदान करना भी पुलिस की ज़िम्मेदारी है.

देश में कोई ऐसा भी क़ानून नहीं जो दो बालिग़ लोगों को अलग धर्म, अलग
जाति
, अलग प्रांतीयता, अलग भाषा की वजह
से शादी से रोकता हो. साथ रहने से रोकता हो.

ये तो रही क़ानून की बातें. क़ानून की किताबों, क़ानून
की धाराओं से कहीं अहम होता है क़ानून का अमल. अब ये अमल कराने की पहली कड़ी तो
हमारे देश में पुलिस ही है.

चलिए क़ानून की थ्योरी से निकल एक प्रैक्टीकल किस्से पर आते हैं. मामला
ताज़ा यानि 27 सितंबर का ही है. दो अलग-अलग समुदायों के युवक और युवती मेरठ कचहरी
में कोर्ट मैरिज के लिए पहुंचते हैं. अब यहां अलग-अलग समुदाय की जगह सीधे सीधे लिख
देते हैं हिन्दू युवती और मुस्लिम युवक.

युवक यूपी के शामली का रहने वाला और युवती गौतमबुद्धनगर जिले की. दोनों के
मेऱठ कचहरी में कोर्ट मैरिज के लिए पहुंचने की भनक बजरंग दल के कार्यकर्ताओं तक
पहुंची तो वे दनादन मौके पर पहुंच गए. अब यहां ये जानना भी दिलचस्प है कि बजरंग दल
तक ये जानकारी कोर्ट परिसर से किसने पहुंचाई. 

बजरंग दल पदाधिकारी और उनकी टीम ने
मौके पर पहुंचते ही एलान कर दिया कि लड़की नाबालिग लगती है और उसे बहला फुसला कर
शादी की जा रही है यानि ‘लव जिहाद’ का मामला. पुलिस को भी बुला लिया गया. हंगामा बढ़ता गया
, युवक
के ख़िलाफ़ कार्रवाई और युवती के घरवालों को बुलाने के लिए पुलिस पर दबाव दिया जाने लगा.

पुलिस युवक-युवती को जांच की बात कह कर साथ ले जाने लगी तो खींचातानी कर
उन्हें जीप से उतारने की कोशिश की गई. इस पूरे घटनाक्रम को देखने वाले वकील भी दो
खेमों में बंटे नजर आए.
  

अब इस कहानी का पेंच भी सुनिए. गौतमबुद्धनगर की रहने वाली युवती फरीदाबाद
में अपने चाचा के पास बीते दो साल से रह कर पढ़ाई कर रही थी. युवती के चाचा दिल्ली
पुलिस में हवलदार हैं. युवती बीए सेकेंड इयर की छात्रा है. 26 सितंबर को युवती के
घरवालों की ओर से फरीदाबाद में उसके लापता होने की शिकायत पुलिस में दर्ज कराई गई.
पुलिस ने गुमशुदगी का केस दर्ज कर लिया. 27 सितंबर को फरीदाबाद पुलिस को मेरठ
पुलिस से युवती के मेरठ में होने की जानकारी मिली. फरीदाबाद पुलिस मेऱठ जाकर उसे
फरीदाबाद ले आई.

क़ानून के मुताबिक पुलिस ने युवती का 28 दिसंबर को मजिस्ट्रेट के सामने
धारा 164
 CRPC  के तहत बयान दर्ज कराया. इस बयान में युवती ने कहा कि
वो बालिग़ है और अपनी मर्ज़ी से युवक के साथ गई थी. साथ ही उस पर किसी तरह का कोई
दबाव नहीं था.

फरीदाबाद पुलिस का कहना है कि जो भी कार्रवाई होगी वो युवती के इस बयान के
आधार पर ही होगी. फरीदाबाद पुलिस के मुताबिक उसे युवती की गुमशुदगी की शिकायत मिली
थी. युवती को मेरठ से ले आया गया. युवती के बयान से गुमशुदगी वाला एंगल अपने आप ही
खत्म हो गया. मेरठ में हुए हंगामे को फरीदाबाद पुलिस ने मेरठ पुलिस के अधिकार
क्षेत्र में बता कर कुछ भी कहने से इनकार किया. 

मैं ये नहीं जानता कि इस केस मेें आगे क्या होगा. इस संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता कि युवती आगे चल कर अपना बयान ही ना पलट दे. लेकिन फिलहाल जो स्थिति है उसमें युवती के मजिस्ट्रेट के सामने 28 सितंबर को दिए बयान के मुताबिक ही पुलिस को चलना होगा और उसकी इच्छा का पालन सुनिश्चित कराना होगा. क़ानून यही कहता है.

एंगल ढूंढने को आए तो इस कहानी में भी कई एंगल ढूंढे जा सकते है. जिसे जो
अपने हिसाब से सुविधाजनक लगे वो वैसा ही इसे मोड़ दे देगा. क़ानून जो कहता है
, उसका
मेरठ में हंगामे से उल्लंघन हुआ. उल्लंघन करने वालों पर
, क़ानून
हाथ में लेने वालों पर क्या कार्रवाई होगी
, होगी भी या नहीं,
देखना दिलचस्प होगा.

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मैं इन प्रसिद्ध लोगों को खुशकिस्मत मानता हूं जिन्होंने दूसरे समुदाय से जीवनसाथी चुना और शादी कर घर बसाने में भी कामयाबी पाई. 

सोचिए अगर इन्हें भी ‘लव जिहाद’ के कटघरे में खड़ा कर दिया जाता तो…

शाहनवाज़ हुसैन (बीजेपी नेता)- रेणु शर्मा
मुख्तार अब्बास नक़वी (बीजेपी नेता)- सीमा   
दिवंगत सिकंदर बख़्त (बीजेपी नेता)- राज शर्मा
शाहरुख ख़ान (एक्टर)-गौरी छिब्बर
इरफ़ान ख़ान (एक्टर)- सुतापा सिकदर
अनु (अनवर) मलिक (संगीतकार)- अंजू
कबीर ख़ान (फिल्म निर्देशक)-मिनी माथुर (वीजे-एंकर)
दिवंगत फ़ारूक शेख़
(एक्टर)- रूपा
अमजद अली ख़ान (सरोद
वादक)-सुब्बालक्ष्मी
मुज़फ्फर अली (फिल्म
निर्देशक)-सुभाषिनी सहगल (अब तलाक)
इम्तियाज़ अली (फिल्म
निर्देशक)- प्रीति
ज़ाएद ख़ान (एक्टर)- मलाएका
पारेख
मीरा नायर (फिल्म
निर्देशक)- प्रोफेसर महमूद ममदानी
 नसीरूद्दीन
शाह (एक्टर)- रत्ना पाठक
 सैफ़ अली
ख़ान (एक्टर)- करीना कपूर
सलीम ख़ान (लेखक)- सुशीला
(पहली पत्नी)
इस्माइल दरबार (संगीत
निर्देशक)- प्रीति सिन्हा
हुसैन कुवाजेरवाला (टीवी
एक्टर)- टीना
आमिर ख़ान (एक्टर)- किरण
राव
दिवंगत मंसूर अली ख़ान
पटौदी (क्रिकेटर)- शर्मिला टैगोर

सुहासिनी हैदर (बीजेपी नेता
सुब्रामण्यम स्वामी की बेटी, टीवी एंकर)- नदीम (पूर्व नौकरशाह सलमान हैदर के बेटे)

अमीन सयानी (रेडियो एनाउंसर)- रमा
तलत
अज़ीज़ (गज़ल गायक)- बीना अडवाणी
 
दिवंगत
फिरोज़ ख़ान (एक्टर)- सुंदरी
सबा करीम
(क्रिकेटर)- रश्मि रॉय
मोहम्मद
कैफ़ (क्रिकेटर)- पूजा यादव
दिवंगत मोहम्मद हिदायतुल्ला
(पूर्व उपराष्ट्रपति)- पुष्पा शाह
और इन्हें ‘रिवर्स लव जिहाद’ के कटघरे में तो…

दिवंगत सुनील दत्त- नर्गिस 
राज बब्बर- नादिरा बब्बर
दिया मिर्ज़ा (एक्ट्रेस)- साहिल सांगा
कुणाल खेमू-सोहा अली ख़ान
रंजीत (विलेन)-नाज़नीन
पंकज उधास (गायक)- फ़रीदा
फराह ख़ान- शिरीष कुंदर
दिवंगत किशोर कुमार (गायक)-मधुबाला (असली नाम मुमताज बेगम)
मनोज वाजपेयी-शबाना रज़ा
सचिन पायलट (कांग्रेस नेता)- साराह अब्दुल्ला
अजित अगरकर (क्रिकेटर)- फातिमा घाडियाली
आदित्य पंचोली- ज़रीना वहाब
अतुल अग्निहोत्री- अलवीरा ख़ान
सुनील शेट्टी-माना कादरी
ऋतिक रोशन- सुजैन ख़ान (तलाक हो चुका है)
संजय दत्त- मान्यता (असली नाम दिलनवाज़ शेख़)