
भारतीय टीम के मीडियम पेसर मोहम्मद शमी की बहन मनरेगा मजदूर
उत्तर प्रदेश के अमरोहा से हैरान कर देने वाला मामला, शमी के जीजा भी मजदूर
शमी की माली हैसियत 70 करोड़, SRH ने इस साल IPL के लिए 10 करोड़ में खरीदा
-खुशदीप सहगल
नई दिल्ली, (27 मार्च 2025)|
मोहम्मद शमी टीम इंडिया के दिग्गज मीडियम पेसर की माली हैसियत 70 करोड़ रुपए है. क्या आप मान सकते हैं कि हर महीने करीब 50 लाख रुपए कमाने वाले मोहम्मद शमी की सगी बहन शबीना उत्तर प्रदेश के अमरोहा में दिहाड़ी मजदूरी करके गुज़ारा चलाती रही हैं. शबीना और उनके पति गजनबी ने महात्मा गांधी नेशनल रूरल एम्पलायमेंट गारंटी एक्ट यानि मनरेगा के तहत काम किया. शबीना ने ढाई साल में 374 दिन मजदूरी करके करीब 70,000 रुपए कमाए. यानि एक दिन के लिए शबीना को करीब 187 रुपए दिहाड़ी मिली. इसी तरह शबीना के पति गज़नबी ने 2021 से 2024 के बीच 300 दिन मजदूरी की और उनके खाते में 66,000 रुपए आए. यानि गज़नबी ने मजदूरी वाले हर दिन के लिए 226 रुपए कमाए.

आप ये सब सुनकर चौंक ज़रूर रहे होंगे. क्या है शमी की बहन शबीना से जुड़ा ये मामला देशनामा आपको इस स्टोरी में सब बताने जा रहा है.
आइए पहले थोड़ा जानते हैं मोहम्मद शमी की माली हैसियत के बारे में. शमी जहां अब तक सालाना कॉन्ट्रेक्ट के तौर पर बीसीसीआई से पांच करोड़ रुपए पाते रहे हैं. वहीं उन्हें एक टेस्ट खेलने के लिए 45 लाख, एक वनडे मैच खेलने के लिए 6 लाख और एक टी-20 मैच खेलने के लिए 3 लाख रुपए मिलते हैं. आईपीएल के लिए सनराइजर्स हैदराबाद से शमी को इस दस करोड़ रुपए मिलेंगे. इसके अलावा ब्रैंड एंडोर्समेंट्स और डॉमेस्टिक क्रिकेट से होने वाली कमाई अलग है. शमी के पास अमरोहा में आलीशान कोठी और फॉर्महाउस है.

इसके अलावा उनके पास बीएमडब्लू, ऑडी, जगुआर, फॉर्च्यूनर जैसी लग्जरी कारों का बेड़ा है.

ऐसे में कोई कैसे यकीन कर सकता है कि शमी की सगी बहन दिहाड़ी मजदूरी के लिए मजबूर है.

आइए अब आपको बताते हैं कि सच्चाई क्या है. ये सब मनरेगा योजना के तहत हो रहे फर्जीवाड़े का खेल है. शमी की बहन शबीना की सास गुले आइशा अमरोहा के जोया ब्लॉक के गांव पलौला की प्रधान हैं. कहने को गुले आइशा प्रधान हैं लेकिन प्रधानी का सारा कामकाज गुले आइशा के पति शकील और बेटा गज़नबी ही देखते हैं. इस परिवार ने गांव पलौला में बड़ी कोठी भी बना रखी है.

बेटे गज़नबी और बहू शबीना को रहने के लिए जोया कस्बे में फ्लैट दे रखा है जिसकी कीमत 20 लाख रुपए मानी जाती है.
जांच में सामने आया है कि गांव प्रधान ने अपने परिवार के सभी सदस्यों, जानने वालों और चहेतों को भी मनरेगा के तहत मजदूर बनवा दिया जिससे कि उनके बैंक खातों में रकम पहुंचती रहे. प्रधान गुले आइशा के दो बेटे और एक बेटी भी हैं, इनमें से एक बेटा आमिर सुहैल एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहा है, वहीं दूसरा बेटा शेखू है जो एलएलबी की पढ़ाई करने के बाद दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट से बतौर वकील प्रैक्टिस कर रहा है. 2021 से 2024 तक आमिर सुहैल के खाते में दिहाड़ी मजदूरी के 61,000 रुपए और शेखू के खाते में करीब 65,000 रुपए आए. इसी तरह प्रधान की बेटी नेहा के नाम पर भी मनरेगा से पैसा आया है.

दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के मुताबिक प्रधान के बेटे और मोहम्मद शमी के जीजा गज़नबी ने ऑफ कैमरा कबूल किया कि कुछ गलतिया शुरू मे हुई थीं लेकिन जैसे ही उनका पता चला ऐसे सारे जॉब कार्ड डिलीट करा दिए गए. दैनिक भास्कर की ही रिपोर्ट में गांव के कुछ लोगों से बातचीत का हवाला भी दिया गया है. एक ग्रामीण जावेद अहमद ने कहा कि प्रधान के पति शकील ने अपनी पूरी फैमिली के नाम से ही मनरेगा कार्ड बनाए हुए हैं. जावेद के मुताबिक इस परिवार का टेरर इतना है कि कोई शिकायत की हिम्मत नहीं जुटा पाता. मोहम्मद शमी का रसूख इस परिवार से जुड़ा होने की वजह से गांव के लोग डरते हैं. इसी तरह गांव में किराना की दुकान चलाने वाले इमरान का कहना है कि कोई घोटालों की शिकायत करने की सोचता है तो पैसे देकर उसका मुंह बंद कर दिया जाता है.
बता दें कि मनरेगा योजना के तहत ग्रामीण परिवारों के बालिग सदस्यों को 100 दिन का रोजगार दिया जाता है. देश भर में करीब 14 करोड़ लोग इस योजना में रजिस्टर्ड हैं. इन्हें न्यूनतम मजदूरी पहले 220 रुपए मिलती थी जो बाद में बढ़ा कर प्रति दिन ढाई सौ रुपए कर दी गई.
बहरहाल, मोहम्मद शमी की सगी बहन शबीना का नाम भी इस फर्जीवाड़े से जुड़े होने की वजह से ये मामला सुर्खियों में आने के बाद प्रशासन भी नींद से जागा है. इस मामले में डीएम ने मनरेगा लोकपाल से रिपोर्ट तलब की है.

वहीं शमी के बड़े भाई मोहम्मद हसीब का कहना है कि इस मामले से मोहम्मद शमी का कोई लेना देना नहीं है, उनका नाम बेवजह इसमें घसीटा जा रहा है.
इस स्टोरी का वीडियो यहां देखिए-
Related posts:
- चित्रा त्रिपाठी के शो के नाम पर भिड़े आजतक-ABP - April 25, 2025
- भाईचारे का रिसेप्शन और नफ़रत पर कोटा का सोटा - April 21, 2025
- 3 क़ातिल बेगम: ड्रम, ड्रेन और डंक - April 18, 2025