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वर्ल्ड कप में पाकिस्तान से पहली हार भूल अगले मैचों पर फोकस ज़रूरी; पाकिस्तान से हार की तीन वजह- ओवर-कॉन्फिडेंस, ओवर-हाइप, ओवर-बर्न; शाहीन अफ़रीदी जैसे स्ट्राइक बोलर की ज़रूरत, उमरान मलिक पर सोचा जाए

 


नई दिल्ली (24 अक्टूबर)।

वर्ल्ड कप के 46 साल के
इतिहास में जो पहले कभी नहीं हुआ, वो 24 अक्टूबर को दुबई में हो गया.12 मैचों
में अजेय रहने वाला भारत इस 13 वें मुक़ाबले में पाकिस्तान से हार गया. अनलकी 13
मैच में हार भी ऐसी-वैसी नहीं दस विकेट की हार.

उम्मीद की जानी चाहिए कि ये
हार टीम इंडिया के हर खिलाड़ी को झटका दे कर उठाने वाली होगी जिससे कि वे वर्ल्ड
कप के बाकी मैचों में अपना बेस्ट दे सकें.

अभी भारत
के चार मैच और हैं सेमीफाइनल से पहले, उनमें न्यूज़ीलैंड जैसी सशक्त टीम से
31 को भिड़ना है. फिर 3,5 और 8 नवंबर को टीम इंडिया को अफ़गानिस्तान, स्कॉटलैंड और नामिबिया से भिड़ना होगा. इन तीनों टीमों में से किसी को
हल्के में लेने भूल नहीं करनी चाहिए. वैसी भूल जो हमने पाकिस्तान को अंडर एस्टीमेट
कर पहले मैच में की. ठीक है भारत के हक़ में वर्ल्ड कप का इतिहास था. लेकिन मैच
इतिहास को नहीं हमारी टीम के मौजूदा प्लेयर्स को ही खेलना था.

तो क्या
वजह रही कि इस मैच में पाकिस्तान की पूरी तरह इकतरफा जीत की. 
हमारी टीम के इस मैच में पूरी तरह आउट
क्लास होने के दो बड़े कारण रहे
ओवर कॉन्फिडेंस और 
ओवर
हाइप.

मैच से पहले देश में जिस तरह का माहौल बनाया गया उससे टीम इंडिया पर दबाव
बढ़ा. इसमें मीडिया के एक वर्ग का भी बड़ा हाथ रहा. अगर भारत जीत जाता तो मैच
का महाराज कौन गा रहे होते
? अब हार गए तो ढूंढ रहे हैं मुजरिम कौन?

 ऐसा नहीं कि टीम इंडिया ने
मैच में दम नहीं लगाया, बस ये दिन ही भारत का नहीं था. विराट कोहली ने मैच के बाद
जिस तरह मीडिया कॉन्फ्रेंस में सवालों के जवाब दिए वो तारीफ के काबिल है. मैच के
बाद जिस तरह
विराट
ने पाकिस्तान के ओपनर मोहम्मद रिज़वान को गले लगा कर बधाई दी वो भी दिल छूने वाली
थी. खिलाड़ी भावना की शानदार मिसाल.

 अब आते
हैं उन वजहों पर जो इस मैच में भारत की हार के कारण बनीं. सितंबर के शुरू में
पाकिस्तान के कप्तान बाबर आज़म ने एक बात बोली थीं. वो ये कि पाकिस्तान से ज़्यादा
दबाव मैच में भारत पर होगा. उसकी वजह बाबर ने ये बताई थी कि टीम इंडिया ग्रुप के
तौर पर टी
20 लम्बे वक़्त से नहीं खेली. आईपीएल में
टीम इंडिया के खिलाड़ी अलग अलग टीमों से खेलते हैं ग्रुप में नहीं.


आईपीएल
से पहले भी भारत की टीम के साथ अज़ब प्रयोग किया गया था कि विराट के नेतृत्व में एक
टीम इंग्लैंड में खेल रही थी तो एक शिखर धवन की अगुवाई में श्रीलंका में. ये कैसी
वर्ल्ड कप की तैयारी रही. शिखर धवन खुद ही टीम से बाहर.

एक और पहलू है और वो है हमारे
प्लेयर्स का साल भर क्रिकेट खेलते रहने की वजह से ओवरबर्न होना…

 पिछले
सारे टी 20 वर्ल्ड की तुलना में एक और बड़ा फ़र्क था, धोनी का टीम इंडिया के साथ
नहीं होना.ठीक है मेंटर के तौर पर धोनी यूएई में मौजूद हैं लेकिन वो मैदान में
नाज़ुक मौकों पर टीम को संभालने के लिए खुद मैदान में नहीं आ सकते. 

अब धोनी क्यों
धोनी हैं
, ये भी सबको समझ आ जाना चाहिए…

 

पाकिस्तान
की जीत शाहीन अफ़रीदी का बोलिंग में अपनी टीम को ड्रीम
स्टार्ट देने का भी बड़ा हाथ रहा. भारत को उनकी टक्कर का स्ट्राइक बोलर चाहिए जो दस विकेट की इस हार
से साफ हो जाता है. ऐसा बोलर जो शुरुआत में ही विरोधी टीम को दबाव में ला
दे. क्या ये जवाब उमरान मलिक की
150 किलोमीटर
प्रति घंटे की रफ्तार से मिल सकता है.

प्रयोग
करने में कोई बुराई नहीं. पूरी तरह फिट नहीं हार्दिक पांड्या की जगह उमरान को
खिलाने पर सोचना चाहिए. उमरान को
BCCI ने दुबई
में ही रोक रखा है.

 अब जो
भी है टीम इंडिया को संडे के सडन डैथ वाले मैच को भुला कर वर्ल्ड कप के आगे के
मैचों पर फोकस करना चाहिए. पाकिस्तान से बाज़ी पलटने का मौका सेमीफाइनल या फाइनल
में भी मिल सकता है.

चक दे ओ चक दे इंडिया…

 

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मन की वीणा

विश्लेषणात्मक आलेख।
सटीक जानकारी युक्त,आगे के लिए आगाह करती।

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

आपकी इस प्रविष्टि के लिंक की चर्चा कल बुधवार (27-10-2021) को चर्चा मंच         "कलम ! न तू, उनकी जय बोल"     (चर्चा अंक4229)       पर भी होगी!

सूचना देने का उद्देश्य यह है कि आप उपरोक्त लिंक पर पधार करचर्चा मंच के अंक का अवलोकन करे और अपनी मूल्यवान प्रतिक्रिया से अवगत करायें।
— 
हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'   

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