यमन में भारतीय नर्स निमिषा प्रिया के सिर पर लटक रहा मौत का फंदा

यमन के राष्ट्रपति ने निमिषा की सज़ा-ए-मौत पर लगाई मंज़ूरी की मुहर

3.5 करोड़ डॉलर की ‘ब्लड मनी’ के भुगतान से ही मिल सकती है माफ़ी

-खुशदीप सहगल

नई दिल्ली (7 जनवरी)|

यमन की जेल में बंद 36 साल की भारतीय नर्स निमिषा प्रिया को क्या एक महीने में ही सज़ा ए मौत दे दी जाएगी?  या निमिषा की सज़ा करीब साढ़े तीन करोड़ रुपए की ब्लड मनी देकर माफ़ करा ली जाएगी?  यमन के क़ानून के मुताबिक निमिषा की बड़ी उम्मीद भी 30 दिसंबर 2024 को उस वक्त ख़त्म हो गई जब यमन के राष्ट्रपति रशद अल अलीमी ने निमिषा की मौत की सज़ा पर अपनी मुहर लगा दी. अब निमिषा के परिवार के लिए ब्लड मनी देकर ही निमिषा को मौत के फंदे से बख्शवाने का विकल्प बचा है.

कौन हैं निमिषा प्रिया?  यमन में किसकी हत्या के आरोप में निमिषा को मौत की सज़ा सुनाई गई? क्या होती है ब्लड मनी?  देशनामा आपको इस स्टोरी में सब बताने जा रहा है, लेकिन उससे पहले आपसे अपील है कि हमारे चैनल को सब्सक्राइब करने के साथ घंटी वाला नोटिफिकेशन का बटन ज़रूर दबा दें, जिससे हमारे सभी नए वीडियोज़ आप तक पहुंचते रहें.

आइए अब बताते हैं केरल के पलक्कड़ की मूल निवासी निमिषा प्रिया के बारे में…दिहाड़ी मजदूर पिता और हाउसमेड का काम करने वाली के घर में जन्मी निमिषा ने तमाम मुश्किल हालात में नर्सिंग की पढ़ाई पूरी की. 2008 में निमिषा महज़ 19 साल की थी तो बेहतर भविष्य की आस में यमन का रुख किया. यमन की राजधानी सना में निमिषा ने एक क्लिनिक में बतौर नर्स काम करना शुरू कर दिया.

2011 में निमिषा ने भारत आकर इडुक्की के रहने वाले टॉमी थॉमस से शादी की. शादी के बाद निमिषा पति को भी यमन ले गई. थॉमस को सना में इलेक्ट्रिशियन असिस्टेंट की नौकरी मिली लेकिन तनख्वाह बहुत कम थी. 2012 में निमिषा और थॉमस की बेटी मिशेल का जन्म हुआ. यमन में गुजारा मुश्किल हो गया तो 2014 में बेटी मिशेल को लेकर केरल लौट आए और ई रिक्शा चलाना शुरू कर दिया. निमिषा प्रिया भी यमन में क्लिनिक में बतौर नर्स मिलने वाली सैलरी से खुश नहीं थीं. निमिषा ने यमन में अपना क्लिनिक खोलने का फैसला किया. लेकिन यमन के क़ानून के मुताबिक बिना किसी स्थानीय नागरिक को पार्टनर बनाए क्लिनिक या अन्य कोई बिज़नेस वेंचर शुरू नहीं किया जा सकता.

ऐसे में निमिषा ने सना में कपड़े की दुकान चलाने वाले तलाल अब्दो महदी से संपर्क किया जिससे क्लिनिक खोला जा सके. दरअसल महदी की पत्नी की डिलिवरी निमिषा प्रिया ने ही करवाई थी. इसलिए महदी का उस क्लिनिक में आना जाना था जिसमें निमिषा नर्स की नौकरी करती थी. महदी क्लिनिक खुलवाने में निमिषा की मदद को तैयार हो गया.

जनवरी 2015 में निमिषा पति थॉमस और बेटी मिशेल से मिलने भारत आईं तो महदी भी निमिषा के साथ आया. महदी ने निमिषा से कहा था कि उसकी भी केरल घूमने की इच्छा है. भारत में प्रवास के दौरान ही महदी ने निमिषा की शादी की एक तस्वीर चुरा ली. इसी फोटो से छेड़छाड़ कर महदी ने आगे चलकर यमन में कोर्ट में निमिषा के पति होने का दावा किया. निमिषा ने यमन में क्लिनिक खोलने के लिए केरल में मोटी रकम का इंतज़ाम किया. इस काम में रिश्तेदारों ने निमिषा की मदद की. निमिषा ने तब पति थॉमस और बेटी को साथ यमन ले जाने के लिए कागज़ी कार्रवाई भी शुरू कर दी. लेकिन मार्च 2015 में यमन में गृह युद्ध छिड़ गया. भारत ने अप्रैल मई 2015 तक भारतीय नागरिकों को यमन से निकालने के लिए ऑपरेशन राहत चलाया. 4600 भारतीय नागरिकों को यमन से निकाला गया.

लेकिन निमिषा ने क्लिनिक से अच्छी कमाई की संभावना को देखते हुए यमन में ही रहने का फैसला किया. 2016 आते आते महदी ने अपना असली रंग दिखाना शुरू कर दिया. महदी जहां निमिषा का उत्पीड़न करने लगा वहीं क्लिनिक का प्रॉफिट भी हड़पने लगा. निमिषा का पासपोर्ट भी महदी ने जबरन छीन लिया. निमिषा ने महदी की शिकायत पुलिस में दर्ज कराई. महदी ने पुलिस को शादी की एडिटेड फोटो दिखा कर दावा किया कि वो निमिषा का पति है. तब निमिषा को छह दिन के लिए जेल में भी रहना पड़ा. उधर निमिषा की शिकायतों के आधार पर महदी को भी कई बार जेल जाना पड़ा. निमिषा के मुताबिक जेल के वार्डन ने ही उसे सलाह दी थी कि वो महदी को बेहोशी का इंजेक्शन देकर अपना पासपोर्ट वापस ले सकती है. आरोप के मुताबिक जुलाई 2017 में महदी ड्रग्स के असर में था तो निमिषा ने उसे बेहोशी का इंजेक्शन दिया. लेकिन डोज़ ज्यादा होने की वजह से महदी की मौत हो गई. ऐसे में महदी की लाश को ठिकाने लगाने के लिए निमिषा ने अपनी एक नर्स दोस्त हानन से मांगी. इसके बाद महदी की लाश के टुकड़े कर वाटरटैंक में डाल दिया. अगस्त 2017 में निमिषा और हानन को गिरफ्तार किया गया. बाद में निमिषा को मौत की सज़ा और हानन को उम्र कैद सुनाई गई. सुप्रीम ज्यूडिशियल काउंसिल ने भी इस सज़ा को बरकरार रखा. निमिषा की माफी की अपील यमन के सुप्रीम कोर्ट ने 2023 में खारिज कर दी. यमन के राष्ट्रपति ने भी 30 दिसंबर 2024 को निमिषा की मौत की सज़ा पर अपनी मंज़ूरी की मुहर लगा दी.

निमिषा के परिवार के वकील सुभाष चंद्रन केआर के मुताबिक यमन में राष्ट्रपति की ओर से मौत की सज़ा पर मंज़ूरी के बाद एक महीने के अंदर उस पर अमल कर दिया जाता है. ऐसे में निमिषा के परिवार को उसे बचाने के लिए साढ़े तीन करोड़ रुपए की ब्लड मनी इकट्ठा करने के लिए बहुत कम वक्त बचा है. निमिषा की सज़ा माफ कराने के लिए अब यही रास्ता बचा है. शरिया कानून के मुताबिक महदी का परिवार ब्लड मनी लेने के लिए तैयार हो जाए तो निमिषा की सज़ा माफ हो सकती है. ब्लड मनी के इस विकल्प को स्थानीय भाषा में दिया कहा जाता है. 2020 में निमिषा को बचाने के लिए सेव निमिषा प्रिया इंटरनेशनल एक्शन काउंसिल का गठन किया गया. इसमें दुनिया भर से चंदा जुटाया जा रहा है. बताया जा रहा है कि केरल के एक बिजनेसमैन ने इसके लिए एक करोड़ रुपया देने की हामी भरी. निमिषा की मां प्रेमा कुमारी पिछले साल के शुरू में यमन की राजधानी सना पहुंची थीं. वो निमिषा की मौत की सजा माफ करवाने और महदी के परिवार के साथ ब्लड मनी के लिए बातचीत करने के लिए काम कर रही थीं. प्रेमा कुमारी निमिषा प्रिया इंटरनेशनल एक्शन काउंसिल से जुड़े सैमुअल जेरोम के घर पर रहती हैं. सैमुअल जेरोम एनआरआई सामाजिक कार्यकर्ता हैं और काउंसिल की गतिविधियों का समन्वय करते हैं.

इस बीच भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने 31 दिसंबर 2024 को एक बयान में कहा कि सरकार निमिषा के मामले की जानकारी रख रही है और उनके परिवार की मदद के लिए हर संभव कानूनी कदम उठाए जाएंगे. 2023 में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भी निमिषा को लेकर बयान दिया था कि सभी विकल्पों पर विचार किया जा रहा है.

जब भी ब्लड मनी का नाम लिया जाता है तो दुबई में भारतीय मूल के होटल कारोबारी डॉ एसपीएस ओबरॉय का नाम खुद-ब-खुद ज़ुबान पर आ जाता है. खाड़ी के देशों में ओबराय कम से कम 142 लोगों की मौत की सज़ा ब्लड मनी के ज़रिए माफ करा चुके हैं. इसके लिए वो अपनी जेब से 26 लाख डॉलर का भुगतान कर चुके हैं. याद  कीजिए 2011 में यूएई में एक पाकिस्तानी नागरिक की हत्या के सिलसिले 17 भारतीय नागरिकों को मौत की सज़ा सुनाई गई थी. ओबरॉय ने इनके लिए 14 लाख डॉलर की ब्लड मनी जुटा कर इन 17 भारतीयों के स्वदेश लौटने का इंतज़ाम किया था.

अब देखना होगा कि निमिषा प्रिया का क्या होता है. क्या ब्लड मनी से मिल जाएगी निमिषा को माफ़ी या एक महीने में हो जाएगा निमिषा की सज़ा ए मौत पर अमल.

देखें वीडियो- 

इतने करोड़ ब्लड मनी देने से बचेगी भारतीय नर्स