अहिंसा बनाम हिंसा की बहस…खुशदीप

बीता कल यानि इतिहास….

सम्राट अशोक ने अपने राज्याभिषेक के 8वें वर्ष  में कलिंग पर आक्रमण किया था…तेरहवें शिलालेख के अनुसार कलिंग युद्ध में एक लाख पचास हजार व्यक्‍ति बन्दी बनाकर निर्वासित कर दिए गए, एक लाख लोगों की हत्या कर दी गई…सम्राट अशोक ने भारी नरसंहार को अपनी आँखों से देखा…कलिंग युद्ध ने अशोक के हृदय में महान परिवर्तन कर दिया…उसका हृदय मानवता के प्रति दया और करुणा से उद्वेलित हो गया…उसने युद्ध क्रियाओं को सदा के लिए बन्द कर देने की प्रतिज्ञा की…यहाँ से आध्यात्मिक और धम्म विजय का युग शुरू हुआ…उसने बौद्ध धर्म को अपना धर्म स्वीकार किया…

आज यानि वर्तमान…

चार दिन पहले यमन के तानाशाह राष्ट्रपति अली अब्दु्ल्लाह सालेह 32 साल के शासन के बाद अहिंसक आंदोलनकारियों की मांग के आगे झुकते हुए सत्ता के शांतिपूर्ण हस्तांतरण को तैयार हो गए हैं…

पिछले साल के आखिर में मध्यपूर्वी देश ट्यूनीशिया में तानाशाही सत्ता के खिलाफ शुरू हुए अहिंसक जनविद्रोह (जास्मिन क्रांति) ने जिन अल अबिदीन बेन अली के तेइस साल के शासन को उखाड़ फेंका…

जास्मिन क्रांति की इसी लहर ने मिस्र, जार्डन, अल्जीरिया, यमन जैसे देशों में सत्ता परिवर्तन का रास्ता तैयार किया…ये सारे वो देश है जहां हुक्मरान बरसों से सत्ता पर कुंडली मारे बैठे थे…यह आंदोलन रक्तहीन क्रांति का पर्याय माना जा रहा है…मिस्र में तहरीर चौक पर शांति से बैठे आंदोलनकारियों पर होस्नी मुबारक के अपनाए सारे दमनकारी तरीके बेकार साबित हुए…होस्नी को सत्ता छोड़नी पड़ी…अब मिस्र के सैनिक हुक्मरान लोकतांत्रिक सरकार लाने में आनाकानी करने लगे तो आंदोलनकारी फिर तहरीर चौक पर जुट गए…अब ये सैनिक शासक जल्द ही अंतरिम सरकार लाने और जुलाई तक लोकतांत्रिक सरकार के गठन की बात कर रहे हैं..

अहिंसा बनाम हिंसा की बहस में मेरा ये प्रिय गीत भी सुन लीजिए…

 
जब ज़ीरो दिया मेरे भारत ने, दुनिया को तब गिनती आई,
तारों की भाषा भारत ने, दुनिया को पहले सिखलाई,


देता न दशमलव भारत तो, यूं चांद पे जाना मुश्किल था,
धरती और चांद की दूरी का, अंदाज़ लगाना मुश्किल था,


सभ्यता जहां पहले आई, पहले जनमी है जहां पे कला,
अपना भारत वो भारत है, जिसके पीछे संसार चला,


संसार चला और आगे बढ़ा, ज्यूं आगे बढ़ा, बढ़ता ही गया,
भगवान करे ये और बढ़े, बढ़ता ही रहे और फूले-फले…


है प्रीत जहां की रीत सदा, मैं गीत वहां के गाता हूं,
भारत का रहने वाला हूं, भारत की बात सुनाता हूं,


काले-गोरे का भेद नहीं, हर दिल से हमारा नाता है,
कुछ और न आता हो हमको, हमें प्यार निभाना आता है,


जिसे मान चुकी सारी दुनिया, मैं बात वही दोहराता हूं,
भारत का रहने वाला हूं, भारत की बात सुनाता हूं,


जीते हों किसी ने देश तो क्या, हमने तो दिलों को जीता है,
जहां राम अभी तक है नर में, नारी में अभी तक सीता है,


इतने पावन हैं लोग जहां, मैं नित-नित शीश झुकाता हूं,
भारत का रहने वाला हूं, भारत की बात सुनाता हूं,


इतनी ममता नदियों को भी, जहां माता कहके बुलाते हैं,
इतना आदर इन्सान तो क्या, पत्थर भी पूजे जातें हैं,


उस धरती पे मैंने जन्म लिया, ये सोच के मैं इतराता हूं,
भारत का रहने वाला हूं, भारत की बात सुनाता हूं…

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राजन
13 years ago

ताकत और काबिलियत के मामले में हम कभी भी किसी से कम नहीं रहे बस कमी रही तो एक अच्छे नेतृत्व की जो कि आज तक बनी हुई है.

सुज्ञ
13 years ago

बहुत ही खुबसूरत भाव उमड़ पड़े।

काश कि भारत पूरी दुनिया को अहिंसक बना देने में समर्थ हो!!

शुभकामनाएं

DR. ANWER JAMAL
13 years ago

श्री रामचंद्र जी और उनके भाईयों की शादी की सालगिरह है माह मार्गशीर्ष के शुक्ल पक्ष के पांचवे दिन यानि कि आज।
सभी रामप्रेमियों को बहुत बहुत बधाई।

अनुपमा पाठक

इतने पावन हैं लोग जहां, मैं नित-नित शीश झुकाता हूं,
शीश झुका कर वंदन!

Atul Shrivastava
13 years ago

सच में भारत ने दुनिया को काफी कुछ दिया है।
इस गीत को भला कौन पसंद नहीं करेगा…..
बेहतरीन।

डॉ टी एस दराल

बेशक देश के अन्दर अहिंसा से भी लड़ा जा सकता है ।
लेकिन सीमाओं दुश्मन के साथ हिंसा ही काम आती है ।

बहुत सुन्दर गाना है ।

DR. ANWER JAMAL
13 years ago

Nice post .
भारत का रहने वाला हूँ, भारत की बात सुनाता हूँ…
http://niraamish.blogspot.com/2011/11/mass-animal-sacrifice-on-eid.html

shikha varshney
13 years ago

ओह हो क्या गीत लगा दिया ..मेरा पसंदीदा गीत.

Satish Saxena
13 years ago

सत्य बचन खुशदीप भाई, मेरा बरसों से मन पसंदीदा गीत है यह !
शुभकामनायें आपको !

डॉ. महफूज़ अली (Dr. Mahfooz Ali)

भारत का रहने वाला हूँ, भारत की बात सुनाता हूँ….. मेरा प्रिय गीत है, आराम से सुनता हूँ.

अजित गुप्ता का कोना

मेरा प्रिय गीत है, आराम से सुनती हूं।

Unknown
13 years ago

अब ये भी है बहुत कि तुम्हें याद आ सकूँ

http://iamsheheryar.blogspot.com/2011/11/blog-post.html

Unknown
13 years ago

आपकी बातें सौ फिसद सच है खुशदीप साहब, लेकिन कभी कभी अमन की हिफाज़त के लिए शासकों को हिंसा को भी अपनाना ज़रूरी होता है.

प्रवीण पाण्डेय

भारत का रहने वाला हूँ, भारत की बात सुनाता हूँ।

vandana gupta
13 years ago

बस अब भारत का नम्बर है देखो कब बदलाव की बयार चलेगी।

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