Watch: कौन हैं नूर सजात? क्या वाकई की इस्लाम की बेअदबी?


नूर खुद को बतातीं औरत लेकिन मलेशिया सरकार मानती है मर्द, महिला वाली धार्मिक पोशाक ‘बाजु कूरंग’ पहनने से विवाद, एक साल से भागते रहने के बाद ऑस्ट्रेलिया सरकार ने दी शरण, धार्मिक जानकार की दलील- सिर्फ़ आप खुद को महिला समझें, इसलिए लेडीज़ टॉयलेट जाना चाहें तो इजाज़त नहीं दी जा सकती



नई दिल्ली (23 नवंबर)।

नूर सजात कमरूज़्ज़मा…कौन हैं 36 साल की नूर जिन्हें इस्लाम के अपमान का दोषी मानते हुए मलेशिया ने देश में वापस लाने के लिए एड़ी चोटी का ज़ोर लगाया हुआ है. नूर फिलहाल ऑस्ट्रेलिया में हैं. अक्टूबर में सिडनी पहुंची नूर को ऑस्ट्रेलिया में शरण मिल चुकी है. 


मलेशिया में चर्चित मॉडल और कॉस्मेटिक्स कारोबार में खासी पहचान रखने वाली नूर सजात ट्रांसजेंडर महिला है. नूर पर आरोप था कि उन्होंने मलयेशियाई प्रांत सेलेंगोर में एक प्राइवेट धार्मिक प्रोग्राम में लंबे बाजू वाली महिलाओं की कुर्ते जैसी पोशाक बाजू कुरंग पहन रखी थी. 

Nur Sajat controversial dress photo (File)


मलेशिया के धार्मिक कानून के मुताबिक नूर का इस तरह के कपड़े पहनना अपराध है और ब्लैसफमी यानि ईशनिंदा के तहत आता है. 

नूर के खिलाफ इससे पहले भी तब विवाद हुआ था जब मक्का की यात्रा के दौरान उन्होंने महिलाओं की धार्मिक पोशाक पहने अपनी तसवीर सोशल मीडिया पर पोस्ट की थी. 

Nur Sajat Instagram file



उन्होंने लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंचाने के लिए माफ़ी मांग ली लेकिन इससे बात ख़त्म नहीं हुई और उनके ख़िलाफ़ आपराधिक जांच शुरू हो गई. 

दरअसल मलेशिया की अथॉरीटीज नूर को पुरुष मानती हैं और नाम लेते हुए भी वैसे ही संबोधित करती है. नूर सजात के ख़िलाफ़ इस साल जनवरी में मलेशिया में ऐसे आरोप लगाए जिनके साबित होने पर उन्हें तीन साल की सजा हो सकती है. सजात फरवरी में भागकर बैंकॉक थाईलैंड पहुंच गईं. वहां भी दिक्कतों ने नूर का पीछा नहीं छोड़ा. सितंबर में थाईलैंड के बैंकॉक से नूर की गिरफ्तारी की ख़बर भी आई. 

मलेशिया ने नूर का पासपोर्ट रद कर रखा था इसलिए थाईलैंड में नूर की एंट्री को अवैध मानते हुए वहां के इमिग्रेशन डिपार्टमेंट ने ये कार्रवाई की थी. मलेशिया ने नूर के एक्स्ट्रडिशन की मांग की लेकिन तब तक संयुक्त राषट्र की ओर से नूर को रिफ्यूजी स्टेट्स दिया जा चुका था. इसका मतलब था कि थाईलैंड नूर को डिपोर्ट नहीं कर सकता था. फिर थाईलैंड ने भी नूर को ऑस्ट्रेलिया में शरण मांगने के लिए आवेदन करने की छूट दे दी. 

नूर ने सात साल पहले खुद को सोशल मीडिया पर प्रमोट करना शुरू करने के साथ अपने ब्यूटी प्रोडक्ट विकसित किए. उनकी कंपनी Nur Sajat Aesthetic ब्रैंड के तौर पर जाना जाने लगा. नूर के अपने ऑनलाइन रियलिटी शो नूर सजात रेटेड एक्स्ट्रा ने उन्हें मलेशिया में हाउसहोल्ड नाम बना दिया. जब सोशल मीडिया पर लाखों फॉलोअर्स के साथ नूर का दर्जा सेलेब्रिटी जैसा हो गया तो उनकी जेंडर आइडेन्टिटी को लेकर सवाल उठने लगे. ये कुछ ऐसा नहीं था जिसे नूर ने सीक्रेट रखा था. 

नूर ने 2013 में थाईलैंड में ट्रांसजेंडर कॉन्टेस्ट में हिस्सा लेकर ड़ॉन्सिंग अवार्ड जीता था. नूर के गोद लिए दो बच्चे- बेटा और बेटी है जो फिलहाल मलेशिया में ही रह रहे हैं और नूर का परिवार उनकी देखरेख कर रहा है.
नूर का कहना है कि वो इंटरसेक्स हैं. इंटरसेक्स के तहत वो लोग आते हैं जो सामान्‍य रिप्रोडेक्टिव ऑर्गन्स यानि प्रजनन अंगों के साथ नहीं पैदा होते. ये दिखने में तो महिला या पुरुष की तरह नजर आते हैं लेकिन प्रजनन अंग उस जेंडर के नहीं होते. 

2017 में नूर सजात ने ऐलान किया था कि वो अब पूरी तरह से महिला हैं और इसे साबित करने के लिए उन्होंने डॉक्टर की रिपोर्ट भी सोशल मीडिया पर पोस्ट की थी.

बता दें कि मलेशिया में जन्म का जेंडर बदलने वालों से जैसी सख्ती बरती जाती है वैसा इंटरसेक्स लोगों के साथ नहीं होता. मलेशिया में इस्लाम विकास विभाग उन्हें इस बात का सबूत चाहिए कि वो इंटरसेक्स पैदा हुईं थीं. सितंबर में मलेशिया के धार्मिक मामलों के मंत्री इदरीश अहमद ने कहा था कि अगर कोई अपनी मूल प्रकृति और पहचान में लौट आता है तो हमें कोई समस्या नहीं है और हम उन्हें सज़ा देना नहीं चाहते बल्कि शिक्षित करना चाहते हैं.” 


 मलेशिया के प्रांत पेरलिस के वरिष्ठ इस्लामी सलाहकार और मुफ़्ती मोहम्मद असरी जैनुल आबीदीन का कहना है कि सजात के गुनाह को कभी स्वीकार नहीं करेंगे. अगर आपको सिर्फ़ ये महसूस होता है कि आप एक महिला हैं और इस आधार पर आप महिलाओं के टॉयलेट में जाना चाहते हैं, तो आप ऐसा नहीं कर सकते.” 
 
मलेशिया में दो तरह का लीगल सिस्टम है.इस्लामिक और शरिया बहुसंख्यक मुस्लिम आबादी, और एक सिविक कानून. यहां के तेरह प्रांतों और तीन केंद्र शासित इलाक़ों में पारिवारिक और नैतिक मामलों में इस्लाम का शरिया क़ानून प्रभावी है. इससे LGBTQ समुदाय को ख़ासी दिक्कतें होती हैं.

इस्लाम न सिर्फ़ मलेशिया का अधिकारिक धर्म है बल्कि इसे मलय लोगों की अहम पहचान भी माना जाता है. मलय लोग मलेशिया का सबसे बड़ा नस्लीय समूह भी है. इसलिए वोटरों को लुभाने के लिए राजनीतिक दलों की ओर से सख्त इस्लामी मूल्यों की सुरक्षा का वादा किया जाता है. 


जहां तक नूर सजात का सवाल है, वो ऑस्ट्रेलिया में खुद को सुरक्षित मान रही हैं, शरण देने के लिए वो खुद को ऑस्ट्रेलियाई सरकार का शुक्रगुज़ार भी बताती हैं. हालांकि नूर अपने गोद लिए बेटे और बेटी की बहुत कमी भी महसूस कर रही हैं.
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