रमज़ान में दिल्ली जामा मस्जिद पर हर दिन इफ़्तार कराती हैं नेहा भारती
नेहा भारती कहती हैं- नफ़रतें जितनी भी फैलें, मुहब्बतें हमेशा ज़िंदा रहेंगी
अपने NGO राह के ज़रिए गरीब बच्चों की भी मदद करती हैं नेहा भारती
-खुशदीप सहगल
नई दिल्ली, (8 मार्च 2025)|
मुहब्बत है मेरा पैग़ाम, दूर तलक पहुंचे…
यही मानना है नेहा भारती का. दिल्ली के चावड़ी बाज़ार इलाके में रहने वाली नेहा भारती रमज़ान के महीने में हर दिन एक काम करना कभी नहीं भूलतीं. वो है जामा मस्जिद पहुंच कर रोज़ेदारों को इफ्तार कराना. पहले नेहा अकेले ये काम करती थीं, अब उनके माता पिता और परिवार के अन्य सदस्य भी इस नेक़ काम में उनका साथ देते हैं.

नेहा मानती हैं कि देश के सभी त्योहार साझा है और सबपहले की तरह मिलजुलकर एक-दूसरे के त्योहार मनाएं और आपस में प्यार-मुहब्बत से रहें. नेहा दिल्ली विश्वविद्यालय से पॉलिटिकल साइंस में मास्टर्स करने के बाद अपनी आगे की पढ़ाई पूरी कर रही हैं.
नेहा का कहना है कि भारत गंगा जमुनी तहज़ीब का देश है. ये ऐसा गुलदस्ता है जिसमें तरह-तरह के फूलों की सुंदरता पूरी दुनिया में इसे अलग ही पहचान देती है. सदियों से यहां सब मिलजुल कर रहते आए हैं और प्यार मुहब्बत से एक दूसरे के त्योहारों में शरीक होकर खुशियां मनाते रहे हैं. ये प्यार-मुहब्बत का सिलसिला चलते रहना चाहिए. हमें एक दूसरे के रीतिरिवाजों का सम्मान करते हुए इंसानियत की खिदमत में अपना हाथ बंटाना चाहिए.

नेहा ने अपनी इसी सोच को असलियत में बदलने के लिए जामा मस्जिद में रोज़ेदारों को इफ्तार का सिलसिला शुरू किया. नेहा का इफ्तार बांटने का तरीका बहुत ही अनोखा है. वह न केवल रोजेदारों के लिए इफ्तार तैयार करती हैं, बल्कि हर दिन अलग अलग तरह का खाना बांटती हैं. ये सब खाना नेहा घर पर परिवार की मदद से खुद ही तैयार कराती हैं. नेहा के नेक जज़्बे ने उन्हें सोशल मीडिया पर पहचान दिलाई है. जहां लोग नेहा की सराहना कर रहे हैं, वहीं इस सबाब के काम में हाथ बंटाने के लिए आगे भी आ रहे हैं.

इंस्टाग्राम पर नेहा के 2 लाख 92 हज़ार फॉलोअर्स हैं. इंस्टा प्रोफाइल में नेहा ने खुद को सोशल एक्टिविस्ट बता रखा है.
वो राह नाम के एनजीओ की फाउंडर हैं. फेसबुक पर भी नेहा के एक लाख दस हजार फॉलोअर्स हैं.
नेहा अपने एनजीओ राह के ज़रिए ग़रीब बच्चों की पढ़ाई, कॉपी-किताब, ड्रेस, खाना आदि मुहैया कराने में भी मदद करती हैं. इसके अलावा भी अनेक तरह के चैरिटी कार्यों में नेहा का हिस्सा लेती हैं. नेहा का कहना है कि वो आज जो कुछ भी कर पा रही हैं, उसमें माता-पिता के आशीर्वाद का बडा रोल है. नेहा का कहना है कि उनके परिवार ने उन्हें हमेशा इंसानियत से मुहब्बत का पाठ पढ़ाया, साथ ही सिखाया- नफ़रत में कुछ नहीं रखा. नेहा का यह भी मानना है कि दुनिया में नफरतें जितनी भी फैल जाएं लेकिन मुहब्बतें हमेशा जिंदा रहेगी.
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