50 लाख के लालच में कुत्ते को पिता बनाया…खुशदीप

पैसे की हवस में इनसान किस हद तक गिर सकता है…इसके लिए सोमवार को अमर उजाला में छपी एक ख़बर पढ़ लेना ही काफ़ी है…इसी ख़बर को आज टाइम्स ऑफ इंडिया और नवभारत टाइम्स ने भी छापा है…हरियाणा के कुरुक्षेत्र के पास पिहोवा में लोग पिंडदान के लिए जाते हैं…लेकिन यहां दिल्ली के एक कलयुगी पूत ने पिता के जीते-जी ऐसा कारनामा कर डाला कि सारी इनसानियत शर्मसार हो गई…

एनआरआई पिता के बीमे की राशि हड़पने के मकसद से उसके बेटे ने पिता का दाहसंस्कार से लेकर पिंडदान तक कर डाला… दिखावे के लिए पिता की जगह कुत्ते का अंतिम संस्कार किया…उसने पिता का डेथ सर्टिफिकेट बनवाने में भी संकोच नहीं किया, लेकिन क्लेम मिलने से पहले ही जालसाजी से पर्दा उठ गया और युवक को गिरफ्तार कर लिया गया…

मामला थाना पिहोवा क्षेत्र का है…पिता का अमेरिकी इंश्योरेंस कंपनी इंटरमेस में पचास लाख का बीमा हो रखा है…कंपनी के पास क्लेम गया तो उसने अपने जांच अधिकारी फूल सिंह को पुष्टि के लिए भेजा…फूल सिंह ने बताया कि 23 जनवरी को दिल्ली निवासी चेतन ओबराय व 6 अन्य के खिलाफ फर्जी डेथ सर्टिफिकेट बनवाने का मामला दर्ज किया गया था…चेतन का कहना था कि अमेरिका में उसके भाई के पास रहने वाले एनआरआई पिता जनकराज ओबरॉय 22 जून 2010 को सरस्वती घाट पिहोवा आए थे, जहां उनकी हार्ट अटैक से मौत हो गई थी…

इस मामले की उच्चस्तरीय जांच कराई गई, तो फर्जीवाड़े में पिहोवा श्मशान घाट के पुरोहित रामलाल को भी शामिल पाया गया… उसने रजिस्टर में लिखा है कि जनकराज का अंतिम संस्कार पिहोवा के पुरोहित हेमंत ने करवाया….गवाह के तौर पर पिहोवा के ही सतपाल नामक पंडे के साइन भी हैं… इन लोगों ने पिहोवा नगरपालिका के तत्कालीन चेयरमैन महंत तरुण दास को भी घटना में शामिल कर लिया, जिन्होंने जनकराज के डेथ सर्टिफिकेट वाली फाइल पर साइन किए…हालांकि तरुण दास का कहना है कि वह चेतन को नहीं जानते…उन्होंने बतौर गवाह उनके पास आए पिहोवा के ही एक व्यक्ति के कहने पर ये साइन किए थे…

फूल सिंह के अनुसार, चेतन दिल्ली के विकासपुरी में रहता है और गुड़गांव के एक कॉल सेंटर में काम करता है…उसके बडे़ भाई हर्ष ओबराय भी अमेरिका में एनआरआई हैं…जनकराज आज भी उन्हीं के साथ रहते हैं…चेतन को पता था कि उसके पिता का अमेरिका में 50 लाख रुपये का बीमा है…फर्जीवाडे़ में चेतन के ताऊ राजेंद्र और एक रिश्तेदार मनोज भाटिया भी शामिल हैं…उच्चस्तरीय जांच में यह भी मालूम हुआ है कि पिहोवा के श्मशान घाट में दाहसंस्कार तो हुआ, लेकिन दिखावे के तौर पर एक कुत्ते का किया गया…पिहोवा थाना प्रभारी यशवंत सिंह यादव ने बताया कि चेतन को सोमवार को अदालत में पेश करके एक दिन के पुलिस रिमांड पर लिया गया है…

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18+…An Adult joke…Power of Media…Khushdeep

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Arunesh c dave
13 years ago

सही हुआ बेशर्म आदमियो को सजा मिलनी ही चाहिये

Unknown
13 years ago

kori gapp hai…ander khane kuch aur hi hai….

jai baba banaras……

Anil Pusadkar
13 years ago

azab teri duniya,gazab tere log?lalach jo na kareye kam hi hai.uska bhi dah sanskar ho hi jana chahiye aise logon ko jeene ka kya haq hai?

Prity
13 years ago

…पैसे की भूख इंसान को किसी भी हद तक गिरा सकती है ..
पर इन सब में बेचारा कुत्ता तो गया काम से…..

Udan Tashtari
13 years ago

बताओ भला…हद है!!!

राज भाटिय़ा

आज के जमाने मे लोग बाप की ज्यादाद ले कर बाप को कुते की तरह से दुतकार देते हे तो… कुते को बाप बनाने से क्यो पीछे रहे?
वैसे यह खबर बिलकुल गलत हे, यह अखबार वाले जगह भरने के लिये ऊल जलूल खबरे छाप देते हे, अमेरिका मे ५० लाख रुपये कोई माने नही रखते, ओर कोई भी इतना कम बीमा नही करबयेगा, फ़िर बीमे वाले भारत के इस क्रिया क्र्म को नही मानेगे, क्योकि इस लडके का बाप को जिन्दा अमेरिका मे रह रहा हे, ओर उस का बेटा भी तो अमेरिका मे हे.

डॉ टी एस दराल

पचास लाख तो बहुत बड़ी रकम है भाई । पांच लाख भी होती तो यही होता ।
वैसे कुत्ते को खामख्वाह जला दिया ।

Satish Saxena
13 years ago

धोबी का कुत्ता , न घर का न घाट का !!

प्रवीण पाण्डेय

कैसे कैसे लोग?

Gyan Darpan
13 years ago

एसा नीच इंसान यदि बाप पास में होता तो उसे भी मारकर बीमा राशि हडपने का प्लान बना लेता |

Arvind Mishra
13 years ago

पिता जी का क्या हुआ ? ज़िंदा तो हैं न ??
कि उनका डाह संस्कार तक नहीं हुआ ?

भारतीय नागरिक - Indian Citizen

अजीब बात है, कुछ भी हो सकता है, लेकिन लड़का मूर्खों जैसी हरकतें कर गया.

ब्लॉ.ललित शर्मा

परले दर्जे का माणस है, देखिए उसके इस अपराध में कितने लोग शामिल हैं। सारे के सारे मासूम लगते हैं पर हैं नहीं। धन किसे बुरा लगता है?

डा० अमर कुमार

चलो अच्छा है..
कम से कम गधे को बाप तो नहीं बनाया …
कुत्ते में तो फिर भी कुछ अकल होती है !
नाहक ही भसम कर दिया बेचारे को…

क्या पता इस सब फर्जीवाड़े में उसके पिताश्री की सहमति रही हो ?

anshumala
13 years ago

कहते है की जरुरत पड़ने पर तो गधे को भी बाप बनाते है फिर ये तो कुत्ता था और उसका भी बस दाह संस्कार किया था | वैसे पूरी कहानी में काफी तकनीकी झोल है जो विश्वास के काबिल नहीं लग रही है |

कमलेश वर्मा 'कमलेश'🌹

OBRAI SAHAB NE IS BACHCHE KE JANAM KE WAQT ACHCHHI TARAH DEKHA NAHI THA.KYONKI USI SAMAY YE ''KUTTA'' HI PAIDA HUA THA …SHARMNAK

दिनेशराय द्विवेदी

वह लालची ही नहीं, परले दर्जे का मूर्ख इंसान भी है।

sonal
13 years ago

कुत्ते को तो पिता बनाया पर पिता का क्या ?

नीरज गोस्वामी

Shame…Shame…Shame…

संजय कुमार चौरसिया

isi ko ghor kaliyug kahte hain janaabbbbb

अजित गुप्ता का कोना

अजीब सी घटना है। जब पिता जीवित हैं तो उसे बीमा की राशि कैसे मिल सकती है? भारत मे दाह संस्‍कार करने से कैसे काम चलेगा। पूछताछ तो अमेरिका में भी होगी ही।

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