सैफ़ अली ख़ान-करीना कपूर को 15,000 करोड़ रुपए का झटका!

 

सैफ़ अली ख़ान  की 15,000 करोड़ की पुश्तैनी प्रॉपर्टीज ख़ोने का ख़तरा

भोपाल स्थित सैफ़़ अली ख़ान की ख़ानदानी संपत्ति ‘एनेमी प्रॉपर्टीज’

सैफ़ की ग्रेट ग्रैंडमदर नवाब बेगम सुल्तान जहां ने 1901-30 में बदली भोपाल की तस्वीर

-खुशदीप सहगल

नई दिल्ली ( 7 जुलाई 2025)|

एक्टर सैफ़ अली ख़ान के लिए ये साल अच्छा नहीं रहा है. 2025 की पहली छमाही के शुरू में सैफ़ पर जहां उनके घर में घुसकर चाकू से हमला किया गया, वहीं साल की दूसरी छमाही के शुरू में ही मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने उन्हें भोपाल की पुश्तैनी संपत्ति को लेकर क़रारा झटका दिया है. भोपाल के नवाब हमीदुल्ला ख़ान के वारिसों की ओर से दायर अपील पर सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने ट्रायल कोर्ट के 25 साल पुराने फ़ैसले को रद्द कर दिया. साथ ही कहा कि संपत्ति विवाद की सुनवाई नए सिरे से की जाए.

यह विवाद नवाब हमीदुल्ला खान की पंद्रह हज़ार करोड़ रुपए की पैतृक संपत्ति को लेकर है, जिसमें सैफ अली खान की परदादी साजिदा सुल्तान का नाम भी जुड़ा हुआ है. साजिदा सुल्तान नवाब हमीदुल्ला की बड़ी बेगम की बेटी थीं, जिन्हें पहले यह संपत्ति दी गई थी.

हाई.कोर्ट ने निर्देश दिए हैं कि ट्रायल कोर्ट को इस मामले की सुनवाई एक साल के भीतर पूरी करनी होगी और फिर नया फैसला सुनाना होगा. इस नए घटनाक्रम से सैफ़ की परदादी साजिदा सुल्तान को मिली संपत्ति पर खतरा मंडराने लगा है. विवाद में बाकी वारिसों का दावा है कि मुस्लिम पर्सनल लॉ के तहत संपत्ति का बंटवारा सही ढंग से नहीं किया गया और उन्हें भी उनका हिस्सा मिलना चाहिए.

क्या है ये सारा माज़रा, कौन सी हैं ये प्रॉपर्टीज, सैफ़ अली ख़ान का क्या है इनसे कनेक्शन?

भोपाल स्थित 15,000 करोड़ की संपत्ति को लेकर सैफ़ के लिए लीगल प्रॉब्लम 2014 में शुरू हुई जब कस्टोडियन ऑफ एनिमी प्रॉपर्टी डिपार्टमेंट ने नोटिस जारी कर भोपाल में पटौदी परिवार की संपत्तियों को एनिमी प्रॉपर्टी घोषित कर दिया. सैफ ने इस नोटिस को 2015 में हाईकोर्ट में चैलेंज किया और इन प्रापर्टीज़ पर स्टे ले लिया. लेकिन 13 दिसंबर 2024 को हाईकोर्ट ने सैफ की याचिका खारिज कर दी और स्टे हटा दिया.

भोपाल में 15,000 करोड़ की ये प्रॉपर्टीज कोहेफिजा से चिकलोड तक फैली हैं. भोपाल 1949 तक एक मुस्लिम स्टेट रहा. भोपाल को 1956 में मध्य प्रदेश से जोड़ा गया.

आइए अब आपको एनिमी प्रॉपर्टी एक्ट 1968 के बारे में बताते हैं. एनिमी प्रॉपर्टी या शत्रु संपत्ति ऐसे संसाधनों को कहा जाता है जो उन लोगों के नाम हैं जो पार्टिशन के दौरान पाकिस्तान चले गए थे, और बाद में जिन्होंने भारतीय नागरिकता छोड़ दी थी. एनिमी प्रॉपर्टी एक्ट 1968 में संसद से पास हुआ. इसमें सरकार को हक दिया गया कि वो भारत स्थित एनिमी प्रापर्टीज़  के तहत आने वाली संपत्तियों को अपने कब्जे में ले सकती है.

अब जानते हैं कि सैफ़ के खानदान से जुड़ी भोपाल की प्रॉपर्टीज़ कैसे एनिमी प्रॉपर्टीज के तहत आईं. सैफ़ के दादा और आठवें नवाब ऑफ पटौदी इफ्तिखार अली खान की शादी भोपाल के आखिरी नवाब हमीदुल्ला  ख़ान की बेटी साजिदा सुल्तान से 1939 में बड़ी धूमधाम से हुई थी. साजिदा की छोटी बहन आबिदा पार्टिशन के बाद 1950 में पाकिस्तान चली गईं और वहां जाकर फारेन सर्विस ज्वाइन की. 1960 में हमीदुल्ला खान के इंतकाल के बाद साजिदा को उनका वारिस घोषित किया गया तो कराची में रहते हुए आबिदा ने इस फैसले को चुनौती दी और भोपाल की संपत्ति पर अपना भी दावा ठोका. यही बड़ी वजह है जो भोपाल की नवाबी संपत्ति को एनिमी प्रॉपर्टीज के तहत लाई.

सैफ के दादा इफ्तिखार अली खा के ससुर हमीदुल्ला खान 1930 में भोपाल के नवाब बने थे. इससे पहले उनकी मां सुल्तान जहां उर्फ सरकार अम्मान भोपाल की आखिरी महिला नवाब रहीं. अपने माता-पिता की इकलौती संतान सुल्तान जहां ने 1901 से 1930 तक भोपाल स्टेट पर रूल किया. उन्हें नवाब बेगम ऑफ दार-उल-इकबाल-ए-भोपाल के नाम से जाना जाता था. रिश्ते में सैफ़ की पड़ पड़ दादी लगीं नवाब बेगम सुल्तान का नाम पिछली सदी के शुरू में भोपाल में शुरू किए गए अभूतपूर्व सुधारों के लिए जाना जाता है. उन्होंने खास तौर पर लड़कियों की शिक्षा पर बहुत ज़ोर दिया. नवाब बेगम ने भोपाल में कई अहम शिक्षण संस्थान शुरू करने के साथ प्राथमिक शिक्षा को मुफ्त और अनिवार्य बनाया. 1920 में नवाब बेगम अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी की चांसलर बनीं. ये किसी भी भारतीय यूनिवर्सिटी की पहली महिला चांसलर थीं.

शिक्षा के अलावा नवाब बेगम ने टैक्सेशन, आर्मी, पुलिस, न्यायपालिका, जेल ढांचे में भी कई अहम सुधार किए. उन्होंने शराब पर बैन लगाया. नवाब बेगम ने 1922 में भोपाल में एक्जेक्यूटिव एंड लेजिसलेचर स्टेट काउंसिल स्थापित की. साथ ही म्युनिसपैल्टीज के लिए ओपन इलेक्शन का एलान किया. नवाब बेगम सुल्तान का सपना भोपाल का मेकओवर यूरोपियन स्टाइल में करने का था. उन्होंने भोपाल में यैच क्लब खोलने के साथ लॉर्ड मिंटो हाल, सेंट्रल लाइब्रेरी और बाग़ फराहत अफ्ज़ा बनवाए. नवाब बेगम को रोल्स रॉयस कारें बहुत पसंद थीं. जब पूरी दुनिया में इक्कादुक्का रईसों के पास ही ये कार होती थीं, तब नवाब बेगम के पास तीन रोल्स रायस कारें थीं.

बहरहाल अब ट्रायल कोर्ट में एक साल तक नए सिरे से सुनवाई पूरी होने के बाद ही तय हो पाएगा कि 15,000 करोड़ रुपए की प्रॉपर्टी का ऊंट किस करवट बैठेगा.

इस स्टोरी का वीडियो यहां देखिए- 

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