होटल में छुपे कैमरे आप के हित में…खुशदीप

​व्हिस्ल ब्लोअर एडवर्ड स्नोडेन को वेनेजुएला और निकारागुआ अमेरिकी दादागिरी की परवाह किए बिना अपने यहां शरण देने के लिए तैयार हो​ गए हैं…स्नोडेन ने हाल में भंडाफोड़ किया था कि अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा एजेसी (एनएसए) वाशिंगटन स्थित भारतीय दूतावास सहित​ 37 अन्य देशों के दूतावासों की बगिंग (गुप्त रूप से माइक्रोफोन लगाकर जासूसी) करवा रही है… इसके पूर्व यह खुलासा हुआ था कि अमेरिका खुफियागीरी के मकसद से बडे पैमाने पर भारत में इंटरनैट तथा टेलिफोन डाटा को भी छान रहा है…​लेकिन अमेरिका की इस हरकत पर कड़ा ऐतराज़ जताने की जगह भारत के विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद ने बयान दिया कि ये जासूसी का मामला नहीं है…यह सिर्फ़ कंप्यूटर स्टडी है और कॉल्स का सिर्फ़ कंप्यूटर विश्लेषण है…

यानि खुर्शीद साहब की नज़र में अमेरिका ऐसी स्क्रूटनी करा रहा है तो इसमें चिंता जैसी कोई बात नहीं होनी चाहिए…हालांकि विदेश विभाग के प्रवक्ता ​ने बाद में ये ज़रूर कहा कि ये गंभीर मामला है और वाशिंगटन में अपने दूतावास की निगरानी किए जाने का मामला अमेरिका सरकार के सामने उठाया जाएगा…​

​ये ख़बर आपने पहले भी पढ़ी होगी…मेरा आज पोस्ट लिखने का मकसद आपको ये ख़बर पढ़ाना नहीं था…बल्कि इसी को आधार बना कर फेकिंग न्यूज़ में छपा कुछ मज़ेदार पढ़ाना​ था…​​​

फर्रूखाबाद में खुर्शीद गेस्ट हाउस में ठहरे एक नवविवाहत जोड़े के पैरों तले से ज़मीन खिसक गई, जब उन्हें पता चला कि उनके एसी डीलक्स रूम में छुपे ​हुए कैमरे से उन पर नज़र रखी जा रही है…​




 

हैरान-परेशान 28 साल के पति अरुण ने फेकिंग न्यूज़ से बात करते हुए कहा…हम ऐसी ख़बरें पहले सुनते रहते थे कि होटल मालिक सेक्स सीडी बनाने​ के लिए कमरों में ऐसे छुपे कैमरों इस्तेमाल करते हैं…लेकिन हमें लगता था कि भारतीय न्यूज़ चैनलों पर मिर्च मसाले के लिए ऐसी ख़बरों को बढ़ा चढ़ा कर दिखाया जाता है…लेकिन आज हक़ीक़त से रू-ब-रू होने के बाद हमें तगड़ा झटका लगा है…साथ ही ये भी साबित हुआ है कि जो हम टीवी पर देखते रहे थे, उसमें कुछ सच भी होता था…होटल मालिक और मैनेजर का व्यवहार देखकर हम और अचंभित , दुखी है…इसलिए हमने पुलिस में शिकायत दर्ज़ कराई है…

थानेदार की ओर से पांच हज़ार रुपये अंटी में करने और थुलथुल पुलिस वालों के कुछ भद्दे हनीमून चुटकले सुनाए जाने के बाद आखिरकार जोड़े की शिकायत दर्ज कर ली गई…​​लेकिन गेस्टहाउस मालिक और मैनेजरों की ओर से यही दलील दी जाती रही कि उन्होंने कैमरे लगाकर कोई गलत काम नहीं किया…


गेस्ट हाउस मालिक का कहना था कि हां रूम में वीडियो कैमरा लगा है  लेकिन ये जासूसी, निगरानी या किसी और मकसद के लिए नहीं सिर्फ स्क्रूटनी के लिए है…हम सिर्फ उनके डेली रूटीन का  विश्लेषण
कर रहे थे…हम उनकी गतिविधियों के पैटर्न की कंप्यूटर स्टडी कर रहे थे ताकि उसी के मुताबिक उन्हें बेहतर से बेहतर सर्विस दी जा सके…

छुपे हुए कैमरों का मतलब यही है कि हम उन्हें सब कुछ करते हुए देख सकें…सच तो ये है कि हमने बॉथरूम में भी इन्हें फिट कर रखा है…लेकिन हमारा विश्वास कीजिए ये सब सिर्फ स्टडी और स्क्रूटनी के लिए है…जब भी हमारा कैमरा कोई अंतरंग लम्हों को कैद करता है तो हम आंखें बंद कर लेते हैं…​कल ही हमने जोड़े को साथ स्नान करते हुए देखा तो हमें महसूस हुआ कि उन्हें फ्रैश तौलियों की आवश्यकता है…ये सब बेहतर से बेहतर सुविधा देने के लिए है…​

​देखा आपने छुपे हुए कैमरे ग्राहकों के कितने हित में होते हैं….

(फेकिंग न्यूज़ सैटायर)