कल मोटेरा, आज मोहाली और कल मुंबई की बारी है…दिल से चाहता था मोहाली में भारत जीते, भारत जीता…दिल से चाहता था खेल भावना जीते, खेल भावना जीती…अपने करियर का सबसे अहम टूर्नामेंट खेल रहे सचिन तेंदुलकर ने जीत का आधार तैयार किया…भले ही 85 रन की ये पारी सचिन के स्टैंडर्ड के मुताबिक नहीं थी लेकिन फिर भी मैच के टॉप स्कोरर के नाते मैन आफ द मैच के वो पूरे हकदार थे…लेकिन मेरी नज़र में इस जीत के असली हीरो सुरेश रैना और आशीष नेहरा हैं…सुरेश रैना ने टेलएन्डर्स के साथ भारतीय पारी के आखिर में 36 रन की जो नाबाद पारी खेली उसी ने मैच को पाकिस्तान की पकड़ से बाहर किया…पाकिस्तान हारा भी 29 रन से ही…नेहरा के अलावा भी सारे बोलर्स ने मैच-जिताऊ बोलिंग की…फील्डिंग भी आज वैसी ही दिखी जैसे कि वर्ल्ड चैंपियन के प्रबल दावेदार की होनी चाहिए…
यहां मैं पाकिस्तान के हारने के बावजूद शाहिद आफरीदी और उनकी टीम को बधाई देना चाहूंगा…आफरीदी की टीम से वर्ल्ड कप शुरू होने से पहले किसी ने उम्मीद नहीं की थी कि वो ज़्यादा दूर तक जाएंगे…लेकिन फिर भी वो सेमीफाइनल तक पहुंचे…और भारत को कुछ हद तक टक्कर भी दी…अगर पाकिस्तान ने बैटिंग रणनीति से की होती, बैटिंग पावर प्ले का सही से इस्तेमाल किया होता, मिस्बाह ने रन रेट का ध्यान रखा होता तो पाकिस्तान मैच को बिल्कुल नज़दीक तक ला सकता था…लेकिन आज भारत का दिन था…ये तभी पता चल गया था जब सचिन को एक के बाद एक लाइफ़-लाइन मिलती गई…
चलिए अब एक दिन पाकिस्तान को वर्ल्ड कप में अब तक हुई पांच भिड़ंत में पांचों बार हराने का जश्न बना लीजिए…लेकिन धोनी की सेना को इस मिशन को शनिवार को इसके अंजाम तक पहुंचाना है…28 साल बाद वर्ल्ड कप पर दूसरी बार भारत का नाम लिखना है….लेकिन सवा अरब देशवासियों के इस सपने को पूरा करने के लिए धोनी के धुरंधरों को श्रीलंका की जिस चुनौती से निपटना है वो आसान नहीं है….इसका पता इसी से चलता है कि वर्ल्ड कप मुकाबलों में श्रीलंका से भारत 7 बार भिड़ा है, जिनमें चार बार श्रीलंका जीता है, एक मैच बारिश की वजह से धुल गया और सिर्फ दो मैचों में हमें जीत मिली है…लेकिन मुंबई में भारत के पास ये इतिहास बदलने का मौका है…धोनी अब कपिल और सौरव गांगुली के बाद तीसरे ऐसे कप्तान हो गए हैं जिन्होने अपनी कप्तानी में भारत को फाइनल तक पहुंचाया…2 अप्रैल को टीम इंडिया जीतती है तो धोनी 28 साल बाद कपिल के करिश्मे को दोहराने वाले भारत के दूसरे कप्तान बन जाएंगे……साथ ही सचिन की सबसे बड़ी ख्वाहिश भी पूरी हो जाएगी…
बस अब भारत को 2003 के फाइनल वाली गलती नहीं दोहरानी है…उस फाइनल में ऑस्ट्रेलिया के रिकी पोन्टिंग ने 140 रन की पारी खेलकर जीत को भारत की पहुंच से बाहर कर दिया था…इसलिए अब भारत को खास तौर पर श्रीलंका के ओपनर्स थरंगा और दिलशान को जल्दी आउट करने की रणनीति बनानी होगी…इंग्लैंड के खिलाफ क्वार्टर फाइनल में इन दोनों ओपनर्स ने नाबाद रहकर श्रीलंका को दस विकेट से जीत दिला दी थी…फिर सेमीफाइनल में भी न्यूजीलैंड के खिलाफ़ जीत में
थरंगा और दिलशान ने शानदार स्टार्ट दिया…इसके अलावा भारत को श्रीलंका के बोलिंग डिपार्टमेंट में मलिंगा को खेलने में खास सावधानी बरतनी पड़ेगी…
धोनी की सेना को याद रखना चाहिए जिस तरह का विनिंग टीम फार्मेशन इस वक्त भारत के पास है, ऐसा फार्मेशन हर वक्त मौजूद नहीं रह सकता…इस वर्ल्ड कप में चूके तो फिर ऐसा फॉर्मेशन अगले वर्ल्ड कप मे मिले या न मिले, भरोसा नहीं है…इसलिए इस बार मौका चूकना नहीं है…बस टीम इंडिया का हर खिलाड़ी याद रखे और वैसा ही खेल दिखाए जैसा कि आज मोहाली में दिखाया…वर्ल्ड कप की मंजिल बस अब एक हाथ दूर है…लंका को जीतना है…फिर देश में वैसी ही खुशियां मनना तय है जैसे कि भगवान राम के लंका जीतने की खुशी में दशहरे-दीवाली पर हर साल मनाई जाती है….अब बस गाना गाइए…हटो, हटो, ए श्रीलंका वालों, वर्ल्ड कप हमारा है…
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समय की बर्बादी जीवन की बर्बादी , युवा ऊर्जा की बर्बादी और अपने घर में माल लाने का जुगाड़ है विश्व कप.
जो खुश होते हैं वे अपनी बर्बादी पे खुश होते हैं , इसलिए नादान होते हैं.
अनहोनी को होनी करदे,होनी को अनहोनी
एक जगह जब जमा हो जाये
टीम इंडिया के धुरंधर और धोनी
फ़ाइनल में भारत को अब अपनी शाख न खोनी
लंका को करके पस्त,करदें फिर से बोनी.
कपिल और हम सब याद करें बस धोनी,धोनी,धोनी
दस सेकण्ड का अठारह ला्ख … बहुत मंहगा पड़ा यह मैच. जीतने की बधाई…
वर्ल्ड कप अब हमारा है|
हट जायेंगे, जरा समय तो आने दो.. 🙂
काश हम इस वर्ल्ड कप के साथ-साथ खेल के असल मकसद यानि अपनी हार को भी ख़ुशी-ख़ुशी स्वीकार करने और उच्च चरित्र निर्माण तथा सामूहिक कल्याण के वर्ल्ड कप को भी जीत पाते…..दुःख है की हम वर्ल्ड कप तो जितने जा रहें हैं लेकिन हमारा देश शर्मनाक स्तर के भ्रष्टाचार से कराह रहा है और हम भ्रष्टाचार के मामले में विश्व में चौथे पायदान पे हैं…और हमारे देश की मिडिया क्रिकेट के प्रचार-प्रसार के लिए तो सारे हथकंडे अपना कर इसे राष्ट्रिय जूनून की श्रेणी में खरा कर देती है ..लेकिन ईमानदारी,सत्य,न्याय तथा सामाजिक परोपकार जो इंसान के जीने का असल आधार है से हमारे देश की मिडिया का कोई सरोकार नहीं रह गया है…वो तो वेब मिडिया का ऐहसान है की सत्य,न्याय व ईमानदारी की आवाज अब मजबूती से उठाये जाने की तैयारी की जा रही है….5 अप्रेल 2011 को अन्ना हजारे जी द्वारा दिल्ली के जंतर-मंतर पर किये जा रहे भूख हरताल से……ज्यादा जानकारी के लिए इस लिंक पर जाकर वीडियो देख सकते हैं http://corruption-fighters.blogspot.com/2011/03/blog-post_29.html
इस पोस्ट को पढ़ने के बाद,मुझे बार-बार सचिन का वह विज्ञापन याद आ रहा है जिसमें वे कहते हैं-
I was ten years old when i saw what it meant to have a World Cup.
निस्संदेह,यह स्वप्न साकार होने जा रहा है।
…हुन लंका वी ढा दयो बाउजी…
नीरज
कप हमारा है
और
प्लेट भी हमारी है
मीठे हैं हम
मीठी हमारीवाणी है।
कल के मैच में भारतीय टीम ने एक उम्दा अनुशासन का भी परिचय दिया.और खेल एक खेल भावना की तहत खेला हुआ लगा.
अब फाइनल का इंतज़ार है.
badhaii ho badaii jeet ki sabko
mumbai mae dushera manegaa
aur icc ko match kaa political aspect pasand nahin aayaa saaf dikh rahaa thaa
world cup to hamaara hai…………
हा जी अब लंका दहन की तैयारी है |
2nd ko ravan-baddh karna hi hoga….:)
INdia mange cuppppppp
अग्रिम शुभकामनायें।
…..जीतेंगे भाई जीतेंगे।
मुझे कल के मैच में केमरामेनों की भूमिका बहुत अच्छी लगी। जिस प्रकार से मीडिया ने और मनमोहन सिंह जी ने क्रिकेट को राजनीति का माध्यम बना डाला था उसे केमरामेनों ने धो डाला। वे केवल मेच ही दिखाते रहे और अन्त में एकाध बार ही उन्होंने राजनीतिज्ञों को दिखाया। इस जीत से भारतीय हौंसलों का पता लगता है। सभी को बधाई।
हमारा है…..हमारा है…. बधाइयाँ ….
हुरररररररररे!!!!!! हम जीत गए!!!!!!!!!
हटो, हटो, ऐ श्रीलंका वालों, वर्ल्ड कप अब हमारा है…
धूम-धूम धडाम-धडाम धम्म-धम्म टूंश, फूंश, भड-भड-भड-भड… धिनशा-धिनशा…. फटाक-फटाक… धडाम-धडाम… ठाँ-ठाँ-ठाँ-ठाँ
(यह वोह बम्ब-पठाखे हैं जो रात जलाएं हैं… इस टिपण्णी बॉक्स में विडिओ आ ही नहीं पा रही है इसलिए टिपण्णी स्टाईल पठाखे ही सही… अब टिप्पणीकार जो ठहरे)
वर्ल्ड कप हमारा है.
वर्ल्ड कप हमारा है.
लंका दहन का इंतजार है.
इतने असहनीय दबाब के वावजूद टीम इंडिया ने जो ये जबरदस्त प्रदर्शन किया है.उससे एक बात साफ हो गयी है. कि
वर्ल्ड कप हमारा है.
करोड़ो भारतीयो की प्रार्थनाये, दुआये भारत का ये सपना पूरा करेगी
ये टीम कोई भी मैच जीत सकती है।
महाभारत ख़त्म, अब रामायण की बारी… युद्ध रहेगा शनिवार को मुंबई में जारी..
मोहाली जीत की बधाईयां । वाकई इस जीत के वास्तविक शिल्पकार सुरेश रैना का योगदान सर्वाधिक अहम रहा ।
अब बम्बई श्रीलंका मेच की अग्रिम बधाईयां भी । यद्यपि यहाँ चुनौति कुछ अधिक सुपर ग्रेड की दिख रही है ।