झुमका गिरा रे बरेली के बाज़ार में….फिल्म मेरा साया में पर्दे पर गाने वाली अभिनेत्री साधना की तो याद होगी आपको…हम दोनों, मेरा साया, इंतकाम, अनीता, मेरे महबूब, राजकुमार, एक मुसाफिर एक हसीना, गीता मेरा नाम, वक्त, आरजू जैसी बेशुमार हिट फिल्में देने वाली साधना 70 साल की उम्र में मुंबई में गुमनामी की ज़िंदगी जी रही हैं…साधना का माथे पर बालों की लट वाला स्टाइल आज भी साधना कट के नाम से मशहूर है…
साधना के नाम से कल अचानक एक न्यूज़ पैच देखकर हैरानी हुई…साधना को कल मुंबई में गिरफ्तार किया गया और फिर पांच हज़ार रुपये की ज़मानत पर रिहा कर दिया गया…पिछले साल साधना ने अगस्त में शिकायत दर्ज कराई थी कि सांताक्रूज में जिस तीन हज़ार वर्ग फीट के फ्लैट में वो रह रही हैं, उसे खाली करने के लिए उन्हें जान से मारने की धमकी दी गई…साधना इस घर में कई दशकों से बतौर किराएदार रह रही हैं…उनके पति निर्माता-निर्देशक आर के नैयर की सोलह साल पहले मौत हो चुकी है…साधना अब इस घर में अकेले ही रहती हैं…
साधना तिमंजिला संगीता बिल्डिंग के ग्राउंड फ्लोर स्थित जिस घर में रह रही हैं उसका मालिकाना हक मशहूर गायिका आशा भोसले के पास है…इसी बिल्डिंग की पहली मंजिल पर बीते ज़माने की ही अभिनेत्री बेबी नाज़ रहती हैं…सबसे ऊपरी मंजिल पर रहने वाले बिल्डर यूसुफ लकड़ावाला से साधना का कानूनी वाद चल रहा है…साधना की शिकायत के मुताबिक यूसुफ लकड़ावाला बिल्डिंग को नए सिरे से बनाना चाहता है और उसने फ्लैट खाली करने के लिेए धमकाते हुए कहा था कि अगर ऐसा नहीं किया तो साधना की लाश के टुकड़े भी किसी को नहीं मिलेंगे….साधना का आरोप है कि उनके घर पर पत्थर भी बरसाए गए….
साधना के इन आरोपों को बेबुनियाद बताते हुए यूसुफ लकड़ावाला ने बांद्रा मेट्रोपालिटन मजिस्ट्रेट की अदालत में अवमानना का केस दर्ज करा दिया…यूसुफ लकड़वाला के वकील के मुताबिक साधना को धमकाने की शिकायत पर पुलिस ने दोनों के मोबाइल फोन की जांच की थी और साधना की शिकायत को झूठा पाया था…इसी मामले में साधना को दो बार जून और अगस्त में कोर्ट में पेश होने का समन जारी किया गया था…लेकिन साधना बीमारी को कारण बताते हुईं पेश नहीं हुईं…इसी साल 18 अगस्त को साधना ने अदालत में अपने वकील से संदेश भिजवाया कि वो बीमार रहती हैं इसलिए उन्हें पेशी से छूट दी जाए….यूसुफ लकड़ावाला ने बांद्रा पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कर कहा कि साधना झूठ बोल रही हैं और उन्हें कार्टर रोड के एक निजी क्लब में चार घंटे तक ताश खेलते हुए यूसुफ की लड़की साना ने देखा और उसकी वीडियो फिल्म भी बना ली…जिसे शिकायत के साथ सबूत के तौर पर पेश किया गया… साधना आखिरकार कल कोर्ट में पेश हुईं तो उन्हें तकनीकी तौर पर गिरफ्तार दिखाकर पांच हज़ार रुपये की ज़मानत पर रिहा कर दिया गया…अब साधना को 15 दिसंबर को अपना जवाब दाखिल करने का आदेश दिया गया है…
साधना की इस कहानी को पढ़ने के बाद लगा कि सितारों की चमकती-दमकती दुनिया अपना वक्त बीतने के बाद कितनी बेरंग और फीकी हो जाती है…जब तक साधना का सूरज चढ़ कर बोला, उन्हें सलाम बजाने वालों की कमी नहीं रही होगी….लेकिन अब उम्र के इस पड़ाव पर कोई हाल पूछने वाला भी नहीं…करीना कपूर और करिश्मा कपूर की मां और पूर्व अभिनेत्री बबीता साधना की चचेरी बहन हैं…पता नहीं उन्होंने भी साधना का हाल लिया या नहीं…स्टारडम खो जाने के बाद सितारों का अपना खाली वक्त गुज़ारना भी समस्या होता होगा…ऐसे में कोई शराब को गले लगा लेता है तो कोई ताश को अपना साथी बना लेता है…बचाखुचा पैसा खत्म हो जाने के बाद पुराने ज़माने के कई बड़े नामों को अपने आखिरी दिन गुरबत और मुफलिसी में भी काटते देखा गया है…गुरुदत्त ने इसी का अक्स फिल्म कागज के फूल में शिद्दत के साथ दिखाया था…देखी ज़माने की यारी, बिछुड़े सभी बारी-बारी…
आजकल के सितारे बहुत समझदार है…अपने कल के लिए पहले से ही बहुत सोच कर चलते है और दूसरे कामों में अच्छा निवेश करके रखते हैं जिससे भविष्य में अपनी और परिवार की ज़िंदगी मज़े से चलती रहे…अब पता नही साधना की माली हालत कैसी है…लेकिन साधना के कठिनाई के दिनों में सलमान ख़ान का मदद के लिए आगे आना, अच्छी बात है…देखना है सलमान विदेश से लौटने के बाद अपनी साधना आंटी के लिए क्या करते हैं…फिलहाल साधना की फिल्म इश्क पर ज़ोर नहीं का ये मेरा पंसदीदा गाना सुनिए…
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विचित्र है यह संसार!
फिल्म "प्यार मोहब्बत" के गाने की ये दो पंक्तियाँ याद आ गई
बड़ी बेमुरौवत हैं दुनिया की नजरें
यहाँ हमने देखा मोहब्बत नहीं है
वक्त ने किया…क्या बुरा सितम…
हम रहे न हम..तुम रहे न तुम
किसी समय स्टारडम की चकाचौंध में रहने वाले सितारों का जब यह हाल सुनने में आता है तो लगता है कि दुनिया में कोई भी चीज स्थाई नहीं।
अकेली साधना नहीं इनसे पहले भी कई हुई हैं, जो गुमनामी में जीती रहीं और गुमनामी में ही दुनिया को रूखसत कर गईं….
आपने सही कहा, आजकल के सितारे समझदार हैं जो दिगर कामों में भी निवेश कर अपना और अपने परिवार का भविष्य सुरक्षित कर रहे हैं।
पुरानी पीढी के अधिकांश कलाकारों की परेशानियों के बारे में ही पढने को मिलता है. ज़ाहिर है, नयी पीढी ज़्यादा समझदार हो गयी है.
साधना बेहद खूबसूरत और संवेदनशील अभिनेत्री थीं ! यह दुनिया है ही ऐसी बेमुरव्वत ! चढते सूरज को सब सलाम करते हैं ! दुःख होता है यह देख कर कि आज जीवन के इस दौर में जब वे नितांत अकेली हो गयी हैं कोई उनका साथ देने वाला हमदर्द उनके पास नहीं है ! साधना के समाचार देने के लिये आपका आभार !
सबको अपना भविष्य प्यारा है।
साधना अपनी भी मन पसंद हिरोइन रही हैं । अक्सर सोचता था कि अब कहीं नहीं दिखती ।
लेकिन ऐसी हालत देखकर दुःख होता है ।
सच है , नई पीढ़ी के लोग ज्यादा समझदार हो गए हैं ।
नयी जानकारी है …
साधना का नाम ही बरसों के बाद सुना है !
शुभकामनायें आपको !
सच मुझे भी सहानुभूति हो आयी है !कितनी बेमुरौअत बेरंग हो जाती है यह दुनिया 🙁
karan johar ki bua haen sadhna
बहुत सुन्दर, सार्थक प्रस्तुति| धन्यवाद|
वक्त वक्त की बात होती है सब नज़ारे बदल जाते हैं।
चमकती दुनिया का काला सच , कितना क्रूर और कितना भयावह । परवीन बॉबी , और अभी कुछ दिनों पहले आई खबर राज किरण के बारे में भी , और अब साधना से संबंधित ये समाचार । मायावी दुनिया है ये । वैसे आपने बिल्कुल दुरूस्त फ़रमाया कि आज के सितारे ज्यादा व्यावसायिक और सुरक्षित हैं कम से कम आर्थिक पक्ष के लिहाज़ से तो जरूर ही
अच्छा आलेख!
bahut accha aalekh likha hai aapne……
ant bhala to sab bhala….
jai baba banaras…
यही कारण है शायद इसलिए इसे फिल्म नगरी को माया नगरी भी कहा जाता है। साधना मुझे भी बहुत पसंद रही हैं। खास कर उनकी कुछ एक चुनिन्दा फिल्मे तो मेरे लिए all time hit की तरह हैं जिंका ज़िक्र आपने स्वयं भी किया है।
बहुत बढ़िया प्रस्तुति और साधना जी के बारे में इतने सालों बाद कोई समाचार देने के लिए आपका आभार …. समय मिले तो आयेगा मेरी पोस्ट पर आपजा स्वागत है।
http://mhare-anubhav.blogspot.com/
सितारों की चमकती-दमकती दुनिया अपना वक्त बीतने के बाद कितनी बेरंग और फीकी हो जाती है…जब तक साधना का सूरज चढ़ कर बोला, उन्हें सलाम बजाने वालों की कमी नहीं रही होगी….लेकिन अब उम्र के इस पड़ाव पर कोई हाल पूछने वाला भी नहीं…!! …jankari sa bhara ek pathnia post…!!
सच कहा है.आज के सितारे समझदार हैं.उन्हें पता है कि कुछ समय की चकाचौंध के बाद कोई नहीं पूछेगा अत: भविष्य का सोच कर चलते हैं.परन्तु पुराने समय के बहुत से सितारों का हाल बहुत बुरा हुआ.यहाँ तक की कईयों के पास तो इलाज तक के पैसे न थे.
गुमनामी के अंधेरों में यही होता है। लेकिन क्या पता इस काण्ड के बाद उन्हें भी किसी शो में काम मिल जाए।