संतान के सुख से वंचित लोगों के लिए जापान में हुए प्रयोग से उम्मीद की नई किरण जगी है…जापानी साइंसदानों ने शुक्राणु बनाने में असमर्थ एक चूहे में लैब में पैदा की गई स्पर्म कोशिकाओं के ज़रिए प्रजनन की ताकत पैदा कर दी…इस शोध से आगे चलकर मानव प्रजाति को भी लाभ मिल सकता है…साइंस पत्रिका नेचर के मार्च अंक में इस शोध के नतीजों को छापा गया है…
क्योटो यूनिवर्सिटी में डॉ मेटिनोरी सेतोऊ के नेतृत्व में रिसर्च टीम ने ये करिश्मा कर दिखाया है…इस टीम ने भ्रूण की स्टेम कोशिकाओं से पहले जर्म कोशिकाएं प्राप्त कीं…और फिर इन जर्म कोशिकाओं को एक सात दिन के चूहे के वीर्यकोष (testes) में प्रत्यर्पित या ट्रांसप्लांट कर दिया गया…नतीजा ये निकला कि चूहे ने न सिर्फ सामान्य दिखने वाले शुक्राणु पैदा किए…बल्कि इन शुक्राणुओं ने पेट्री डिश में अंड कोशिकाओं को निषेचित भी कर दिखाया…इस तरह 214 भ्रूण पैदा कर मादा चुहिया में इंप्लांट किए गए…नतीजा 65 स्वस्थ चूहे-चुहियों ने जन्म लिया…यही नहीं इस तरह जन्मे चूहे-चुहियों ने आगे चलकर प्राकृतिक तौर पर ही बच्चों को जन्म दिया..
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aapke blogs mai padhti hu behad pasand bhi karti hu aap har baar koi nai jankari lekar aate hai, thanks
काफ़ी अच्छी जानकारी।
सबको संतान मिलें और संतान सुख भी दें।
good.
आपके Facts हैं प्यारे प्यारे
लेकिन हमारा लिंक है न्यारा न्यारा
यक़ीन न आए तो ख़ुद देख लीजिए
क्यूं बार-बार दरकते है रिश्ते ? Rishte
किसी भी दम्पति के बच्चे न होना उन्हे जीवन भर सालता है, यह एक अभिशाप ही माना जाता है। चूहों से आगे चलकर प्रयोग मनुष्यों पर सफ़ल हो यही कामना है।
अच्छी जानकारी। साबित करती है कि ज्ञान पथ पर बढ़ने पर मनुष्य के लिए कुछ भी असंभव नहीं है।
समय के साथ , विज्ञान मानव के कष्टों को दूर करने में लगा है ! बढ़िया जानकारी के लिए आभार !