व्हाट एन आइडिया सर जी…खुशदीप

इस पोस्ट का संदेश शायद आप तक पहले भी ई-मेल, एसएमएस या किसी अन्य माध्यम से पहुंच चुका होगा…लेकिन जिन तक नहीं पहुंचा, उन्हें भी इसके बारे में अवश्य पता होना चाहिए…

मोबाइल आज हम सबकी ज़िंदगी का अभिन्न अंग बन गया है…ऐसा कोई ब्लॉगर शायद ही मिले जो मोबाइल का इस्तेमाल न करता हो…सेलफोन में तमाम नाम और नंबर भरे रहते हैं…लेकिन सेलफोन के मालिक के सिवा दूसरा कोई नहीं जानता कि कौन से नंबर हमारे घर के सदस्यों या बेहद करीबी लोगों के हैं…

ऊपर वाला किसी के साथ न करें लेकिन मान लीजिए हमारे साथ सड़क पर कोई हादसा होता है या हम अचानक बीमार हो जाते हैं, और कुछ बताने की स्थिति में नहीं होते…ऐसे में अनजान लोग हमारी मदद के लिए आगे भी आते हैं और उनके हाथ हमारा सेल-फोन लग भी जाता है तो वो कैसे पता चलाए कि हमारे घर वालों या करीबी लोगों के नंबर कौन से हैं…सैकड़ों नंबरों में कौन सा नंबर है जिस पर एमरजेंसी की स्थिति में संपर्क किया जा सकता है…इसीलिए ‘ICE’ ( In Case Of Emergency) कैम्पेन छेड़ा गया है…थोड़े वक्त में ही इस कैम्पेन ने अच्छी पकड़ बना ली है…एमरजेंसी में कॉल करने के लिए आपको बस इतना करना है कि जो भी आपके नज़दीकी लोग हैं, उनके नंबर ‘ICE‘ नाम के तहत भी सेव कर लेने हैं…

ये आइडिया एक पैरामेडिकल स्टाफ के दिमाग की उपज है…वो जब एक्सीड़ेंट साइट पर पहुंचता था, तो यही दिक्कत आती थी कि पीड़ित के पास सेलफोन होने के बावजूद कौन से नंबर पर सबसे पहले संपर्क करे…इसी दिक्कत को दूर करने के लिए उसने सोचा क्यों न एक खास नाम को चुनकर सभी मोबाइल धारकों के लिए कैम्पेन चलाया जाए…अगर एक से ज्यादा एमरजेंसी कॉन्टेक्ट नंबर देना चाहते हैं तो उन्हें ICE1, ICE2 और ICE3 नामों से स्टोर किया जा सकता है…ये कैम्पेन लेबनान से शुरू होकर यूरोप और उत्तर अमेरिका के कई देशों में हिट हो चुका है…

वाकई ये आइडिया हट कर है और इसमें आपके दो-चार मिनट के सिवा और कुछ लगना भी नहीं है…आज से ही हम मोबाइल पर ICE नंबर स्टोर करने के साथ इस मुहिम को ज़्यादा से ज़्यादा लोगों तक पहुंचाने की कोशिश करें…ये अपनी हिफ़ाज़त के लिए अच्छा कदम है…ये उन्हें भी आपकी सिक्योरिटी का एहसास कराता है जो आपको चाहते हैं……याद रखिए घरवालों को आपके लौटने का हमेशा इतंज़ार रहता है…

Khushdeep Sehgal
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Dr Varsha Singh
14 years ago

really best idea sir ji….

दिगम्बर नासवा

उम्दा और उपयोगी आइडिया है सर जी ….
कैसे हैं आप खुश्दीप जी … नमस्कार …

Manoj K
14 years ago

आईडिया बहुत अच्छा है, इसे हमारे पैरामेडिकल स्टाफ भी आजमायें तो अच्छा. वैसे मेरे एक डॉक्टर मित्र जो 108 इमरजेंसी सेवा में कार्यरत है वह कहते हैं कि उनकी अम्बुलेंस पहुँचने पर स्टाफ सबसे पहले मोबाइल पर घर का नम्बर देखते हैं और वही काल करते हैं.

इस दमदार आईडिया को हर लेवल पर इस्तेमाल किया जाए.

बेनामी
बेनामी
14 years ago

हमने तो ऐसे नामों के पहले
!
लगा रखा है

और इस श्रेणी में स्थानीय आपातकालीन नम्बर भी रख छोड़े हैं, दहशत में कई बार काम आए हैं, ऊपर-नीचे तलाशने में लगने वाले समय से बचने के लिए। क्योंकि यह सबसे ऊपर दिखते हैं, हमेशा
जैसे
!Ambulance
!Fire
!Police

किसी-किसी कम्पनी वाले मोबाईल में यह काम नहीं करता 🙁
तब शरद कोकास जी जैसा काम किया जाता है

राज भाटिय़ा

हम सोच रहे हे किस का आईडिया बरते, वेसे हमारे यहां तो हास्पिटल वाले ही हमारा आंड्टी कार्ड निकाल कर हमारे बारे ऎ से ले कर जेट तक सारी जानकारी निकाल लेते हे, यानि यहां सरकार के पास हमारे बारे सारी जानकारी पहले से ही होती हे, लेकिन फ़िर भी मै यह आईडिया जरुर बरतूंगा, अरे भाई भारत मे कभी लपेटे मे आ गये तो….

Khushdeep Sehgal
14 years ago

शरद कोकास भाई,
गौर कीजिए…
A EMERGENCY NO.WIFE
और ये कैसा रहेगा…
A NORMAL TIME NO.WIFE

जय हिंद…

Khushdeep Sehgal
14 years ago

अविनाश भाई,
लगता है मीटिंग्स का हैंगओवर अभी तक बाकी है…पोस्ट में लिखा IN CASE OF EMERGENCY आपकी नज़र में आने से बच गया…

जय हिंद…

अविनाश वाचस्पति

ICE की फुल फॉर्म न किसी ने पूछी और न खुशदीप जी ने बतलाई।

Deepak Saini
14 years ago

शरद कोकास जी के तरीके से नम्बर सेव कर लिए है।
जानकारी के लिए धन्यवाद

Sushil Bakliwal
14 years ago

लगभग दो वर्ष पूर्व इस स्थिति का सामना करने के लिये मैंने VIP का प्रयोग पढा था जो आज तक मेरे मोबाईल में VIP-1, VIP-2 के रुप में Save है । अब बदलकर इसे ICE कर लेते हैं ।

Daily Bread-Roz Ki Roti

आइडिया तो ज़रूर अच्छा है लेकिन Dr. T. S. Daral वाली समस्या का क्या उपाय है?
शरद कोकास जी द्वारा सुझाया समाधान शायद बेहतर हो, लेकिन फिर भी "ICE Calling" की बजाये मेसज मिलेगा "A Emergency No.Friend calling"
यदि ICE नंबरों को मेसज फोल्डर के ड्राफ्ट्स में "ICE Numbers" के अंदर रखा जाए और उन्ही नंबरों की एक कॉपी "Notes" में रखी जाये तो कैसा रहे?

शरद कोकास

हमने कुछ इस तरह से इमर्जेंसी नम्बर सेव किये है..
A EMERGENCY NO.FRIEND
A EMERGENCY NO.WIFE
A EMERGENCY NO. DAUGHTER
जैसे ही मोबाइल में contact या name खुलता है सबसे पहले यही नम्बर दिखाई देते है A सॆ शुरुआत होने के कारण ,सिर्फ काल का बटन दबाना होता है फोन लगाने के लिए । यह सभी नम्बर स्पीड डायल मे भी हैं ।
लेकिन इस कैम्पेन को बढाना ज़रूरी है ।

Patali-The-Village
14 years ago

शानदार आइडिय| अच्छी जानकारी के लिए धन्यवाद |

डॉ टी एस दराल

अरे भाई , आइडिया में प्रोब्लम आ रही है ।
अब काल आती है तो लिखा रहता है –ICE calling।

डॉ टी एस दराल

इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.

प्रवीण पाण्डेय

बहुत अच्छी पहल, बहुत काम आयेगी।

डॉ टी एस दराल

शानदार आइडिया ।
अभी करते हैं । बल्कि कर लिया है ।

Unknown
14 years ago

kiya idea hai—-
thanks

अरुण चन्द्र रॉय

अच्‍छा आयडिया है,व्‍यवहार में लाते हैं।

anshumala
14 years ago

अच्छी जानकारी के लिए धन्यवाद | अभी तीन महीने पहले ही मेरे छोटे भाई दिल्ली में दुर्घटना का शिकार हो गया वो युवा था इसलिए उसे अस्पताल पहुँचाने वाला समझ गया की कोई नंबर मम्मी या पापा नाम से होगा उसने सीधे पापा को काल किया तभी से मैंने और मेरे पति ने भी एक दूसरे का नम्बर नाम की जगह होम से सेव कर लिया | वैसे सबसे करीबियों के नंबर हम स्पीड डायल में भी रखते है |

अन्तर सोहिल

यह आईडिया बढिया लगा।
हर किसी के फोन में ice उसके करीबियों का होगा, वाह!
अभी तक हमने तो मम्मी, वाईफ, भाई ऐसे लिखकर कॉन्टेक्ट डाल रखे हैं जी।

प्रणाम

मुकेश कुमार सिन्हा

good idea…:)

शिवम् मिश्रा

आईडिया तो सच में बेहद उम्दा और उपयोगी है … जय हो !
जय हिंद !

अजित गुप्ता का कोना

अच्‍छा आयडिया है,व्‍यवहार में लाते हैं।

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