यूरेका…यूरेका…एलियंस मिल गए

रहिओअइउउउउफऱऱखथछठठ ऩ
जिसे खोजने के लिए इंसान न जाने कब से मरा जा रहा था…जिसे अमेरिका जैसी स्पेस सुपरपॉवर सारे घोड़े (सॉरी स्पेस शटल) दौड़ाने के बाद भी नहीं ढूंढ सकी, उसे निशांत मिश्र और मैंने खोज लिया…लेकिन उस ज़मीन पर पहला कदम निशांत मिश्र ने अपनी टिप्पणी (?) के ज़रिए रखा… इसलिए निशांत आज से नील आर्मस्ट्रांग (चांद पर पैर रखना भी इस खोज के आगे ऐसे है जैसे ऊंट के मुंह में जीरा) हो गए….और एलिंयस की ज़मीन पर दूसरा कदम रखने वाला मैं… यानि खुशदीप सहगल (ये निशांत बच्चू यहां भी आगे निकल गया)…वैसे चांद पर कदम रखने वाला दूसरा कौन था एड्रिन..उम्म…खैर छोड़ो जो भी था अब मेरा और निशांत का नाम तो अमर होने वाला ही है, अब हमें जनरल नॉलेज से क्या लेना देना…अब इस लिंक को गौर से देखिए-
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इस पोस्ट को आगे पढ़ने से पहले इस लिंक पर होकर आइए…
 
हो आए लिंक से…क्या कहा चकराए हुए हैं…ठीक ऐसा ही हुआ था निशांत के साथ जो पहली बार वहां पहुंचा था…निशांत जैसे ही एलियंस की ज़मीन पर पहुंचा था, गश खाकर गिर पड़ा और सिर्फ (?) का निशान ही वहां छोड़ सका…मैंने ऐसा होते देख लिया था, इसलिए अंदर ही अपना संदेश लिखा…. ये कौन सी जगह है दोस्तों, ये कौन से एलिंयस का दयार है…झट से एलियंस की ज़मीन पर छोड़ा और निशांत को लेकर फौरन उलटी फ्लाइट से वापस आ गया…
और भारत के लिए खुश होने की बात एक और है…एलियंस यानि दूसरे ग्रह के प्राणियों की भाषा भी देवनागरी यानि हिंदी है…पूरे हिंदी ब्लॉग जगत के लिए गर्व करने का विषय है…
अभी सिर्फ एलियंस ने अपनी कूट भाषा में कोई पहला संदेश भेजा है…ब्लॉगवाणी मुझे नहीं पता था कि आपकी टेक्नोलॉजी इतनी एडवांस है कि एलियंस का भी संदेश झट से पकड़ लिया…ठीक वैसे ही जैसे… कोई मिल गया…फिल्म में राकेश रोशन के कंप्यूटर ने एलियंस का ओम का संदेश पकड़ा था…
मेरा सभी ब्लॉगर भाइयों से अनुरोध है कि अगर एलियंस का संदेश देखना है तो ज़रा भी देर न करे…जो ऊपर मैंने लिंक दे रखा है वहां फौरन जाकर एलियंस का हिंदी में भेजा संदेश देखकर पुण्य कमाएं…अगर देर की तो संदेश गायब भी हो सकता है…फिर मत कहिएगा, खुशदीप सहगल ने बताया नहीं…
एक अनुरोध और, सब को एलिंयस का संदेश अगर कुछ समझ में आता है तो उस ज़मीन पर टिप्पणी के रूप मे छोड़ आए…इससे आगे शोधकर्ताओं को बड़ी मदद मिलेगी…ठीक वैसे ही जैसे समसामयिक घटनाओं के कैप्सयूल ज़मीन में गाड़ दिए जाते हैं..
(देर रात को खबर आई कि ललित शर्मा भी उस ज़मीन तक पहुंच गए थे…उन्हें तो पता नहीं क्या हो गया वहां…)
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आज स्लॉग ओवर, व्लॉग ओवर कुछ नहीं…ये पोस्ट तो खुद ही स्लॉग ओवर की बाप है…