राम जी वनवास के बाद दीवाली वाले दिन ही घर लौटे थे…लेकिन मेरे राम दीवाली वाले दिन ही हमें हमेशा के लिए छोड़ कर चले गए…मेरे पापा का नाम श्री राम अवतार ही था…लेकिन जो आया है, उसे एक दिन जाना ही है…यही सृष्टि का विधान है…पापा को कितनी भी तकलीफ क्यों न रही, लेकिन मुंह से उन्होंने कभी हल्की सी भी उफ़ नहीं की…बस हमेशा यही कहा करते थे- मेरा ओंकार मेरे साथ है…ये उनका ही दिखाया रास्ता है कि अगर दुनिया को कुछ बांटना है तो बस खुशियां और मुस्कान ही बांटों…पापा ये भी कहा करते थे कि बिल्डिंग, प्रॉपर्टी, धन-दौलत से ज़्यादा ये अहम है कि इनसान इस दुनिया में अपने दोस्त कितने बनाता है…
दुख की इस घड़ी में आप सबने जो संबल बढ़ाया, उसके लिए मैं और मेरा परिवार हमेशा ऋणी रहेगा…
एक बात अपने छोटे भाई शिवम मिश्रा से…उसने कहा कि मैंने उसे अपना नहीं समझा, इसलिए पापा के देहावसान की खबर नहीं दी….शिवम यकीन मानना, मैं दीवाली वाले दिन किसी को भी ये ख़बर नहीं देना चाहता था…लेकिन चार और पांच नवंबर को बाइचांस ही पाबला जी और अविनाश भाई का मेरे पास फोन आया…और मुझे उन्हें बताना पड़ा कि मैं किस कठिन परिस्थिति से गुज़र रहा हूं…साथ ही ये आग्रह भी किया कि पांच नवंबर को ये खबर किसी को नहीं दीजिएगा…शिवम मेरे पापा भरा-पूरा परिवार छोड़कर गए हैं…वो खुद भी यही चाहते कि उनकी वजह से त्यौहार की खुशियों में खलल न पड़े…बस यही सोचकर मैंने भी दीवाली वाले दिन किसी को ये बुरी खबर नहीं दी…आशा है, अब शिवम की नाराज़गी दूर हो गई होगी…वैसे ये शिवम का प्यार ही है, और मैं उसकी भावनाओं को अच्छी तरह समझ सकता हूं,..
रस्म पगड़ी की सूचना
दिनांक 15 नवंबर, सोमवार
दोपहर 2 से 3 बजे
स्थान- आर्य समाज मंदिर
दयानंद मार्ग, आबू लेन,
मेरठ कैंट (उत्तर प्रदेश)
mobile- 09873819075
अंत में सभी माता-पिता को समर्पित ये गीत…
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खुशदीप जी ,
आपके संस्कारों को देख अंदाज़ा तो हो ही गया था वो इंसान कैसे होंगे जिनके संग रह ऐसे ख्यालात आये ….
दराल जी के ब्लॉग पे आपके कई कमेन्ट मन को छू जाते रहे हैं ….
कल १५ नवंबर पगड़ी की रस्म भी हो गई ….
अब तो बस यादें ही साथ रहेगी ……
पिताजी को भाव भीनी श्रद्धांजलि …..!!
khushdeep sir yeh jaankar dukh hua . ishwar mrit aatma ko shanti pradan karein ——ramashankar yadav
dukh hua bahut dukh hua khushdeep ji……Ishwar ki marji ke samaksh manushya ki kya bisaat….vinamr shradhanjali…
आज के दिन फिर एक बार पिताजी को विनम्र श्रद्धांजलि। मन में होते हुए भी पहुंच न सकने के लिए क्षमाप्रार्थी हूं। कल सम्मेलन में भी पिताजी की पावन स्मृति में मौन रखा गया।
साथियों आभार : इंटरनेशनल ब्लॉगर सम्मेलन – एक रिपोर्ट
खुशदीप सर, कई दिन से ब्लॉगजगत से दूर था…… पता चला….. मन बहुत ही दुखी हुवा.
परमपिता पुण्य आत्मा को अपने चरणों में स्थान दें व पिताजी की आशीषों का साया सदा आपके सर पर रहे… चाहे वो दूर हो गए.
दादा आज ही 12 दिन बाद बिस्तर पर रहने के बाद ऑफिस आया तो ये दुखद समाचार मिला। आज ही ब्लॉग पर भी एक महीने से भी ज्यादा समय बीतने के बाद आया। पर आपने भी पराया समझ कर बताना उचित नहीं समझा।
विनत श्रद्धा सुमन
ईश्वर से प्रार्थना है आपको व परिवार को दुख सहने की शक्ति प्रदान करे
मेरी विनम्र श्रद्धंजलि! ईश्वर आपको इस संकट को सहने की शक्ति प्रदान करे!
खुशदीप जी
इस दुःख की घडी में हम सब आप के साथ है | आप के पिता जी को मेरी श्रद्धांजलि |
खुशदीप जी मेरी ओर से भी आपके पिता को श्रद्धांजलि . ईश्वर आपको व आपके परिवार को इस महान दुःख को सहने की क्षमता प्रदान करें.
आपके दुख मे सहभागी हूँ ।
पाबला जी से दिवाली के दिन बात हुई थी लेकिन उन्होने भी सूचना नही दी ।
मै तो यह मानता हूँ कि पिता जी कहीं नही गये है , और सच तो यह है कि पिता कहीं नही जाते वे हमारे भीतर आ जाते है ।
इसे महसूस करके देखियेगा ।
जा तो हम सब भी रहे हैं
उसी ओर
धीरे धीरे हौले हौले
पर एकदम से कब लग जायें ब्रेक
किसी को नहीं मालूम
इसलिए खुशियां बांटते चलो
बाकी सब संपदा तो
स्वयं छूट जाएगी
जिसे लूटने सब लग जायेंगे
पर जो खुशियां लुटाई जाती हैं
वे लुटती भी हैं और रहती हैं पास भी
।
जरूर शरीक होता मेरठ पहुंचकर
पर पहले से नियत कार्यक्रम के अनुसार
एक दिन पहले ही गोवा जा-पहुंच रहा हूं
।
पिताजी को विनम्र श्रद्धांजलि।
खुदा आपको और परिवार को इस दुःख की घडी में सहन शक्ति दे… दिवंगत पिताजी को विनम्र श्रद्धांजलि
खुशदीप भाई,
भरे पूरे परिवार के संरक्षक का जाना भी बहुत दुःख देता है. दिवाली पर किसी को दुखद समाचार न देना आपकी अच्छी सोच थी लेकिन अपनों को ये बुरा लगा. ऐसा होना स्वाभाविक है.
ईश्वर पिताजी की आत्मा को शांति प्रदान करे और आप सभी को उसके बताए रास्ते पर चलने का सन्देश संबल बना रहे.
—
.
अरे, यह दुःखद समाचार अभी ज्ञात हुआ,
वह भी तब, जब मैं भटक कर चिट्ठाजगत पर गया ।
हार्दिक सँवेदनायें बहुत छोटा शब्द है, इससे मन की पीड़ा की गहराई नहीं नापी जा सकती ।
दिवँगत को मेरी मौन श्रद्धाँजलि, ईश्वर आपको उनके अधूरे सपनों को साकार करने की शक्ति दे ।
खुशदीप भाई ..इश्वर पिताजी की आत्मा को शांति दे ,इस दुःख की घडी में हम सब आपके साथ है…और आपके दुख को गहराई से महसूस कर सकते हैं.
खुशदीप भाई ,सुनकर बड़ा कष्ट हुआ ,
आपको इस आघात को सहने की शक्ति ईश्वर दें और पिता श्री की आत्मा को शान्ति !
यह जिम्मेदारी हमें अपने कंधे पर निबाहनी पड़ती है -यह एक पैत्रिक कर्ज भी है…
आप इसका वहन संयत होकर करें -यही कामना है !
मौन श्रद्धांजली
परमात्मा पिताजी की आत्मा को मोक्ष और परिवार को संबल प्रदान करे, यही कामना है।
प्रणाम
परमपिता परमात्मा आपके पिताजी की आत्मा को शांति तथा आप और आपके परिजनों को शोक सहने की शक्ति प्रदान करे!
पिताजी के देहावसान की खबर जानकर दुख हुआ।
‘‘आया है सो जाएगा, राजा रंक फकीर‘‘
वे अपने धाम चले गए। उनकी आत्मा को मेरी विनम्र श्रद्धांजलि। ईश्वर से प्रार्थना करता हूं कि वे आपको एवं आपके परिवार को इस अपार दुख को सहन करने की शक्ति प्रदान करें।
pitaji ko mangalkamnaye……
pranam.
खुशदीप उनके रिक्त स्थान को तो और कोई नही भर सकता लेकिन ये भी सच है कि जो आया है उसे जाना ही है। आपके पिता जी को पिताजी को हमारी विनम्र श्रद्धांजलि। भगवान उनकी आत्मा को शान्ति दे।और परिवार के साथ अपनी संवेदनायें व्यक्त करती हूँ। आशीर्वाद।
"मेरे राम चले गए" इस वाक्य ने खुशदीप भाई आँसू ला दिए। यह वाक्य मेरी जिन्दगी की अनमोल विरासत है। मेरे पिताजी की अर्थी की परिक्रमा करने के बाद मेरी माँ ने यही शब्द बोल कर प्राण त्यागे थे। मैं समझ सकती हूँ कि माता और पिता के जाने का दर्द क्या होता है? उस समय लगता है कि आप एकदम से बड़े हो गए हैं। दुनिया बदल जाती है, उस क्षण। आपको मेरी सम्वेदनाएं।
इस दुख के मौके पर आपके और आपके परिवार के प्रति हार्दिक संवेदनायें!
खुशदीप जी आपके इस दुःख मैं हम आपके साथ हैं. राम जी वनवास के बाद दीवाली वाले दिन ही घर लौटे थे. आपके पिता भी अपने उस घर को लौट गए ,जहाँ एक दिन इस दुनिया मैं मुसाफिर की तरह रहके हम सबको वापस जाना है. सब्र से काम लें.
खुशदीपजी,
अपने नाम के अनुरूप आपने हर हाल में हिम्मत रखने का हौंसला पाया है. हमारी सबकी हार्दिक संवेदनाएं आपके साथ हैं. ईश्वर आपके पिताजी की आत्मा को शान्ती प्रदान करे.उन्हे विनम्र श्रद्धांजली!
maeri samvaednaaye swikaar karey
विनम्र श्रद्धांजलि …
Ram Nam Hi Sachha Hai.
बेहद दुखद समाचार !
आज ही बाहर से बापस आया हूँ ! आपके इस महान कष्ट में क्या कहूं …मगर लायक कंधें हैं आपके ! उनके छोड़े हुए कार्य पूरा करने में पूर्णतया समर्थ ! इस कष्ट में आपके साथ हूँ !
आपके श्रद्धेय पिताजी को हमारी विनम्र श्रद्धांजलि तथा आपके समस्त परिवार के लिये अपनी हार्दिक संवेदनाएं प्रेषित करती हूँ ! ईश्वर आपके पिताजी की आत्मा को चिर शान्ति प्रदान करें और इस दुःख की घड़ी में आपके सहायक हों यही प्रार्थना है !
खुशदीप भाई संसार की यही नियति है जो भी आया है उसे जाना ही है..इस दुख के घड़ी में हम सब आपके साथ है धैर्य बनाएँ रखें….बाबूजी के आत्मा को शांति पहुँचे..सादर श्रद्दांजलि…
खुशदीप भाई ,
इससे बडा कोई और दुख नहीं होता …….ईश्वर आपको संबल प्रदान करें
खुशदीप भाई,
पिता जी की आत्मा को ईश्वर शांति प्रदान करें और आपको सम्बल ! इस घडी में भी जिस गंभीरता का परिचय आपने दिया है वो आपके पिताजी द्वारा दिए गये संस्कारों का ही फल है !
मेरे परिवार की और से सादर श्रद्धांजली !
विनम्र श्रद्धांजलि …
पिता जी पुण्य आत्मा की शांति के लिए ईश्वर से प्रार्थना और आपको व आपके परिवार को दुख सहने की क्षमता दे.
श्रद्धांजलि!!
खुशदीप भाई पिता जी को हमारी भी श्रद्धांजलि!मां बाप जब तक सर पर होते है, तब तक ऎसा लगता हे कि हम किसी छाया दार पेड के नीचे हे, ओर उन के जाते ही सब कुछ छिन सा जाता हे, ओर लगता हे कि सर पर तेज धुप आ रही हे, मां बाप कितने भी बुजुर्ग क्यो ना हो जाये हम सब को हमेशा उन की जरुरत पडती हे,आप होस्स्ला रखे, ओर उन के बातये रास्ते पर ही चले, उन की आत्मा को शांति मिलेगी, फ़ोन पर आवाज साफ़ नही आ रही थी, फ़िर एक दम से कट गया,भगवान आप के सारे परिवार को हिम्मत दे, ओर पिता जी की आत्मा को शांति दे, अपने चरणो मे जगह दे,
आपके पिताजी को हमारी विनम्र श्रद्धांजलि…
ईश्वर से प्रार्थना है कि वो आपके पिताजी की आत्मा को शांति प्रदान करे और आपको व आपके परिवार को दुख सहने की क्षमता दे…
ईश्वर से प्रार्थना है कि आपको और आपके पूरे परिवार को दुःख सहने की क्षमता दे .. पिताजी को हार्दिक श्रद्धांजलि और नमन !!
सच पिता के बाद शुष्क निस्तब्ध, लगती है ईश्वर आपको एवम आपके परिवार को दु:ख सहने की शक्ति दे पूज्य पिताजी को आत्मिक श्रद्धांजलियां
इस दुख की घडी मे हम सब आपके साथ हैं और भगवान आपके पिताजी की आत्मा को शांति दे…………संस्कार के धनी आपके पिताजी को मेरी हार्दिक श्रद्धांजलि। ईश्वर आपको इस दुख को सहन करने का संबल दे।
खुशदीप जी,
ईश्वर से प्रार्थना है कि आपके पिताजी की आत्मा को शांति दें और आपके परिवार को धैर्य रखने की हिम्मत।
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खुशदीप जी,
दुख की इस घड़ी में मैं आपके साथ हूँ ।
आपके पिताजी को मेरी विनम्र श्रद्धांजलि…
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यह खबर उदास कर गयी.
पिता ने आपके लिए जो स्वप्न देखे थे वो पूरे हों … यही कामना है.
दिव्या आत्मा को नमन
इस दुख के मौके पर आपके और आपके परिवार के प्रति हार्दिक संवेदनायें!
ईश्वर आपके पिताजी की आत्मा को शांति प्रदान करे।
सबको एक दिन ये विछोह सहना ही होता है….ईश्वर से प्रार्थना है कि वे इस दुखद घड़ी मे आपका व परिवार मनोबल बनाये रखे और आप पिताजी के बताये रास्ते पर चल सकें………..विनम्र श्रद्धान्जली…
ईश्वर उनकी आत्मा को शाति प्रदान करें॥ आपके परिवार को इस आघात से उबरने की शक्ति भी वही ऊपरवाला देगा॥
"आया है सो जाएगा" दुनिया का ध्रुव सत्य है।
आप किस्मत वाले हैं कि आपके सर पर पिता जी का साया इतने दिन रहा। हम इतने भाग्यवान नहीं रहे।
पिताजी को विनम्र श्रद्धांजलि।
उस रब से आपके भले की दुआ करते हैं ।