महफूज़ के ब्लास्ट को अमेरिकी सैल्यूट…खुशदीप

सबसे पहली बात…जो मैं कहने जा रहा हूं उसे अप्रैल फूल की पोस्ट समझ कर कतई न लें…ये बिल्कुल सेंट परसेंट पुख्ता ब्लॉगर्स के दिलों को बाग बाग कर देने वाली ख़बर है…और मैं बड़ा खुशकिस्मत हूं कि महफूज़ ने सबसे पहले ये ख़बर मुझे दी…और मुझसे एक मिनट भी रहा नहीं जा रहा…इसलिए इतनी बड़ी खुशख़बरी आप से फौरन शेयर कर रहा हूं…ये इतनी बड़ी ब्रेकिंग न्यूज़ है कि एक दिन में एक पोस्ट का मेरा फंडा भी धरा का धरा रह गया है…

जबलपुर में 14 मार्च को लाल टी शर्ट में सजे महफूज़ मियां स्थानीय सम्मानित ब्लॉगर्स के साथ

दरअसल महफूज़ ने जबलपुर से ही मुझे ये मुंह मीठा करने वाली ख़बर दी है…अरे अरे वो नहीं जो आप समझ रहे हैं…महफूज़ मियां घोड़ी भी चढ़ जाएंगे…फिलहाल तो वो कामयाबी के ऐसे घोड़े पर सवार है जिसे अंकल सैम यानि अमेरिका भी सैल्यूट कर रहा है…अब ज़्यादा पहेलियां न बुझा कर आप को असली बात बताता हूं….

महफूज़ की एक अंग्रेजी कविता ‘Fire is still alive’ अमेरिका के मैडिसन स्टेट के Wisconsin University के Emeritus professor John L. Nancy Diekelmann ने T-Shirt पर प्रकाशित की है… यह टी-शर्ट पूरे अमेरिका व यूरोपियन, भारत समेत एशियन देशों में बेची जाएंगी… इस कविता को Wisconsin University के क्लिनिकल डिपार्टमेंट में सब्जेक्ट में जोड़ लिया गया है…यानि यह कविता अमेरिका के सिलेबस में पढाई जाएगी…. John L. Nancy diekelmann विश्व के जाने माने लेखक, एकेमेडिशियन और पर्यावरणविद हैं…साथ ही अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के सलाहकार मंडल में chief advisor व senate के nominated member हैं…उन्होंने जैसे ही टी-शर्ट का पहला पीस प्रोड्यूस हुआ …वैसे ही चार टी-शर्ट महफूज़ को priority postal mail से भेज दीं…इस पोस्ट के ज़रिए विश्व में कहीं भी तुरंत दो दिन में डाक पहुंच जाती है… महफूज़ की ये कविता एक सामाजिक संदेश देती है. और साथ ही पर्यावरण को सहेज कर रखने की नसीहत भी…


यह टी-शर्ट पूरे अमेरिका में उत्पादित हो चुकी है और तीन दिन में डेढ़ लाख टी-शर्ट बिक चुकी हैं और हर बिकी हुई टी-शर्ट पर महफूज़ को रॉयल्टी मिलेगी…यह रोयल्टी इस साल जून से मिलना शुरू हो जाएगी…

महफूज़ को यूनिवर्सिटी की ओर से इस उपलब्धि के बारे में पिछले साल सितंबर में मेल मिला था…तब उसने एक पोस्ट भी लिखी थी…आप इस लिंक पर जाकर उस मेल को देख सकते हैं…

महफूज़ के पिता कर्नल साहब और मम्मी आज इस दुनिया में बेशक न हो लेकिन वो जिस जहां में भी है, उनकी खुशी का ठिकाना नहीं होगा…चलिए आज कर्नल साहब की तरफ से मैं ही अपने ट्रेडमार्क स्टाइल में गा देता हूं…

तुझे सूरज कहूं या चंदा


तुझे दीप कहूं या तारा


मेरा नाम करेगा रौशन


जग में मेरा राज दुलारा…

महफूज़…शाबाश…

ब्लॉगवुड का, लखनऊ का, गोरखपुर का, मेरा और सबसे ऊपर भारत का नाम दुनिया में रौशन करने के लिए…