कुछ दिन पहले खबर आई थी कि औद्योगिक उत्पादन की दर ने देश में कृषि उत्पादन को कहीं पीछे छोड़ दिया है…यानि अब अपना देश कृषि प्रधान नहीं रहा…एक और मामले में हम किसी से पीछे नहीं हैं…बच्चों के उत्पादन में…अगर यही रफ्तार रही तो चीन को पछाड़ कर हम बीस-पच्चीस साल में ही विश्व में सबसे ज़्यादा आबादी वाले देश का तमगा हासिल कर लेंगे…
लेकिन पश्चिम के कई देशों में उलटी ही गंगा बह रही है…वहां की सरकारें कम बच्चे होने की वजह से परेशान हैं…ज़्यादा से ज़्यादा बच्चे करने के लिए लोगों को तरह-तरह के प्रोत्साहन दिए जा रहे हैं…मक्खन ने ये सुना तो पत्नी मक्खनी के साथ उसी देश में बसने के लिए चला गया…
वहां दोनों को एक साल में ही जुड़वा बच्चे हो गए…लेकिन तभी उस देश में ऐलान किया गया कि जिसके तीन या ज़्यादा बच्चे होंगे उसे सरकार की तरफ़ से फ्लैट इनाम में दिया जाएगा…लेकिन शर्त ये होगी कि बच्चे के डीएनए का मिलान बाप के डीएनए से किया जाएगा…
ये सुनते ही मक्खन की बांछें खिल गईं…मक्खनी से बोला…दरअसल वो पड़ोस वाले घर में भी हाल में जो नन्हा मेहमान आया है, वो भी तुम्हारे इसी नाचीज़ की मेहरबानी है…मैं अभी उसे लेकर आया, अब तो हमारा फ्लैट पक्का…
मक्खन पड़ोस से नन्हे मेहमान को घर ले आया…लेकिन ये क्या, अब अपने ही जुड़वा बच्चे घर से गायब हो गए…मक्खन ने मक्खनी से पूछा…अपने जुड़वा बच्चे कहां गए…मक्खनी ने जवाब दिया…तुम जिस पड़ोसी के घर गए थे…वही पड़ोसी उन जुड़वा बच्चों को ले गया है…कैसे रोकती, सरकार ने शर्त ही ऐसी रख दी है…