पतियों का दर्द न जाने कोए…खुशदीप

नई नई शादी होने पर पति ने कार के पिछले शीशे पर लिखवाया-

“NEWLY MARRIED, DO NOT DISTURB”

कुछ साल बाद उसी शीशे पर लिखा था-

“DO NOT DISTURB, ALLREADY DISTURBED”

——————————————–

कुछ शाश्वत सत्य…

1…
पहला बच्चा आपको पेरेंट बनाता है…


दूसरा बच्चा आने पर आप रेफ्री बन जाते हैं…

2…
शादी वो रिश्ता है जिसमें एक हमेशा सही होता है और दूसरा हमेशा पति होता है…

3…
पति-पत्नी की हर तकरार का एक ही नतीजा निकलता है…समझौता…पति कबूल करता है कि वो गलत था और पत्नी इस बात पर पति से पूरी तरह सहमत होती है….

4…
आप जिस भाषा को बोलते हुए बचपन से बड़े होते हैं, उसे मातृ-भाषा क्यों कहा जाता है…पिता को बोलने का मौका मिला हो तो इस सवाल पर सोचा जाएगा न…

स्लॉग ओवर
पत्नी के साथ रहना होता है…A PART OF LIVING

पत्नी के साथ रहते हुए भी गर्लफ्रैंड को मैनेज करना…
 

 

 

 
THE ART OF LIVING

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दीपक बाबा

जहाँ न पहुंचे कवि – वहाँ पहुंचे रवि………..
खुशदीप सर, कमाल कर दिया आपने………..

"डी आर्ट ऑफ लिविंग" का कोर्स हमें भी करना पड़ेगा…..??

राम राम साहिब.

rashmi ravija
14 years ago

हा हा..बेचारे पति…उनके मन का दर्द बता दिया…:)

महेन्‍द्र वर्मा

मेरे दर्द को आपने शब्द दिए , इसके लिए मैं आपके प्रति कृतज्ञता ज्ञापित करता हूं।

दिनेशराय द्विवेदी

खुशदीप भाई बहुत सहानुभूति मिल गई है, थोड़ी सी मेरे लिए बचा के रखना।

Khushdeep Sehgal
14 years ago

राज जी,
महफूज़ का जहां तक सवाल है, वो तो अनुभव के हिसाब से सिर्फ कुंवारों की ही शिकायतें सुनता है…इसलिए उसे यूनियन की तरफ़ से आदेश दिया जाता है कि शीघ्र अति शीघ्र सिर पर सेहरा बांध कर हमारी इस यूनियन का सदस्य बनने की योग्यता हासिल करें…

जय हिंद…

Khushdeep Sehgal
14 years ago

राज जी,
आप अपनी भूमिका तो गोल ही कर गए…आप इस यूनियन के फाइनेंसर और अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष होंगे…

समीर लाल समीर जी और अनूप शुक्ल जी…आजीवन संरक्षक…

अवधिया जी प्रेरणास्रोत…

राज जी के बेशकीमती सुझाव पर बनने वाली इस यूनियन के लिए सदस्यता खुली है…अपने अमूल्य विचार टिप्पणियों
के ज़रिए अतिशीघ्र भेजें…

जय हिंद…

राज भाटिय़ा

चलो पति युनियन बनाये, आप उस के प्रधान होंगे जी, अजय जी सेकेट्री, ओर ताऊ जी खजांनची, ओर महफूज़ अली साहब शिकायत सुनेगे, ओर जज होंगे हमारे डॉ टी एस दराल …
युनियन का नाम होगा **पत्नि पीडित पति युनियन**

vandana gupta
14 years ago

हा हा हा………मज़ेदार्।

vandana gupta
14 years ago

हा हा हा……………मज़ेदार ……………ऐसे ही लिखते रहें।

डॉ. महफूज़ अली (Dr. Mahfooz Ali)

मैं तो THE ART OF LIVING अपनाना ज्यादा पसंद करूँगा …. वैसे क्या यह कम टैलेंट नहीं है… कि एक गर्ल फ्रेंड के रहते दूसरी , तीसरी, चौथी को मैनेज करना…..

शरद कोकास

क्यों उजागर करते हो अपने दुख ?

Manish aka Manu Majaal
14 years ago

गांधी जयंती है जनाब, कुछ तो अहिंसक लिखा होता …

बेहतरीन संकलन .. जारी रखिये ….

ASHOK BAJAJ
14 years ago

सुन्दर प्रस्तुति .आभार

अजित गुप्ता का कोना

आज मुझे अमृत लाल नागर का कथन याद आ रहा है, उन्‍होंने एक जगह लिखा था कि हम पति और पत्‍नी में कभी झगड़ा नहीं होता। यदि मेरी गल्‍ती होती है तो मैं माफी मांग लेता हूँ और उसकी गल्‍ती होती है तो भी मैं ही माफी मांग लेता हूँ। बहुत बढिया पोस्‍ट, ऐसे ही लिखते रहें।

डॉ टी एस दराल

मियां कल अजय झा के साथ रहे थे क्या ?
हा हा हा ! चौंकिए मत , आज दोनों की पोस्ट में सेम मसाला है ।

वाणी गीत
14 years ago

हमारी पूरी सहानुभूति है …!

Satish Saxena
14 years ago

शाबाश घबराना नहीं ….
आर्ट ऑफ़ लिविंग यही है यही है यही है …….

रानीविशाल

शादी वो रिश्ता है जिसमें एक हमेशा सही होता है और दूसरा हमेशा पति होता है…हम्म तो समझ ही गए आप भी.
और हाँ ये THE ART OF LIVING वाली नसीहत अच्छी नहीं 🙂

स्वप्न मञ्जूषा

अब क्या कहें कि हमें कितनी हमदर्दी है आपसे…:):)
हाँ नहीं तो..!!

Apanatva
14 years ago

aaj kee post halkee pulkee aur lips par muskurahat laane walee rahee…….

Aabhar !

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