पंडित रविशंकर नहीं रहे…खुशदीप

पंडित रविशंकर
7 अप्रैल 1920-11 दिसंबर 2012

सुप्रसिद्ध सितारवादक और संगीतज्ञ पंडित रवि
शंकर का 11 दिसंबर को अमेरिका के शहर सैन डिएगो में निधन हो गया…92 साल के
पंडित रविशंकर को सांस में तकलीफ़ के बाद पिछले गुरुवार को ला जोल्ला के स्क्रिप्स
अस्पताल में भर्ती कराया गया था…दुनिया भर में पंडित जी को भारत के संगीत-दूत के
तौर पर जाना जाता था…उम्र के इस पड़ाव में भी वो संगीत के लिए पूरी तरह सक्रिय
थे…यहां तक कि वो अगले ग्रैमी अवार्ड्स के लिए भी दावेदार थे…7 अप्रैल 1920 को
वाराणसी में जन्मे पंडित रविशंकर ने
भारतीय शास्त्रीय संगीत की शिक्षा उस्ताद
अल्लाऊद्दीन खाँ
 से प्राप्त की। उनके युवा वर्ष यूरोप और भारत में अपने भाई उदय शंकर के नृत्य समूह के साथ दौरा करते हुए बीते। उन्हे
वर्ष
 1999 मे भारत रत्न से सम्मानित किया गया। रवि शंकर को कला के क्षेत्र में भारत सरकार द्वारा सन 1967 में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। ये उत्तर प्रदेश राज्य से हैं।
विनम्र श्रद्धांजलि….
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Rajesh Kumari
12 years ago

पंडित रविशंकर जी संगीत के क्षेत्र में एक अटल सितारा थे कभी नहीं भुलाए जा सकते मेरी उनको विनम्र श्रद्धांजली

Satish Saxena
12 years ago

हम उन्हें याद रखेंगे ……

Rahul Singh
12 years ago

सन 1957 में बनी अर्न सक्‍सडॉर्फ की स्‍वीडिश फिल्‍म के प्रदर्शन से बस्‍तर, गढ़ बेंगाल निवासी दस वर्षीय बालक चेन्‍दरू अंतरराष्‍ट्रीय स्‍तर पर प्रसिद्ध हुआ। फिल्‍म का नाम 'एन डीजंगलसागा' ('ए जंगल सागा' या 'ए जंगल टेल' अथवा अंगरेजी शीर्षक 'दि फ्लूट एंड दि एरो') था। फिल्‍म में संगीत पं. रविशंकर का है, उनका नाम तब उजागर हो ही रहा था। इस फिल्‍म के बाद उनकी चर्चा आम हुई.

अजय कुमार झा

पंडित रविशंकर जी को हमारी भी श्रद्धांजलि ।वे निश्चय ही संगीत विरासत थे

प्रवीण पाण्डेय

संगीत योगी को विनम्र श्रद्धांजलि

कुमार राधारमण

संगीत जगत उन्हें मिस करेगा।

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