दिल्ली में इंडीब्लॉगर्स मीट, कुछ हट कर…खुशदीप

ढाई साल की ब्लॉगिंग में बहुत सारी ब्लॉगर्स मीट्स में हिस्सा लिया है…इन सभी मीट्स में हिंदी ब्लॉगर्स के सानिध्य में बहुत कुछ सीखने को मिला…बहुत सारे नए दोस्त मिले…संयोग से आज भी मैंने एक ब्लॉगर्स मीट में हिस्सा लिया…एचपी इंडीब्लॉगर्स नई दिल्ली मीट…इंडीब्लॉगर्स की ओर से ई-मेल पर इंवीटेशन मिला था…रजिस्ट्रेशन के साथ उन्होंने फोन पर भी मेरी शिरकत के बारे में कंफर्म किया…रविवार की वजह से मेरा ऑफ था, इसलिए कुछ नया सीखने के इरादे से मैंने इस मीट में जाने का फैसला किया…ई-मेल के ज़रिए ये भी पता चल गया कि कौन-कौन से ब्लॉगर्स इसमें हिस्सा लेने आ सकते हैं…पौने दो सौ नामों में से दो-चार को छोड़ सब अंग्रेज़ी के ब्लॉगर…

कनॉट प्लास के द पार्क होटल में दोपहर डेढ़ बजे से शाम छह बजे तक मीटिंग चलनी थी…ये तो भला हो मनसा वाचा कर्मणा वाले राकेश कुमार जी का…जिनका इस मीटिंग के लिए साथ मिल गया…तसल्ली हुई कि किसी से बात तो कर सकूंगा…टाइम से दस-पंद्रह मिनट लेट होटल पहुंच गए…वहां इंडीब्लॉगर्स की टीम ने रिसेप्शन पर गर्मजोशी से स्वागत किया…काउंटर पर रजिस्ट्रेशन कंफर्म किया गया…बड़े से हॉल में आंमत्रित ब्लॉगर्स के हिसाब से सीट्स थी…लेकिन हॉल के खचाखच भर जाने के बाद कुछ और सीट्स की भी व्यवस्था की गई…किसी भी ब्लॉगर के एंट्री करते ही हॉल में बड़ी स्क्रीन पर उसका नाम ब्लॉग के नाम के साथ आ जाता था…

मुझे, राकेश जी और उनकी पत्नीश्री (मेरी दीदी शशि जी) को आगे से दूसरी कतार में सीट मिली…पहले इंडीब्लॉगर्स टीम की तरफ़ से कार्तिक ने सभी का वेलकम किया…इसके बाद एचपी टीम ने एक प्रभावी प्रेज़ेंटेशन के ज़रिए ओरिजनल प्रोडक्ट्स की महत्ता के बारे में बताया…फिर शुरू हुआ सबके इंट्रोडक्शन का दौर…थर्टी सेकंड्स ऑफ फेम नाम वाले इस सेशन में सभी ब्लॉगर्स ने तीस-तीस सेकंड्स में अपना परिचय दिया…इस सेशन में एचपी की ओर से पेन ड्राइव जैसे प्राइज़ भी बांटे जाते रहे…जैसे हॉल में सभी शाल वाली लेडीज़, सभी पगड़ी वाले ब्लॉगर्स, सीनियर मोस्ट ब्लॉगर, यंगेस्ट ब्लॉगर…इंट्रोडक्शन पूरा होने के बाद सबसे विटी बात कहने वाले जालंधर के युवा ब्लॉगर राजन को एचपी प्रिंटर प्राइज़ दिया गया…

इसके बाद जितने भी ब्लॉगर्स आए थे, उनमें छह टीम बनाकर प्रतियोगिता कराई गई…सभी टीम का एक प्रोजेक्ट मैनेजर चुना गया…सभी टीम को अलग अलग नाम रखने के लिए भी कहा गया…मेरी टीम का नाम मेरे ही सुझाव पर जीतो इंडिया रखा गया…इस सेशन में जगह जगह हॉल में स्टीकर्स चिपके हुए थे…स्मार्ट फोन के ज़रिए उन्ही स्टीकर्स में बार कोड में से ओरिजनल चुनने थे…जिन स्टिकर्स पर एचपी प्रिंटर छपा हुआ था, उसे ढूंढने वालों को प्रिंटर गिफ्ट में मिले…जिस टीम ने सबसे ज़्यादा ओरिजनल स्टीकर्स चुने, उसे विजेता घोषित किया गया…हमारी टीम इस मुकाबले में दूसरे नंबर पर रही…

इस सेशन के बाद हाई टी के लिए आधा घंटे का ब्रेक किया गया…हाई टी क्या चाय-कॉफी और अच्छा खासा खाना. दोनों एक साथ थे…इस सेशन के बाद सबको एक-एक शीट देकर एक दूसरे से कमेंट लेने के लिए कहा गया…साथ ही ये भी कहा गया कि ज़्यादा से ज़्यादा कमेंट लेने की कोशिश कीजिए…अच्छा खासा नज़ारा था…सब की पीठ पर वो शीट थीं और सब एक दूसरे के कमेंट लेने के लिए जुटे थे…मैनें अपनी शीट सीट के साथ कोरी ही रखी और सबको ये करते देखने लगा…अदभुत नज़ारा था…लंबी लाइन लगाकर सब एक दूसरे को तल्लीनता से कमेंट देते हुए (ये समझ भी आया कि ब्लॉगिंग में कमेंट्स की इतनी महत्ता क्यों हैं)…अपने राकेश जी हॉल में कई ब्लॉगरों से मिलकर अपनी शीट पर बीस-पच्चीस कमेंट इकट्ठा कर लाए…लेकिन युवा ब्लॉगरों से कहां पार पाते…कई ब्लॉगर तो इतने थोड़े से वक्त में ही चालीस से पचास कमेंट तक का जुगाड़ कर लाए थे…

सबसे मज़ेदार आखिरी सेशन रहा…इंडीब्लॉगर फोरम के तहत इसमें सारे ब्लॉगर्स में से सात-आठ लोगों को चुन कर डिबेट सेशन कराया गया…टॉपिक कंट्रोवर्सियल रखा जाना था तो कपिल सिब्बल का सोशल नेटवर्किंग साइट्स की नकेल कसे जाने की वकालत से बढ़िया और सब्जेक्ट क्या हो सकता था…एक शख्स स्वेच्छा से कपिल सिब्बल बन गए…एक दिग्विजय बन गए…एक बीजेपी की प्रवक्ता, साथ ही गूगल, फेसबुक, याहू कंपनियों के भी एक-एक मालिक बना दिए गए…एक शख्स को सुहेल सेठ बना दिया गया…इस सेशन में सेंस ऑफ ह्यूमर पूरे निखार पर था…जैसे कि बीजेपी की प्रवक्ता बनी यंग लेडी ने सुझाव दिया कि कुछ करने की ज़रूरत नहीं है, फेसबुक, गूगल, याहू, आरकुट सभी नेटवर्किंग साइट्स के नाम गांधी परिवार की अलग-अलग शख्सीयतों पर रख दिए जाएं, जैसे कि दिल्ली में कनाट प्लेस का नाम बदल कर राजीव चौक कर दिया गया है, फिर देखिए सिब्बल जैसे कांग्रेस के नेता ही इन साइट्स पर बैन की जगह इन्हीं का गुणगान करने लगेंगे…यहां चुटीले अंदाज़ में अच्छा वाद-विवाद देखने को मिला…सभी ने न्यू मीडिया पर सरकारी अंकुश का विरोध किया लेकिन साथ ही इस बात पर भी जोर दिया कि खुद ही किसी के बारे में अभद्र शब्द, तस्वीरों आदि से बचना चाहिए…ऐसे कंटेट की भी भर्तस्ना की जानी चाहिए जो साम्प्रदायिक विद्वेष फैलाता हो…

जो शख्स कपिल सिब्बल बने थे, उन्हें खूब सवालों का सामना करना पड़ा…दिलेरी से सबका सामने करने के लिए उन्हें भी प्रिंटर प्राइज़ में दिया गया…आख़िर में जितने ब्लॉगर्स आए थे, सभी को साइज़ के अनुसार इंडीब्लॉगर्स की ब्लैक टी-शर्ट देकर विदा किया गया…चलते चलते मेरी इंडीब्लॉगर्स टीम के कार्तिक और द प्रैक्टिस, स्ट्रैटेजिक कम्युनिकेशंस की अशिमा अग्रवाल से बात हुई…इस दौरान खास तौर पर हिंदी और अन्य भाषाओं के ब्लॉगर्स के लिए भी इंडीब्लॉगर्स की तरफ से ऐसे ही आयोजन का मुद्दा उठा…कार्तिक ने बताया कि उनकी टीम इस पर पहले से ही विचार कर रही है…उन्होंने ऐसी किसी मीट के लिए प्रपोज़ल पर आगे डिस्कस करने के लिए अपना कार्ड भी दिया…

कुल मिलाकर आज की शाम अच्छे माहौल में कुछ सार्थक करते बीती…सबसे ज़्यादा मुझे इस मीटिंग की ऊर्जा ने प्रभावित किया…सत्तर साल के एक शख्स भी वैसे जोश के साथ हिस्सा ले रहे थे जैसे कि पंद्रह-सोलह का कोई किशोर…सब कुछ खुशमिजाज़…ऊपर से इंडीब्लॉगर टीम और प्रायोजक एचपी ग्रुप का प्रोफेशनल अंदाज़ में टाइम मैनेजमेंट के साथ मीटिंग का संचालन…एक बात मेरी और समझ में आई कि जब बड़ी ब्लॉगर मीट का आयोजन किया जाना हो तो अच्छे प्रायोजक के साथ इंडीब्लॉगर जैसी तजुर्बेकार टीम का साथ लेना सोने पे सुहागा वाला काम कर सकता है…