डॉक्टर टीएस दराल के तीन मरीज़…खुशदीप

सुबह डाक्टर टी एस दराल अपने नर्सिंग होम में बैठे हुए थे…एक पहलवाननुमा मरीज़ कमर दर्द से कराहता हुआ डॉक्टर दराल के चैम्बर में पहुंचा…मरीज़ का बुरा हाल था…

डॉक्टर साहब ने उसे बेड पर लिटा कर चेक किया…फिर कहा…ओके, ठीक हो जाओगे…लेकिन तुम्हारी कमर को हुआ क्या...मरीज़ बोला…डॉक्टर साहब आप से क्या छुपाना…मैं एक नाइट रेस्तरां में बॉक्सर (हुड़दंगियों पर नज़र रखने वाला) का काम करता हूं…रात भर ड्यूटी देकर सुबह घर पहुंचा तो अपने बेडरूम से मुझे कुछ आवाज़ें सुनाई दी…मैं बेडरूम में दाखिल हुआ तो वहां मेरी पत्नी के अलावा कोई नहीं था…लेकिन बॉलकनी का दरवाजा खुला हुआ था…मैं झट से वहां पहुंचा…बॉलकनी से नीचे झांक कर देखा तो एक आदमी अपने कपड़े ठीक करता हुआ भाग रहा था…मैंने आव देखा न ताव, बॉलकनी में रखा पुराना फ्रिज ही उठा कर उस आदमी पर दे मारा…वो फ्रिज उठाने के चक्कर में ही मेरी कमर का बल निकल गया…

ड़ॉक्टर दराल ने बॉक्सर जी को वार्ड में भेजा ही था कि दूसरा मरीज़ और आ पहुंचा…उसकी हालत तो और भयावह थी…ऐसे जैसे किसी ने हथोड़े का वार कर चपटा बना दिया हो…दर्द से छटपटाता हुआ…डॉक्टर साहब ने पूछा…भई, हौसला रखो…पहले ये बताओ, ऐसा हाल तुम्हारा किस वजह से हुआ.…दूसरा मरीज़ बोला……डॉक्टर साहब…कुछ न पूछो…कुछ महीने पहले छंटनी में मेरी नौकरी चली गई थी..तभी से बेरोज़गार हूं…आज एक कंपनी के बुलावे पर इंटरव्यू देने जाना था…पर अलार्म लगाना भूल गया…सुबह देर से उठा तो इंटरव्यू का टाइम सिर पर आ गया था…बस किसी तरह मुंह धो कर झटपट कपड़े अड़ा कर ही भागा जा रहा था…पेंट की बेल्ट बांध रहा था कि किसी ने मल्टीस्टोरी बिल्डिंग की पता नहीं कौन सी बॉलकनी से भारी-भरकम फ्रिज मेरे ऊपर दे मारा…

ये सुनकर डॉक्टर को बॉक्सर की बात याद आ गई लेकिन बोले कुछ नहीं…दूसरे मरीज की मरहम पट्टी कर उसे भी वार्ड में भेज दिया…दूसरा मरीज चैम्बर से रुखसत ही हुआ था कि एक तीसरा मरीज़ और आ पहुंचा…डॉक्टर साहब उसे देखते ही पहचान गए…वो मक्खन था…मक्खन का हाल तो पहले दोनों मरीजो से भी ज़्यादा बुरा था…डॉक्टर दराल ने ठंडी सांस लेकर पूछा कि अब भईया मक्खन तुम्हे क्या हुआ…

मक्खन के मुंह से बड़ी मुश्किल से शब्द निकले….वो..ओ…ओ…डॉ…क्टरररर…सा..अ..आब….मैं…
सुबह…फ्रिररररिज़ …में……बैठा….थ..अआ….क….कि…सी…ने…उठअअआ…कअअर….
थ..ररर्रड….फ्लोओओर….से…नीईचेएएएए…देएएएए…माआआआररररा….


(वो डॉक्टर साहब, मैं सुबह फ्रिज़ में बैठा था कि किसी ने उठा कर थर्ड फ्लोर से नीचे दे मारा)….

0 0 votes
Article Rating
Subscribe
Notify of
guest
0 Comments
Oldest
Newest Most Voted
Inline Feedbacks
View all comments
0
Would love your thoughts, please comment.x
()
x