एनसीईआरटी की 11वीं कक्षा की राजनीति शास्त्र की किताब में संविधान निर्माता भीमराव अंबेडकर का एक कार्टून छपा है…इसे लेकर दलित समुदाय नाराज है… इस कार्टून के जरिए बताया गया है कि संविधान बनाने की प्रक्रिया काफी सुस्त थी…कार्टून में अंबेडकर को एक घोंघे (snail) पर बैठा दिखाया गया है और भारत के पहले प्रधानमंत्री नेहरू घोंघे पर कोड़े मारकर इसे तेज चलने के लिए कह रहे हैं…
कार्टून चिल्ड्रन बुक ट्रस्ट के लिए शंकर द्वारा बनाया गया है…कार्टून का विरोध करने वालों का कहना है कि इसे देखकर ऐसा प्रतीत होता है कि एनसीईआरटी संविधान के निर्माण में हुई तीन वर्ष की देरी के लिए भीमराव अंबेडकर को जिम्मेदार ठहरा रही है…
इसी कार्टून को लेकर शुक्रवार को संसद के दोनों सदनों में काफ़ी हंगामा हुआ…दलित सांसदों में इतनी नाराज़गी थी कि कांग्रेस के ही सांसद पी एल पूनिया ने मानव संसाधन मंत्री कपिल सिब्बल से माफ़ी मांगने या इस्तीफ़ा देने की मांग कर डाली…
भीमराव अंबेडकर के कार्टून पर हुए विवाद पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और बहुजन समाज पार्टी अध्यक्ष मायावती ने कहा कि यह मामला बहुत गंभीर है और हम इस मामले को बर्दाश्त नहीं करेंगे…केंद्र सरकार की यह जिम्मेदारी बनती है कि वो इस मामले में दोषी लोगों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई करे…बाबा अंबेडकर कोई मामूली व्यक्ति नहीं थे…वो भारतीय संविधान के निर्माता थे…भारतीय संसद भी संविधान से ही चल रही है…यह अंबेडकर का अपमान नहीं है बल्कि देश की संसद का अपमान है…केंद्र सरकार को इस मामले में तुरंत हस्तक्षेप करके दोषियों के खिलाफ कार्रवाई शुरु करनी चाहिए…मायावती ने यह भी कहा कि वो इस मुद्दे के समाधान तक संसद को नहीं चलने देंगी…
सांसदों की आपत्ति के बाद सिब्बल ने सरकार की तरफ से ऐलान किया कि कार्टून को किताब से हटा दिया जाएगा…लेकिन ये अब अगले साल ही संभव होगा…
सवाल ये भी है कि अगर ये कार्टून अपने वक्त के शीर्ष कार्टूनिस्ट शंकर का बनाया हुआ है, तो उनका निधन भी 23 साल पहले हो चुका है…मुझे ये जानने में दिलचस्पी है कि जब शंकर ने कार्टून बनाया होगा तो राजनीतिक हल्कों समेत पूरे देश में क्या प्रतिक्रिया हुई होगी…वैसे इस तरह के राजनीतिक कार्टून को बच्चों की पाठ्य पुस्तकों में शामिल करने को मैं भी नितांत गलत मानता हूं..आपकी क्या राय है…
Latest posts by Khushdeep Sehgal (see all)
- कर्नल सोफ़िया कुरैशी के नाम पर फेसबुक स्कैम - May 16, 2025
- बिलावल भुट्टो की गीदड़ भभकी लेकिन पाकिस्तान की ‘कांपे’ ‘टांग’ रही हैं - April 26, 2025
- चित्रा त्रिपाठी के शो के नाम पर भिड़े आजतक-ABP - April 25, 2025
Baba Sahab ke sath ho to apman v kisi or ke sath unake bhakt kare to koi bat nhi kitani mahan soch h apaki
jo hua galat hua …jo ho raha hai galt ho raha hai …jo hoga wo bhi galat hi hoga…:-) 🙂
कमाल है ….
भाई खुशदीप जी!….उपहास तो किसी का नहीं करना चाहिए…लेकिन इतने वर्षों बाद प्रतिक्रिया आई वह भी इतनी तीखी…कमाल है…मेरी समझ में एक बात नहीं आती…बाबा साहब को संविधान का निर्माता होने का क्रेडिट किस आधार पर दिया जाता है. जहाँ तक मेरी जानकारी है एक संविधान सभा गठित हुए थी जिसने ब्रिटेन के अलिखित संविधान को थोड़े फेरबदल के बाद भारत के लिए लिखित अवस्था में लाने का काम किया था…इसे संशोधन कहा जा सकता है निर्माण कैसे कहा जा सकता है. निर्माता तो ब्रिटिश शासक थे..फिर सभा के बाकी सदस्यों का कोई योगदान नहीं था क्या?…
ashish ji aur gondiyaal ji se sahmat hoon !
बच्चों के मन में बात गहरे बैठती है..
आशीष और गोदियाल जी की बात से सहमत!
बाबा साहब का उपहास नितांत घृणित है.
निंदनीय कर्म.
How dumb can our politician be? This is all for vote appeachment. As far as NCERT books are concerned, so many distorted facts about history are written there in those books to hurt the sentiments of hindus, but not a single politicians have ever cared to look into it.कार्टून देखने के बाद मेरे को तो जो तुरंत समझ में आया था वह यह था कि कार्टूनिस्ट ने यह दिखाने की कोशिश की है कि नेहरु उस घेंघे रूपी संविधान को अपने हिसाब से हांकना चाहते थे किन्तु आंबेडकर ने घेंघे ( संविधान ) पर अपनी लगाम कसे रखी ! इसमें तो उलटे उनका मान बढाया गया है !
जय हो..हो रहा भारत निर्माण .अब बच्चों को यही सिखाना बाकी रह गया है .
sahmat aap se
कार्टून ग़लत नहीं है लेकिन पाठ्य पुस्तक में ग़लत है।