जिस दिन बीजेपी में
पीएम-इन-वेटिंग के तौर पर मोदी की ताजपोशी हुई, उसी दिन दामिनी या निर्भया के चार
गुनहगारों को सज़ा-ए-मौत सुनाई गई…न्यूज़ चैनलों पर नमो-नमो के जाप के चलते 16
दिसंबर की काली रात के इनसाफ़ से जुड़े कई सवालों पर बहस उस तरह से नहीं हो पाई,
जिस तरह से होनी चाहिए थी…
पीएम-इन-वेटिंग के तौर पर मोदी की ताजपोशी हुई, उसी दिन दामिनी या निर्भया के चार
गुनहगारों को सज़ा-ए-मौत सुनाई गई…न्यूज़ चैनलों पर नमो-नमो के जाप के चलते 16
दिसंबर की काली रात के इनसाफ़ से जुड़े कई सवालों पर बहस उस तरह से नहीं हो पाई,
जिस तरह से होनी चाहिए थी…
गुनहगारों का एक वकील खुलेआम अदालत पर राजनीतिक दबाव
में होने का आरोप लगाता रहा…इसी वकील ने बेशर्मी की हद पार करते हुए ये बयान भी
दिया कि उसकी अपनी बेटी इस तरह दोस्त के साथ देर रात तक बाहर घूमती तो वो खुद ही
उसका गला दबा देता…इस वकील ने ऐसे शब्द भी कहे, जिन्हें लिखा भी नहीं जा
सकता…
में होने का आरोप लगाता रहा…इसी वकील ने बेशर्मी की हद पार करते हुए ये बयान भी
दिया कि उसकी अपनी बेटी इस तरह दोस्त के साथ देर रात तक बाहर घूमती तो वो खुद ही
उसका गला दबा देता…इस वकील ने ऐसे शब्द भी कहे, जिन्हें लिखा भी नहीं जा
सकता…
जब ऐसे शख्स वकालत के पेशे को शर्मसार कर रहे हों, एक दरिंदा नाबालिग का
तमगा माथे पर लगा होने की वजह से अब बस दो साल ही सुधार-गृह में काटेगा…दामिनी
के गुनहगारों के मास्टरमाइंड राम सिंह को उसके किए की सज़ा सुनाई जाती, इससे
पहले ही उसने हाई सिक्योरटी तिहाड़ जेल में खुद ही मौत को गले लगा लिया…यानि
सिस्टम यहां भी नाकाम रहा…
तमगा माथे पर लगा होने की वजह से अब बस दो साल ही सुधार-गृह में काटेगा…दामिनी
के गुनहगारों के मास्टरमाइंड राम सिंह को उसके किए की सज़ा सुनाई जाती, इससे
पहले ही उसने हाई सिक्योरटी तिहाड़ जेल में खुद ही मौत को गले लगा लिया…यानि
सिस्टम यहां भी नाकाम रहा…
ऐसे में दामिनी का सवाल है कि क्या उसके साथ मुकम्मल
इनसाफ़ हुआ…दामिनी की रूह ये भी पूछ रही है कि उसके चार गुनहगारों को अब जल्दी
से जल्दी कब फांसी के फंदे पर कब लटकाया जाएगा…या ये चारों भी हाई-कोर्ट,
सुप्रीम कोर्ट में अपील और फिर राष्ट्रपति के समक्ष दया याचिका के प्रावधानों के ज़रिए
अपनी सज़ा-ए-मौत को लटकाते रहेंगे ?
इनसाफ़ हुआ…दामिनी की रूह ये भी पूछ रही है कि उसके चार गुनहगारों को अब जल्दी
से जल्दी कब फांसी के फंदे पर कब लटकाया जाएगा…या ये चारों भी हाई-कोर्ट,
सुप्रीम कोर्ट में अपील और फिर राष्ट्रपति के समक्ष दया याचिका के प्रावधानों के ज़रिए
अपनी सज़ा-ए-मौत को लटकाते रहेंगे ?
ऐसे ही सवालों से जुड़ा ये वीडियो ज़रूर देखिए…
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