इनसान भी फूलों की तरह खिल सकते हैं…खुशदीप

दावा है इनसान को इससे ज़्यादा खूबसूरत पहले कभी नहीं देखा होगा…यहां सारे फूल, पत्तियां, पंखुड़ियां, तने, इनसानों के बने हैं…

आप हिम्मत हार जाते हैं और किसी काम को आप ये कह कर छोड़ देते है कि इसे करना मेरे बस की बात नहीं, याद रखिए जिस पल आप खुद को उस काम से अलग करते हैं, उसी के अगले पल से जीत शुरू होती है…इसलिए कोशिश कभी नहीं छोड़नी चाहिए…दो चूहों के माध्यम से समझिए ज़िंदगी के इस फ़लसफ़े को…Determination is life…Khushdeep

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Rakesh Kumar
13 years ago

खूबसूरत चित्र.

चूहों में मोटे की तो 'राम राम सत्' हो गई न.

छोटे ने मक्खन निकाल कर जान बचाई.

आपकी टिपण्णी के मक्खन के लिए मैं भी हाथ
पाँव मार रहा हूँ.

देखो जान बचती है या नहीं.

ताऊ रामपुरिया

बहुत लाजवाब.

रामराम.

निर्मला कपिला

लो जी हम तो खिल गये। आशीर्वाद।

Minakshi Pant
13 years ago

wow its amazing dost ji 🙂

प्रवीण पाण्डेय

अद्भुत संयोजन, मानवीय काया का अनुपम रंग छाया।

दिनेशराय द्विवेदी

प्रकृति में इन्सान ही तो है जो कुछ बनाता है।

Satish Saxena
13 years ago

क्या खूबसूरत रंग हैं ….शुभकामनायें आपको !

Anjana Dayal de Prewitt (Gudia)

bahut sunder 🙂

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