अन्ना ने भ्रष्टाचार पर पूछे एक सवाल के जवाब में जो कहा, उस पर कल गर्मागर्म प्रतिक्रियाओं के आने की पूरी संभावना है…खास तौर पर कांग्रेस नेताओं से…अन्ना ने कहा…”सहने की कुछ कार्यक्षमता होती है, जब सहन करने की कार्यक्षमता इनसान की ख़त्म होती है तो सामने वालों में कोई भी हो, एक चमाटा मुंह में लग गया तो उनका दिमाग अपनी जगह पर आ जाएगा…अभी वही रास्ता बाकी है…”
चमाटों से अन्ना का न जाने क्या लगाव है…कृषि मंत्री शरद पवार को हरविंदर सिंह ने चमाटा लगाया था तो अन्ना की पहली प्रतिक्रिया थी…बस एक ही लगाया…हालांकि बाद में अन्ना ने इस तरह के हिंसक बर्ताव की निंदा की थी…
अन्ना के बयान पर मैं खास तौर पर उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल निशंक (ब्लाग जगत अच्छी तरह परिचित है इनके नाम से) की प्रतिक्रिया सुनना पसंद करुंगा…निशंक सोमवार को टीम अन्ना के सदस्य अरविंद केजरीवाल पर मानहानि का मुकदमा दर्ज़ करने की धमकी दे चुके हैं…दरअसल पिछले शनिवार को हरिद्वार में अरविंद केजरीवाल ने सीएजी रिपोर्ट का हवाला देते हुए निशंक के कार्यकाल में कुंभ मेले में दो सौ करोड़ के घोटाले का ज़िक्र करते हुए भ्रष्टाचार के आरोपी उम्मीदवार को वोट न देने की अपील की थी…इसी पर तमतमाए निशंक ने कहा, केजरीवाल माफ़ी मांगे अन्यथा अवमानना का मुकदमा भुगतने के लिए तैयार रहें…अभी तक केजरीवाल ने माफ़ी तो नहीं मांगी है, अब देखना है निशंक क्या करते हैं..
चलिए अब आते हैं फिल्म गली गली चोर है पर…अक्षय खन्ना, श्रिया सरन और मुग्धा गोडसे की स्टार कास्ट वाली ये फिल्म 3 फरवरी को देश में रिलीज़ होनी है…मार्केटिंग के युग में दाद देनी होगी फिल्म बनाने वालों के दिमाग की…एक ही झटके में अन्ना को फिल्म देखने के लिए मना कर मुफ्त में पूरे देश में प्रचार का जुगाड़ कर लिया…
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पब्लिसिंटी का नया फंडा।
गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं….
जय हिंद…वंदे मातरम्।
वाह! क्या बात है.
अच्छा तरीका है पब्लिसिटी का.
@संजय @ मो सम कौन ?
गलती की ओर ध्यान दिलाने के लिए शुक्रिया…तेजिंदर सिंह बग्गा प्रशांत भूषण पर हमले के दौरान सुप्रीम कोर्ट में उनके दफ्तर पर मौजूद था…हरविंदर ने पवार को तमाचा लगाया था..उससे चार दिन पहले अदालत में सुखराम की भी ठुकाई की थी…
जय हिंद…
एक और खुलासा किया आपने, मुक़दमाजेलअस्पताल कोई हरविंदर सिंह झेल रहा है:)
इसे देख कर -जाने भी दो यारो– की याद आ गई ।
मै अन्ना हजारे से सहमत हूं सहने की एक सीमा होती है. आप तो चाटा की बात कर रहे हो यहाँ तो रोज गरीबी के कारण मरता है. मै बचपन से अपने आसपास देखते आया हूं बिना ईलाज के गरीब आदमी मर जते हैं. लेकीन हाय रे मानवताबादी आप एक चाँटे पर ईतना दुखः होते हो लेकिन लाखों आदमी भ्रष्टाचार के मर जाते हैं आप एक चूँ तक नहीं करते हो. ईसे क्या कहा……?
🙂 देखते हैं यह भी..आखिर अन्ना ने देखी है.
🙂 Very interesting!
आदरणीय खुशदीप जी नमस्कार
आप भी अन्ना की रेटिंग गिराने का कोई मौका नहीं छोडते 🙂
प्रणाम
आजकल की ऊँटपंटाग फिल्मों को कौन देखे?
देखी जायेगी यह फिल्म, संदेश तो जाना पहचाना ही लग रहा है।