Slogans, Patel Rap, Crackers…खुशबतिया (04.04.14)

(खुशबतिया की तीसरी कड़ी आपके लिए हाज़िर है, मेरे इस प्रयास पर अपनी राय ज़रूर दीजिएगा)


मजबूरी का नाम…

भारत की राजनीति नारा-प्रधान है। सियासी दल हों
या इनके शीर्ष नेता सभी को हमेशा रामबाण नारों की तलाश रहती है। ऐसे नारे जो
तत्काल लोगों की ज़ुबान पर चढ़ जाएं और चुनावी नैया पार लगा दें। नेता जी की
नज़रों में आने के लिए उनके लगुए-भगुए भी नारों को गढ़ने में अपनी पूरी रचनात्मक
उढ़ेल देते हैं। चंडीगढ़ में 29 मार्च को नरेंद्र मोदी की रैली के दौरान बीजेपी की
शहर प्रभारी आरती मेहरा को ऐसी ही एक कोशिश भारी पड़ी। आरती मेहरा ने जोश में नारा
लगाया था…
मजबूरी का नाम महात्मा गांधी और मज़बूती का नाम
नरेंद्र मोदी
। चंडीगढ़ क्षेत्र कांग्रेस कमेटी (सीटीसीसी) को
ये नारा नागवार गुज़रा। सीसीटीसी के उपाध्यक्ष डी डी जिंदल ने इसे राष्ट्रपिता का
अपमान मानते हुए चंडीगढ़ के सेक्टर 34 पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज़ करा दी। आरती
मेहरा के साथ बीजेपी के पोस्टरबॉय नरेंद्र मोदी के ख़िलाफ़ भी शिकायत दर्ज़ कराई
गई है। लेकिन यहां आधार दूसरा बताया गया। मोदी के ख़िलाफ़ शिकायत में कहा गया कि
उन्होंने चंडीगढ़ लोकसभा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी पवन कुमार बंसल को लेकर झूठी,
अपमानजनक और अवांछित भाषा का प्रयोग किया। शिकायत के मुताबिक मोदी ने
रेलगेटका उल्लेख किया,
जिसका पवन कुमार बंसल से कोई लेनादेना नहीं है। मोदी के बयान को आचार-संहिता का
उल्लंघन बताते हुए शिकायत में कहा गया है कि इस मामले में बंसल को पहले ही
क्लीन-चिट मिल चुकी है। सीबीआई की एक अदालत एक एनजीओ की उस याचिका को भी ठुकरा
चुकी है जिसमें बंसल के ख़िलाफ़ दोबारा जांच करने की मांग की गई थी। शिकायत के
अनुसार मोदी ने 29 मार्च को रैली में कहा था-
भ्रष्टाचार के पवन
को यहीं गाढ़ दो, उसे जाने मत दो, यहीं पर रोक दो

पटेल रैप…

आप मॉडर्न संगीत के
शौकीन है तो आपने गुजरात के
दिबांग पटेल का ‘पटेल
रैप’ सुना होगा। लेकिन यहां मैं गुजरात के एक और पटेल का ज़िक्र कर रहा हूं।
ये पटेल साहब है गुजरात के ऊर्जा और पेट्रोकैमिकल्स मंत्री सौरभ पटेल। मोदी के
ख़ासम-म-ख़ास माने जाते हैं। यहां तक कि अगर मोदी के प्रधानमंत्री बनने की स्थिति
आती है तो सौरभ पटेल का नाम गुजरात के मुख्यमंत्री पद के प्रमुख दावेदारों में
शुमार होता है। लेकिन सौरभ पटेल को चुनाव आयोग से आम आदमी पार्टी के मुखिया अरविंद
केजरीवाल के ख़िलाफ़ शिकायत करना उलटा पड़ गया। सौरभ पटेल रिलायंस इंडस्ट्री
लिमिटेड के सीनियर डायरेक्टर रमणीक लाल अंबानी के दामाद हैं। रमणीक लाल रिलायंस
इंडस्ट्री के संस्थापक धीरूभाई अंबानी के बड़े भाई है। केजरीवाल मार्च में गुजरात
के तीन दिन के दौरे पर आए थे तो उन्होंने आरोप लगाया था कि सौरभ पटेल का कुछ
चुनींदा उद्योगपतियों से घनिष्ठ नाता है। केजरीवाल का ये भी आरोप था कि सौरभ पटेल
को ऊर्जा और पेट्रोकैमिकल्स मंत्रालय का दिया जाना और रिलायंस पेट्रोकैमिकल्स का
यहां फलना-फूलना मात्र संयोग नहीं कहा जा सकता। सौरभ पटेल की पहचान सभी विवादित
मुद्दों पर चुप्पी बरतने की रही है। लेकिन इस बार केजरीवाल के आरोप के बाद वो
तमतमा गए। उन्होंने सीधे चुनाव आयोग में केजरीवाल के ख़िलाफ़
गैर जिम्मेदार और अपमानजनक बयानके लिए कार्रवाई के लिए शिकायत कर दी। चुनाव आयोग
ने केजरीवाल से तो कोई स्पष्टीकरण नहीं मांगा लेकिन गुजरात के मुख्य चुनाव अधिकारी
से सौरभ पटेल का लेखा-जोखा ज़रूर मंगा लिया है। इसमें पटेल के विभाग और उनके
अंबानी परिवार से रिश्ते के बारे जानकारी मांगी गई है। सौरभ पटेल का कहना है कि
उनका अंबानी परिवार से रिश्ता 25 साल पुराना है। पटेल के मुताबिक वो जल्दी ही
चुनाव आयोग को अपना जवाब भेज देंगे।

पटाख़ा पॉलिटिक्स…

चुनावी रैलियों के
दौरान पटाखे ना फोड़े जाएं तो क्या मज़ा
? ना तो अपनी पार्टी
के दिग्गज़ नेताओं को कुछ पता चलेगा और ना ही विरोधी दलों के कानों तक धमक पहुंचाई
जा सकेगी। लेकिन अब पार्टी के टॉप नेताओं की रैलियों के दौरान ऐसा करना संभव नहीं
होगा। दरअसल, इंटेलीजेंस ब्यूरो ने सभी राज्यों के डायरेक्टर जनरल पुलिस को एक एडवायज़री
भेजी है। इस एडवायज़री के मुताबिक डायरेक्टर जनरल स्तर के अधिकारियों को ये
सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है कि पार्टी के दिग्गज नेताओं के आसपास कहीं
पटाख़े ना बजने दिए जाए। आईबी ने ये कदम अमृतसर में बीजेपी उम्मीदवार अरुण जेटली
के एक रोड-शो के दौरान हुए हादसे के बाद उठाया है। 18 मार्च को इस रोड शो के लिए
बीजेपी समर्थकों ने हीलियम के गुब्बारों और पटाखों का इंतज़ाम कर रखा था। जेटली जब
जीप पर चढ़े हुए थे तो एक पटाखे से गुब्बारा फट गया। ज़ोरदार धमाके के साथ गैस का
रिसाव हुआ। इस हादसे में जेटली और कुछ पुलिसवालों को मामूली चोटें आईं। आईबी ने
राज्यों के डायरेक्टर जनरल पुलिस को भेजी एडवायज़री में पिछले साल आंध्र प्रदेश के
पश्चिम गोदावरी ज़िले में हुए एक हादसे का भी उल्लेख किया। इस हादसे में पटाखों से
ही एक वाहन में आग़ लग गई थी। आईबी ने ऐसी ही एडवायज़री वीवीआईपी की सुरक्षा
व्यवस्था देखने वाले स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप (एसपीजी) और नेशनल सिक्योरिटी
गार्ड्स (एनएसजी) को भी भेजी है।

स्लॉग ओवर

सूबेदार लहना सिंह
और सूबेदार इमामदीन ब्रिटिश इंडियन आर्मी की एक ही रेजीमेंट में तैनात थे। दोनों
जिगरी यार थे और रोज शाम को साथ जाम टकराया करते थे। देश के बंटवारे ने दोनों को अलग
कर दिया। सूबेदार इमामदीन को पाकिस्तानी सेना में जाना पड़ा। अपने यार की याद को
हमेशा ज़िंदा रखने के लिए सूबेदार लहना सिंह रोज़ शाम रम के दो गिलास तैयार करता। फिर
एक-एक बार दोनों से सिप करता। कोई पूछता तो कहता कि-
एक मेरा है और एक सूबेदार इमामदीन का। कई साल बीतने के बाद लहना सिंह सिर्फ एक गिलास
से रम सिप करता दिखा। रोज़ सूबेदार लहना सिंह को देखने वाले एक शख्स ने पूछा-
क्यों भाई आज दूसरा गिलास कहां है?” इस पर सूबेदार लहना सिंह का जवाब था- आज से मैंने पीना छोड़ दिया है, लेकिन मेरे यार
ने नहीं।
(Contributed
by Dr Dhanul Haq Haqqi, Karachi
)


Keywords:Slogans, Patel rap, Crackers
Khushdeep Sehgal
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प्रवीण पाण्डेय

राजनीति की रोचक लड़ाई।

yashoda Agrawal
11 years ago

शुभ प्रभात
क्या पटाखा पोस्ट है
सादर

Khushdeep Sehgal
11 years ago

यशवंत जी, मेरी पोस्ट को शामिल करने के लिए आभार…

जय हिंद…

Khushdeep Sehgal
11 years ago

सुशील जी, स्वागत है आपका…

जय हिंद…

Khushdeep Sehgal
11 years ago

पाबला जी, आपके इस स्तंभ को लगातार प्रोत्साहन के लिए शुक्रिया…

जय हिंद…

BS Pabla
11 years ago

बढ़िया

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