आज लिखने का मूड नहीं हैं…बस कुछ तस्वीरें देखिए…
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सारी दुनिया का बोझ हम उठाते हैं… |
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ललित शर्मा भाई जी की शागिर्दी का कमाल |
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नो कमेंट्स….(फोटो आभार देखोजी.कॉम) |
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चक्कर खा गए हम तो रे भइया देख के ये एडवा…(फोटो आभार देखोजी.कॉम) |
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क्या कर रहा है बे…जो लिखा है उसे ही मानेगा क्या… |
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@राज भाटिया जी, @नीरज जाट महाराज,
मक्खन की बेबे ने गलती से देशनामा का कुंडा खटका दिया था…उसे मिलना है तो नीचे वाले लिंक पर जाना होगा…
मक्खन की बेबे (मां) गुम हो गई…Khushdeep
जय हिंद…
अरे हम तो मंखन की बेबे को देखाने आये थे, आप ने सुंदर चित्र दिखा दिये , धन्यवाद
अद्भुत तसवीरें हैं खुशदीप जी ….
ये ललित भाई साहब आजकल बन्दुक चलाने की ट्रेनिंग दे रहे हैं क्या …?
इससे बूढी बिल्लियों को काफी फायदा होगा जिन्हें ये चकमा देकर भाग जाते थे ….):
आखिरी वाली में खींचने वाले की तत्परता कमाल की है ….
डॉ साहब की बात से सहमत हूँ ….):
तस्वीरें खींचने वाले की दाद देता हूँ । विशेषकर दूसरी और आखिरी में क्षण की तत्परता कमाल की है ।
भाई, मक्खन की बेब्बे को क्यों हटा दिया?
सब की सब तस्वीरें कमाल की है … वैसे तस्वीरो में यह खासियत होती है … बिना बोले ही बहुत कुछ बयां कर देने की !
इस लिए ही हम ने भी एक ब्लॉग बनाया हुआ है सिर्फ़ तस्वीरो के ही नाम …
जय हिंद !
कल अपना भी कमेन्ट देने का मूड नही था। क्या कहने तस्वीरों के। शुभकामनायें।
shanti main hi shakti hai…..
jai baba banaras……
बड़े गजब की फोटू लाये हैं..
पोस्ट की पावर ?
पांच की महिमा न्यारी
पांच से रची है सृष्टि सारी
पंजे से बनती मुट्ठी भारी
पांच तस्वीरें ही आपने उतारी
इसलिये ये पोस्ट आपकी बन गई न्यारी
कि सब चुप हैं,कह रहें है की तस्वीरें बोलती हैं.
आपही कुछ बोलो खुशदीप भाई.
यह शरारत किसने सुझाई
'शरद पंवार' तो नहीं हो सकते.
कहाँ-कहाँ से छांट लाते हैं आप भी?
अपने आप में पोस्ट जैसी तस्वीरें।
वाकई अद्भुत…
तश्वीरें बोलती हैं,
राज खोलती हैं।
बहुत खूब, "पामोलिव दा तो जवाब नही"
हा हा हा
आज तो मैं भी समीर जी की बातों से पुर्णतः सहमत हूँ की…
जब तस्वीरें बोलें तो खुद चुप रहना ही बेहतर!!
शानदार पोस्ट की शानदार कमेन्ट …
वाह! तश्वीरें खुद बोलती हैं।
अपने कहने के लिए कुछ बाकी रहा ही नहीं।
"ला-जवाब" जबर्दस्त!!
"ला-जवाब" जबर्दस्त!!
"ला-जवाब" जबर्दस्त!!
"ला-जवाब" जबर्दस्त!!
एक से बढ़कर एक.
हा हा!! जब तस्वीरें बोलें तो खुद चुप रहना ही बेहतर!!
आज केवल फ़ोटो ?
चुनाव अच्छा है।
यह सब काम जिस ज़मीन पर हो रहे हैं, उसकी तारीफ़ में चंद लाइनें पेशे-खि़दमत हैं।
आओ कुछ ऐसे काम करते हैं
देस का अपने नाम करते हैं
दुश्मनों को भी राम करते हैं
सर झुका कर सलाम करते हैं
मां तुझे हम सलाम करते हैं
तेरी ज़ीनत हैं साबिर ओ चिश्ती
शान हैं तेरी गौतम ओ गांधी
मादरे हिन्द अज़्मतों का तेरी
दिल से हम अहतराम करते हैं
मां तुझे हम सलाम करते हैं
मां तुझे हम सलाम करते हैं