A,B,C से चुभते सवाल…खुशदीप

पॉलिटिक्स की A,B,CA यानि AAP, B यानि BJP और C यानि CONGRESS…दिल्ली से निकले जनादेश ने इसी प्राथमिकता
में इन तीनों पार्टियों को भाव दिया है…बीजेपी बेशक सबसे बड़ी पार्टी बन कर उभरी
है लेकिन सारी लाइमलाइट
केजरीवाल एंड कंपनी पर ही है…जहां तक कांग्रेस की बात है
तो 128 साल पुरानी इस पार्टी को दिल्ली के वोटर्स ने मोक्ष देना ही उचित समझा…


केजरीवाल एंड कंपनी पहले अन्ना के पीछे रह कर कांग्रेस समेत तमाम
राजनीतिक दलों को कोसते थे…अब ये आपस में ही सुलट रहे हैं…खैर छोड़िए इन सब
बातों को…दिल्ली के नतीजों से एक बात तो ज़रूर अच्छी निकली…छह दशक से ज़्यादा
की इस देश की राजनीति में लोकतंत्र का जो लोक कहीं पीछे छूट गया था वो अब फिर
चर्चा में आ गया है…जिससे सबसे ज़्यादा परेशानी तंत्र को ही है…



अब बात देश की सबसे पुरानी पार्टी की…इस पार्टी के युवराज राहुल
गांधी अपने घर को नसीहत दे रहे हैं…जुम्मा-जुम्मा जन्मी
AAP से लोगों से जुड़ने
के तौर-तरीके सीखने की बात कह रहे हैं…कांग्रेस ये बात मान रही है कि मध्य
प्रदेश में ज्योतिरादित्य सिंधिया को कमान सौंपने में देरी हुई…अगर पहले ये काम
कर लिया होता तो मध्य प्रदेश में इतनी बुरी गत नहीं बनती…ये कहने के बावजूद लगता
है कांग्रेस ने सबक नहीं सीखा…तभी तो पार्टी अध्यक्ष अब भी कह रही हैं कि लोकसभा
चुनाव के लिए पीएम पद का उम्मीदवार उपर्युक्त समय पर घोषित किया जाएगा…चुनाव सिर
पर हैं और कब उपर्युक्त समय आएगा भाई…

आखिर में ज़िक्र बीजेपी का…चार राज्यों के नतीजों के बाद बीजेपी अब
मोदी की रैलियों में उन्हें गेमचेंजर के तौर पर पेश करेगी…अब ये सवाल अलग है कि
दिल्ली में मोदी कितना गेम चेंज कर पाए….पांच रैलियों को संबोधित किया, लेकिन इन
रैलियों वाली 5 सीटों में से बीजेपी सिर्फ एक सीट ही जीत पाई…एक सवाल बीजेपी से
ये भी था कि दिल्ली की तरह मान लीजिए पार्टी लोकसभा चुनाव में सबसे बड़ी पार्टी
बनकर उभर भी आई…लेकिन जैसे दिल्ली में बीजेपी मेज़ोरिटी के लिए 4 सीटों को अटक
गई, वैसे ही क्या उसे आम चुनाव के बाद भी सहयोगियों के लिए तरसना नहीं पड़ेगा…

देश में राजनीति की इस नई करवट पर 15 दिसंबर को जानो दुनिया न्यूज़
चैनल के फ्रंट पेज कार्यक्रम में एक घंटा बहस हुई…इसमें कांग्रेस के गुजरात
प्रवक्ता जयराज सिंह परमार, बीजेपी के सुनील सिंघी और आप पार्टी के संतोष सिंह के
साथ मैंने भी हिस्सा लिया…देखिए-सुनिए इस लिंक पर…



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Udan Tashtari
11 years ago

सटीक!!

Satish Saxena
11 years ago

सही प्रश्न और विश्लेषण !!

प्रवीण पाण्डेय

रोचक प्रश्न खड़े करते ये चुनाव परिणाम।

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