खुद को टूटा मान रहा है अन्ना का ब्लॉगर…खुशदीप

राजू पारूलेकर आज बहुत दुखी इनसान हैं…कौन राजू पारूलेकर….इनकी पत्रकार के रूप में महाराष्ट्र में खासी पहचान है…महाराष्ट्र के बाहर पूरे देश में राजू की एक और पहचान हाल ही के दिनों में बन रही थी…अन्ना हज़ारे के अधिकृत ब्लॉगर…यानि अन्ना के विचारों को ब्लॉग के माध्यम से दुनिया के सामने लाने वाले शख्स…लेकिन अब लगता है कि अन्ना अपने इस अधिकृत ब्लॉगर से किनारा करने की दिशा में बढ़ चुके हैं…

राजू का टीम अन्ना के प्रमुख सदस्यों पर आरोप है कि वो अपने-अपने स्वार्थ के चलते अन्ना को ब्लैकहोल (अंधे कुएं) में धकेल रहे हैं…दरअसल सारा विवाद टीम अन्ना की कोर कमेटी को भंग करने के सवाल पर हुआ है…अभी कुछ दिन पहले टीम अन्ना के सदस्य (अब हैं या नहीं, मुझे पता नहीं)  कवि डॉ कुमार विश्वास ने अन्ना को चिट्ठी लिखकर टीम कोर कमेटी को विस्तारित रूप देने की मांग की थी…समाजसेवी मेधा पाटकर ने भी इस मांग में कुमार विश्वास का साथ दिया था…रालेगण सिद्धि से अन्ना की तरफ से भी पहले यही संकेत मिले थे कि मौजूदा कोर कमेटी को भंग कर सभी वर्गों को प्रतिनिधित्व दिया जाएगा…लेकिन अब अन्ना के दिल्ली प्रवास के दौरान पत्रकारों ने कोर कमेटी को भंग करने के बारे में सवाल पूछे तो अन्ना ने पारूलकर पर ही सवाल उठा दिया कि वो कोर कमेटी को भंग करने जैसी बात कैसे कर सकते हैं…

अन्ना ने कहा…मैंने उन्हें (राजू पारूलकर) नौकरी नहीं दी है, न ही मैं उन्हें कोई वेतन देता हूं…वो कैसे ये सब कह सकते हैं…मैं उनसे इस बारे में पूछूंगा…मैंने  उनसे  इस बारे में कुछ नहीं कहा था…अगर उन्होंने ऐसा कुछ कहा है तो मैं उनके खिलाफ कार्रवाई करूंगा…

अन्ना के इस बयान के बाद राजू पारूलकर की प्रतिक्रिया आई है कि इस मुद्दे से उनकी निजी साख, ईमानदारी और सम्मान पर ही सवाल उठ गया है..उनका कहना है…मैं अपना बचाव खुद करूंगा…ये साबित करूंगा कि जो मैंने लिखा या कहा वो अन्ना की रज़ामंदी से ही था…टीम अन्ना के अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसोदिया और किरन बेदी मिलकर अपने स्वार्थों के चलते अन्ना को गर्त की ओर ले जा रहे हैं…

राजू ने पूरे विश्वास से कहा कि वो दस्तावेज़ी सबूतों से साबित करेंगे  कि जो कुछ उन्होंने  कहा या ब्लॉग पर लिखा वो सब अन्ना की सहमति से था…राजू के मुताबिक जिस तरह अन्ना और टीम अन्ना ने उनका अपमान किया है, बेइमान साबित करने की कोशिश की है, उसके चलते वो खुद को बहुत ही ठगा और टूटा हुआ महसूस कर रहे है…

राजू का कहना है- मीडिया का एक वर्ग मुझे केंद्र के एक मंत्री का एजेंट बता रहा है….मुझे तिरस्कार का पात्र बनाने के साथ हंसा जा रहा है…कोई भी मेरे साथ नहीं खड़ा हुआ, जबकि उनमें से बहुत सारे लोग पंद्रह साल से प्रोफेशन और निजी ज़िंदगी में  मेरी ईमानदारी और निष्ठा के बारे में अच्छी तरह जानते हैं…

कौन है सच्चा, कौन है झूठा…अब यह तो राम जाने….

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