कहां गई वो बचपन की अमीरी हमारी,
जब पानी में अपने भी जहाज़ चला करते थे
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सिरहाने मीर के आहिस्ता बोलो,
अभी तक रोते-रोते सो गया है…
-मीर तक़ी मीर
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स्लॉग ओवर…
डॉक्टर मक्खन से…क्या प्रॉब्लम है…
मक्खन…तबीयत ठीक नहीं है मेरी…
डॉक्टर…शराब पीते हो…
मक्खन…सुबह का वक्त है, डॉक्टर…
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इसलिए मेरा छोटा पैग ही बनाना
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