तमिलनाडु के तट पर मई के आखिर में दिखी कयामत की मछली ‘ओरफिश’
क्या ओरफिश दिखने से अहमदाबाद विमान हादसा या इस्राइल-ईरान जंग?
जापानी दंतकथाओं में ओरफिश तबाही की सूचक, वैज्ञानिकों की राय दूसरी
-खुशदीप सहगल
नई दिल्ली (19 जून 2025)|
डूम्सडे फिश यानि कयामत की मछली मई के महीने के आख़िर में तमिलनाडु के तट पर देखी गई. जब से ये मछली देखी गई है लोगों में डर का माहौल है. इसे ओरफिश भी कहा जाता है.
7 मछुआरों के जाल में फंसी ये ओरफिश 30 फीट यानि करीब 9 मीटर लंबी थी. ये बिल्कुल किसी रिबन की तरह नज़र आती है. जापानी दंतकथाओं की मान्यता है ये मछली जब कभी समुद्र के तट पर दिखती है तो धरती पर भारी तबाही लाती है. जानमाल का भारी नुकसान होता है. इस साल इस मछली को दुनिया के कई हिस्सों में देखा गया है. हालांकि वैज्ञानिक ओरफिश दिखने और भूकंप या सुनामी जैसे प्राकृतिक हादसों या अन्य हादसों में किसी तरह का कनेक्शन नहीं मानते हैं.
मई के आखिर में तमिलनाडु के तट पर दिखने के बाद 12 जून को भारत ने अहमदाबाद में एयर इंडिया के विमान क्रैश जैस बड़ा हादसा देखा जिसमें 275 लोगों की जान चली गई. इसके अलावा 16 जून को सुबह उत्तराखंड में हेलीकॉप्टर क्रैश हुआ जिसमें 7 लोगों की मौत हुई, उसी शाम को पुणे में पुल गिरने से 4 लोगों की मौत हुई. दुनिया के और हिस्सों में देखा जाए तो यूक्रेन-रूस युद्ध खत्म होने का नाम नहीं ले रहा वहीं इस्राइल और ईरान में जिस तरह की जंग छिड़ी हुई है वो थर्ड वर्ल्ड वॉर की ओर ही इशारा कर रही है.
वैज्ञानिक भाषा में ओरफिश को रीगलेकस ग्लेस्नी (Regalecus Glesne) कहते हैं. ये दुनिया की सबसे लंबी बोनी फिश (bony fish) में से एक है और आमतौर पर समंदर में 200 से 1000 मीटर यानी लगभग 3300 फीट की गहराई में रहती है. इसीलिए इसे देख पाना लगभग नामुमकिन होता है. इसकी बॉडी एकदम चांदी सी नजर आती है और इसका धड़ एकदम लाल सा नजर आता है.
जापानी दंतकथाओं में क्यों माना जाता रहा है तबाही की मछली? लेकिन वैज्ञानिक क्यों ओरफिश और प्राकृतिक या अन्य हादसों के बीच कनेक्शन नहीं मानते?
इन सब सवालों का जवाब इस वीडियो में देखिए-
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