गरिमा यादव:  ब्यूटी क्वीन से आर्मी ऑफिसर

गरिमा यादव ने मॉडलिंग-एक्टिंग करियर ठुकरा आर्मी ऑफिसर बनना पसंद किया

2017 में गरिमा के सिर पर सजा था ‘इंडियाज़ मिस चार्मिंग फेस’ का क्राउन

CDS एग्जाम में पूरे भारत में दूसरी पोजीशन मिली, 2019 में आर्मी में कमीशन

कुछ लोग ऐसे होते हैं जिन्हें ऊपर वाला अच्छी सूरत के साथ अच्छी सीरत और साहस भी देता है. ऐसी ही रीयल स्टोरी है भारतीय सेना की अधिकारी गरिमा यादव की. स्कूली पढ़ाई में अव्वल रहने वाली गरिमा यादव ने 2017 में ऐसे ही शौकिया एक ब्यूटी पेजेंट में हिस्सा लिया और इंडियाज़ मिस चार्मिंग फेस भी बन गईं.

2017 में गरिमा को इंडियाज़ मिस चार्मिंग फेस का क्राउन मिला (फोटो-सोशल मीडिया)

गरिमा को फिर इटली में इंटरनेशनल ब्यूटी कंटेस्ट में हिस्सा लेने का इंविटेशन मिला लेकिन गरिमा ने उसे कबूल नहीं किया. वो तो देश सेवा करना चाहती थीं इसलिए उन्होंने आर्मी ऑफिसर बनने पर पूरा ज़ोर लगाया.

हरियाणा के रेवाड़ी ज़िले के सुरहेली गांव में जन्मीं गरिमा की स्कूली पढ़ाई हिमाचल प्रदेश में आर्मी पब्लिक स्कूल, डगशई, शिमला से हुई. यही से गरिमा को अनुशासन का पहला पाठ मिला. स्कूली पढ़ाई पूरी करने के बाद गरिमा को देश के प्रतिष्ठित सेंट स्टीफंस कॉलेज में दाखिला मिला. गरिमा ने यहां से इकोनॉमिक्स में ग्रेजुएशन किया. 2017 में ब्यूटी पेजेंट जीतने के बाद गरिमा आसानी से मॉडलिंग और बॉलीवुड में अपना करियर बना सकती थीं. लेकिन गरिमा का सपना कुछ और था. वो देश की सेवा करना चाहती थीं.

पढ़ाई में अच्छी होने की वजह से उन्होंने पहले आईएएस ऑफिसर बनने का इरादा किया. लेकिन यूपीएससी एग्ज़ाम की तैयारी करते करते गरिमा को लगा कि वो भारतीय सेना में शामिल होकर ही अपने सपने को सही तरीके से पूरा कर सकती हैं. गरिमा ने फिर Combined Defence Services (CDS) exam देने का फैसला किया. पहले अटेम्पट में ही गरिमा ने इस एग्जाम में पूरे भारत दूसरी पोजिशन हासिल की. गरिमा को ऑफिसर्स ट्रेनिंग एकेडेमी यानि ओटीए चेन्नई में 11 महीने की सख्त ट्रेनिंग के बाद 9 मार्च 2019 को भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट के तौर पर गरिमा को कमीशन मिला.

2019 में आर्मी में लेफ्टिनेंट के तौर पर कमीशन मिलने के बाद गरिमा यादव (फोटो-सोशल मीडिया)

मीडिया को दिए इंटरव्यू में गरिमा ने कहा था कि ओटीए में उन्हें अपने को आर्मी आफिसर बनने के लिए ढालने में कड़ी मेहनत करनी पड़ी थी. शुरू में मेरे फिजिकल स्टैंडर्ड्स अप टू द मार्क नहीं थी, लेकिन ये सब मैंने चुनौती के तौर पर लिया, मैंने अपने ट्रांजिशन में दिन रात एक कर दिया. मैंने सारी एक्स्ट्रा करिकुलर एक्टिविटीज़ में हिसा लिया.

गरिमा की कहानी इसलिए भी काबिल-ए-तारीफ है कि उनकी परवरिश सिंगल-मदर चाइल्ड के तौर पर हुई. गरिमा अपनी सक्सेस जर्नी में अपनी मां का बहुत बड़ा रोल मानती हैं, साथ ही वो उनके लिए रोल मॉडल भी रहीं.

अपनी मां के साथ लेफ्टिनेंट गरिमा यादव (फोटो सोशल मीडिया)

गरिमा की कहानी उन लड़कियों के लिए प्रेरणा है जो तमाम बाधाओं को पार कर अपने लक्ष्य तक पहुंचना चाहती हैं.

गरिमा यादव को सैल्यूट.

इस स्टोरी का वीडियो यहां देखें-

 

 

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