एक अमेरिकी नागरिक भारत घूमने आया और फिर वापस अपने देश गया…वहां वो अपने एक भारतीय दोस्त से मिला…दोस्त ने बड़ी उत्सुकता के साथ पूछा कि अमेरिकी को भारत कैसा लगा…
अमेरिकी ने जवाब दिया…भारत एक महान देश है…इसका स्वर्णिम प्राचीन इतिहास है…प्राकृतिक संसाधनों की वहां भरमार है…
दोस्त ने फिर पूछा…और तुम्हे भारतीय कैसे लगे…
भारतीय….??? कौन भारतीय…??? मैं भारत में एक भी भारतीय से नहीं मिला…
भारतीय दोस्त बोला…क्या बेहूदगी है…भारत में तुम और किससे मिले…
अमेरिकी ने जवाब दिया… कश्मीर में मैं कश्मीरी से मिला…
पंजाब में एक पंजाबी से मिला…इसी तरह बिहार, महाराष्ट्र, राजस्थान, बंगाल, तमिलनाडु, केरल में बिहारी, मराठी, मारवाड़ी, बंगाली, तमिल, मलयाली से मिला…
फिर मैं एक मुस्लिम, एक हिंदू, एक सिख, एक ईसाई, एक जैन, एक बौद्ध से मिला…
और भी कई से मिला…लेकिन एक भी भारतीय से नहीं मिला…
वो दिन दूर नहीं जब हम फिर से रियासतों का समूह हो जाएंगे, राज्यों को राष्ट्र से भी ऊपर माना जाने लगा…प्रांतवाद और इलाकाई प्रवृत्ति को बढ़ावा देने वाले राष्ट्र विरोधी नेता चाहते भी ऐसा ही हैं…
ऐसी ताकतों को मुंहतोड़ जवाब दीजिए…
हमेशा कहिए…जय हिंद….
मेरा कोई नाम नहीं है…मेरी बस एक पहचान है…मैं भारतीय हूं…
स्लॉग ओवर
मक्खन और ढक्कन को रास्ते में दो बम मिले…
मक्खन…चल पुलिस को दे आते हैं…
ढक्कन…अगर कोई बम रास्ते में ही फट गया तो…
मक्खन…झूठ बोल देंगे…एक ही मिला था…
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