चलो इक बार फिर से, अजनबी बन जाएं हम दोनों
चलो इक बार फिर से…
न मैं तुमसे कोई उम्मीद रखूँ दिलनवाज़ी की,
न तुम मेरी तरफ़ देखो गलत अंदाज़ नज़रों से,
न मेरे दिल की धड़कन लड़खड़ाये मेरी बातों से,
न ज़ाहिर हो तुम्हारी कश्मकश का राज़ नज़रों से,
चलो इक बार फिर से, अजनबी बन जाएं हम दोनों,
चलो इक बार फिर से…
तुम्हें भी कोई उलझन रोकती है पेशकदमी से,
मुझे भी लोग कहते हैं कि ये जलवे पराए हैं,
मेरे हमराह भी रुसवाइयां हैं मेरे माझी की,
तुम्हारे साथ भी गुज़री हुई रातों के साये है,
चलो इक बार फिर से, अजनबी बन जाएं हम दोनों,
चलो इक बार फिर से…
तार्रुफ़ रोग हो जाये तो उसको भूलना बेहतर
ताल्लुक बोझ बन जाये तो उसको तोड़ना अच्छा,
वो अफ़साना जिसे अंजाम तक लाना ना हो मुमकिन,
उसे एक खूबसूरत मोड़ देकर छोड़ना अच्छा,
चलो इक बार फिर से, अजनबी बन जाएं हम दोनों,
चलो इक बार फिर से…
Latest posts by Khushdeep Sehgal (see all)
- दुबई में 20,000 करोड़ के मालिक से सानिया मिर्ज़ा के कनेक्शन का सच! - February 4, 2025
- कौन हैं पूनम गुप्ता, जिनकी राष्ट्रपति भवन में होगी शादी - February 3, 2025
- U’DID’IT: किस कंट्रोवर्सी में क्या सारा दोष उदित नारायण का? - February 1, 2025