‘हेट स्टोरी’ के प्रोमोज़ पर चल गई कैंची…खुशदीप

विरोध किया जाए तो कुछ तो असर होता है…विक्रम भट्ट और विवेक अग्निहोत्री को उनकी चालाकी भारी पड़ी है…उन्होंने सोचा था कि 20 अप्रैल को अपनी रिलीज़ होने वाली फिल्म ‘हेट स्टोरी’ का अंसेंसर्ड प्रोमो बनाकर कंट्रोवर्सी के ज़रिए दर्शकों में क्यूरेसिटी जगा लेंगे…मुझे तब भी ये तुक समझ नहीं आई थी कि जब फिल्म को सेंसर बोर्ड के सर्टिफिकेट के बिना रिलीज़ नहीं किया जा सकता तो प्रोमो में जो चाहे जैसे दृश्य और डायलाग डालकर कैसे रिलीज किया जा सकता है..

30 मार्च को रिलीज हुई ‘ब्लड मनी’ के साथ भी यही गिमीक किया गया…विक्रम भट्ट के ही बड़े भाई महेश भट्ट की प्रोड्यूस की इस फिल्म में हीरो कुनाल खेमू और ​कनाडा मूल की अभिनेत्री मिया उयेदा के लवमेकिंग सीन्स यू ट्यूब पर पहले से ही आ गए…महेश भट्ट ने यही हल्ला मचाया कि फिल्म के सीन्स किसी ने लीक कर दिए….क्या गारंटी कि फिल्म निर्माता ने खुद ही ये सीन्स नहीं लीक करवाए…अगर उन्होंने ये चालाकी भी की तो वो धरी की धरी रह गई…फिल्म के जो रिव्यू आए हैं, वो फिल्म को बकवास ही बता रहे हैं…

​​ अब लौटता हूं हेट स्टोरी पर….’हेट स्टोरी’ के इरोटिक (बोल्ड नहीं) थीम, एक्टर्स की वल्गेरिटी (बोल्डनेस नहीं) और कुछ डायलाग्स के विरोध में नेट पर बहस का संज्ञान आखिरकार सेंसर बोर्ड को लेना पड़ा है…फिल्म का अऩसेंसर्ड प्रोमो सेंसर बोर्ड को नागवार गुज़रा है…अब सारे प्रोमो से पाउली दाम के कुछ डायलाग्स को बीप किया जा रहा है…जैसे कि ‘मुझे इस शहर की सबसे बड़ी …..बनना है’ या ‘I ….those who ….with me’…इसके अलावा प्रोमो के कुछ दृश्यों पर भी कैंची चलेगी…

​​सेंसर बोर्ड के इस कदम से फिल्म के निर्देशक विवेक अग्निहोत्री और निर्माता विक्रम भट्ट भड़के हुए हैं….उनका कहना है कि सेंसर बोर्ड की इस सख्ती से हेट स्टोरी इरोटिक थ्रिलर की जगह रोमांटिक मूवी रह जाएगी..विवेक का कहना है कि आजकल टीवी सीरियल में लवमेकिंग सीन्स दिखाने पर कोई हल्ला नहीं मचता…और हमें फिल्म के प्रोमो को लेकर सौ तरह के पाठ पढ़ाए जा रहे हैं….विवेक के मुताबिक कांटछांट के बाद प्रोमो फिल्म की बोल्डनेस (मैं नहीं कह रहा, विवेक कह रहे हैं) को रिप्रेजेंट नहीं कर रहा..विवेक ने दो टूक कहा है कि जहां तक फिल्म की बात है तो मैं उसमें से कुछ भी नहीं हटाऊंगा…मैं अंत तक लड़ूंगा…मेरी फिल्म एडल्ट्स के लिए हैं…ये बच्चों या उन वयस्कों के लिए नही है जो बच्चों की तरह सोचते हैं…

विवेक का ये भी कहना है कि यू ट्यूब पर फिल्म के प्रोमो काट-छांट से प्रभावित नहीं होंगे..क्योंकि ये सेंसरशिप के अंतरराष्ट्रीय क़ानून से गवर्न होते हैं….विवेक डिजीटल मीडिया के ज़रिए भी इन प्रोमो को दिखाने के विकल्प तलाश रहे हैं…विवेक ने इस बात से भी इनकार किया कि उनकी फिल्म में पाउली दाम का किरदार हालीवुड की फिल्म बेसिक इ्ंसटिंक्ट में शेरोन स्टोन से प्रभावित है..

अब देखना है कि हेट स्टोरी को सेंसर बोर्ड किस तरह सर्टिफिकेट देता है…प्रोमोज़ की तरह ही फिल्म में भी काटछांट की जाती है या नहीं…या जैसे कि निर्देशक विवेक अग्निहोत्री कह रहे हैं कि वो एक कट को भी स्वीकार नहीं करेंगे…फिल्म को एडल्ट्स सर्टिफिकेट देकर क्या उसमें कुछ भी दिखाने की छूट दी जा सकती है…यहां एक सवाल ये भी है कि जिस तरह टीवी पर दिखाए जानी वाली एड्स पर आपको कोई शिकायत है तो उसे एडवरटाइज़िंग स्टैंडर्ड काउंसिल आफ इंडिया के पास दर्ज कराया जा सकता है…फिर फिल्मों या उनके प्रोमोज़ में ऐसा-वैसा कुछ दिखे तो दर्शकों को उस पर भी शिकायत दर्ज कराने के लिए भी कोई संस्था होनी चाहिए…अगर पहले से ही ऐसी कोई संस्था है, और किसी पाठक को उस पर जानकारी है तो सबसे अवश्य साझा करें…
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मच्छर बनेंगे डॉक्टर-इंजीनियर…खुशदीप

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Pallavi saxena
13 years ago

जो सब कह रहे है वही सच है धन की इच्छा कभी ख़त्म नहीं होती यह वो खून है जो एक बार मुंह लग जाये तो फिर कहाँ छूटता है जिसको जितना मिले लोगों को कम ही लगता है और इस फील्ड में तो धन कमाने का एकमात्र जरिया है पब्लिसिटी जिस चीज़ की जितनी ज्यादा पब्लिसिटी वो चीज़ उतनी ही हिट…

vandana gupta
13 years ago

publicity stunt hai

संजय कुमार चौरसिया

प्रचार का माध्यम है !
mere blog par aakar tippani dene ke liye
bahut bahut dhnyvaad

रचना
13 years ago

khushdeep
i uploaded एडवरटाइज़िंग स्टैंडर्ड काउंसिल आफ इंडिया link some time back on naari blog and now u given the link here great . such links need to circulated

as regards फिर फिल्मों या उनके प्रोमोज़ में ऐसा-वैसा कुछ दिखे तो दर्शकों को उस पर भी शिकायत दर्ज कराने के लिए भी कोई संस्था होनी चाहिए…अगर पहले से ही ऐसी कोई संस्था है, और किसी पाठक को उस पर जानकारी है तो सबसे अवश्य साझा करें…
i think you can put your objection on this link
http://cbfcindia.gov.in/home.aspx

if you will scroll down the page you will find "be vigilant "tab click that and put your complaint

now bloging is being used for social awareness and gives immense pleasure to see the same

अजित गुप्ता का कोना

शिकायत करने से अच्‍छा है, ऐसी फिल्‍मों के बारे में कुछ ना लिखा जाए।

Satish Saxena
13 years ago

धन की इच्छा कहाँ ख़तम होगी खुशदीप भाई …?
शुभकामनायें आपको !

अनूप शुक्ल

मतलब बोल्ड फ़िल्म की नसबंदी! या फ़िर बोल्ड फ़िल्म क्लीन बोल्ड! 🙂

दिनेशराय द्विवेदी

अपने को कुछ लेना देना नहीं। हमें फिल्म देखे बरस हो गए हैं।

प्रवीण पाण्डेय

प्रचार का माध्यम है।

DR. ANWER JAMAL
13 years ago

maal ke laalach men jo n kar jayen kam hai.

inka ilaaj to wo hi kar sakte hain jo ki pados men hain.

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