हमी से मुहब्बत, हमी से लड़ाई…खुशदीप

दिल्ली में कड़ाके की ठंड बेशक पड़ रही है लेकिन अरविंद
केजरीवाल एंड कंपनी ने यहां का पारा गर्म कर रखा है…दिल्ली पुलिस को लेकर आप और
कांग्रेस में
ठनी हुई है…लेकिन  इस नूरा
कुश्ती में समर्थन छोड़ने या वापस लेने को कोई तैयार नहीं है…



आज से 50 साल पहले एक फिल्म आई थी लीडर…इसमें दिलीप
साहब और वैजयंती माला पर एक गाना फिल्माया गया था…आज आप और कांग्रेस के रिश्तों
पर ये बिल्कुल फिट बैठ रहा है…बस दिलीप साहब जो कह रहे हैं उसकी जगह कांग्रेस और
वैजयंती माला की जगह आप को रख कर ये गाना सुनिए…कसम से मज़ा ना आए तो कहिएगा..

हमी से मुहब्बत, हमी से लड़ाई,
हमी से मुहब्बत, हमी से लड़ाई,
अरे मार डाला, दुहाई-दुहाई,
अरे मार डाला, दुहाई-दुहाई,
                           अभी नासमझ हो, उठाओ ना खंजर,
                           अभी नासमझ हो, उठाओ ना खंजर,
                            कही मुड़ ना जाए तुम्हारी कलाई,
                             अरे मार डाला, 
दुहाई-दुहाई…
 सितम आज मुझ पर जो तुम ढा रही हो,
बड़ी खूबसूरत नज़र आ रही हो,
ये जी चाहता है के खुद जान दे दूं,
ये जी चाहता है के खुद जान दे दूं,
मुहब्बत में आए ना तुम पर बुराई,
अरे मार डाला, दुहाई-दुहाई…
हमें हुस्न की हर अदा है गवारा,
हसीनों का गुस्सा भी लगता है प्यारा,
उधर तुमने तीर-ए-नज़र दिल पे मारा,
इधर हमने भी जान पर चोट खाई,
हमी से मुहब्बत, हमी से लड़ाई,
अरे मार डाला, दुहाई-दुहाई,
करो ख़ून तुम यू ना मेरे जिगर का,
बस इक वार काफ़ी है तिरछी नज़र का,
यही प्यार को आज़माने के दिन हैं,
यही प्यार को आज़माने के दिन हैं,
किए जाओ हमसे यूही बेवफ़ाई,
हमी से मुहब्बत, हमी से लड़ाई,
अरे मार डाला, दुहाई-दुहाई,
                         अभी नासमझ हो, उठाओ ना खंजर,
                         अभी नासमझ हो, उठाओ ना खंजर,
                           कही मुड़ ना जाए तुम्हारी कलाई,
                            अरे मार डाला, 
दुहाई-दुहाई…


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Khushdeep Sehgal
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वाणी गीत
11 years ago

सटीक !

अजित गुप्ता का कोना

अब तो देश का भगवान ही मालिक है।

डॉ. मोनिका शर्मा

जाने कैसी लड़ाई, कैसा खेल है …… जनता की समझे से तो बाहर है

प्रवीण पाण्डेय

चिपककर लड़ाई चल रही है, पता नहीं क्या मजबूरियाँ हैं।

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