स्वर्ग पसंद हैं या नर्क…खुशदीप

आज एक दोस्त ने बेहद मज़ेदार ई-मेल भेजा है…अनुवाद करके आपके साथ शेयर कर रहा हूं…उम्मीद करता हूं आपको भी उतना ही आनंद आएगा जितना इसे पढ़ कर मुझे आया…

एक मल्टीनेशनल कंपनी (एमएनसी) ने भर्ती की निगरानी करने के लिए बड़ी खूबसूरत रिक्रूटमेंट मैनेजर (इलीट भाषा में कहें तो ह्यूमन रिसोर्सेज़ मैनेजर) रखी हुई थी…एक दिन वो मैनेजर बाज़ार में पैदल ही जा रही थी कि किसी तेज़ रफ्तार कार ने टक्कर मार कर उसकी जीवनलीला खत्म कर दी…

वो स्वर्ग पहुंची तो प्रभारी देवता खुद उससे मिलने के लिए आए…साथ ही बोले…हमारा प्रशासन आपके यहां आने से दुविधा में हैं…दरअसल हमारे पास कभी कोई ह्यूमन रिसोर्सेज़ मैनेजर पहले नहीं आया…इसलिए हम समझ नहीं पा रहे हैं कि आपके साथ क्या किया जाए…

मैनेजर ने कहा…कोई समस्या नहीं, मुझे बस आने दीजिए…फिर भविष्य में आपको ऐसी दिक्कत कभी नहीं आएगी..

प्रभारी देवता बोला…काश मैं ऐसा कर सकता…लेकिन हमें चीफ देवता की तरफ से आदेश हैं, हमें उनका पालन करना ही होगा…आपके लिए हमें निर्देश हैं कि एक दिन आप नर्क में रहें और एक दिन स्वर्ग में…फिर आप खुद ही फैसला करें कि आपको हमेशा के लिए कहां रहना है…

मैनेजर…ऐसी बात हैं तो मैंने फैसला कर लिया है कि मैं स्वर्ग में ही रहूंगी…

प्रभारी देवता…नहीं मैडम रूल इज़ रूल…आपको उसके मुताबिक चलना होगा…

ये कह कर मैनेजर को एक लिफ्ट में चढ़ा दिया गया…लिफ्ट जैसे पाताल में जा रही हो, बहुत नीचे जाने के बाद रूकी…लिफ्ट का डोर खुला तो बाहर बहुत खूबसूरत सा गोल्फ कोर्स था…पास ही एक कंट्री क्लब था…जिसके गेट पर मैनेजर के बहुत सारे दोस्त खड़े थे…वो सब इवनिंग ड्रैस में बड़ी तफ़री के मूड में थे…सब दौड़ कर आ कर मैनेजर से बड़ी गर्मजोशी से मिले…पहले गोल्फ खेला गया…फिर कंट्री क्लब में शानदार डाइन एंड ड्रिंक्स हुआ…वो नर्क के प्रभारी मिस्टर शैतान से भी मिली…बेहतरीन सूट मे बात बात में हंसी मज़ाक करने वाला शख्स निकला मिस्टर शैतान…बड़ी अच्छी तरह टाइम पास हो रहा था कि मैनेजर का लिफ्ट में वापस जाने का वक्त हो गया…सबने खुशी खुशी हाथ मिलाकर मैनेजर को लिफ्ट तक छोड़ा…

अब लिफ्ट स्वर्ग में आ गई…प्रभारी देवता ने मैनेजर को पुष्पक विमान में बिठा कर स्वर्ग की सैर के लिए भेज दिया…बादलों के ऊपर सैर करते हुए बड़ा अलौकिक अनुभव था…माहौल में धीमा किंतु मुग्ध कर देने वाला मंत्रोच्चार हो रहा था…इन्हीं मनोरम दृश्यों के बीच मैनेजर का स्वर्ग में भी एक दिन पूरा हो गया…अब प्रभारी देवता ने मैनेजर से पूछा…आपने स्वर्ग-नर्क दोनों का अनुभव ले लिया है…अब बताएं, आप कहां रहना चाहेंगी….

मैनेजर ने ठंडी सांस ली और फिर कहा… मैंने नहीं सोचा था कि मुझे ये कहना पड़ेगा…स्वर्ग वाकई बहुत सुंदर है, लेकिन मुझे लगता है कि मेरे लिए नर्क ही ज़्यादा सूट करेगा…

प्रभारी देवता ने ये सुनकर मैनेजर को फिर लिफ्ट पर चढ़ा दिया…एक बार लिफ्ट फिर तेज़ी से नर्क की ओर बढ़ चली…लिफ्ट का दरवाज़ा खुला…लेकिन ये क्या…जबरदस्त बदबू ने मैनेजर का स्वागत किया…जैसे किसी गटर में उतार दिया गया हो…चारों तरफ़ गंदगी और कूड़े का ढेर…कल जो दोस्त इवनिंग ड्रैस में महक रहे थे, आज फटे पुराने लत्तों में बोरे लेकर कूड़ा बीनने का काम कर रहे थे…

तभी मिस्टर शैतान मवाली जैसे वेश में मैनेजर के पास आया…मैनेजर को हैरान-परेशान देखकर मिस्टर शैतान बोला…क्या परेशानी है…

मैनेजर बड़ी हिम्मत जुटा कर बोली…कल तो यहां गोल्फ कोर्स, कंट्री क्लब, खूबसूरत लोग, हंसी मज़ाक का खुशनुमा माहौल दिख रहा था…आज अचानक ये सब कैसे उलट गया…

ये सुनकर मिस्टर शैतान के चेहरे पर कुटिल मुस्कान आ गई…बोला…

कल हम तुम्हे रिक्रूट (भर्ती) कर रहे थे…आज तुम हमारी कर्मचारी हो…चलो वक्त मत जाया करो…फौरन काम पर लग जाओ…



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