सॉफ्टवेर के फूल…खुशदीप

मेरे सबसे पसंदीदा फिल्मकार गुरुदत्त ने जब प्यासा  बनाई थी तो आज जैसा इंटरनेटी युग नहीं था…​साहिर लुधियानवी साहब ने इस फिल्म के लिए कालजयी गीत लिखा था..


ये महलों, ये तख्तों, ये ताजो की दुनिया, 
ये इनसां के दुश्मन रिवाजों की दुनिया, 
ये दौलत के भूखे रिवाज़ों की दुनिया, 
ये दुनिया अगर मिल भी जाए तो क्या है



ये फिल्म आज के आईटी युग में सॉफ्टवेर के फूल नाम से बनती तो शायद साहिर साहब का ये गीत कुछ इस अंदाज़ में लिखा जाता…​

ये डाक्यूमेंट्स, ये मीटिंग्स, ये फीचर्स की दुनिया,
​ये इनसां के दुश्मन कर्सर की दुनिया,
ये डेडलाइन्स के भूखे मैनेजमेंट की दुनिया,
​ये प्रोडक्ट अगर बन भी जाए तो क्या है…

यहां इक खिलौना है प्रोग्रामर की हस्ती,
​ये बस्ती है, मुर्दा बग-फिक्सर्स की बस्ती,
​यहां पर तो रेसेस है इन्फ्लेशन से सस्ती,
​ये रिव्यू अगर हो भी जाए तो क्या है…

हर इक की-बोर्ड घायल है, 
हर इक लॉग-इन प्यासी एक्सेल में उलझन,
​विनवर्ड में उदासी, 
ये आफिस है या आलामे माइक्रोसाफ्ट की,
​ये रिलीज़ अगर हो भी जाए तो क्या है…

​जला दो इसे, फूंक डालो ये मानिटर,
​मेरे सामने से हटा डालो ये मानिटर,
​मेरे सामने से हटा डालो ये माडम, 
तुम्हारा है, तुम्ही संभालो ये कंप्यूटर, 
​ये प्रोडक्ट अगर चल भी जाए तो क्या है…
…(गीतकार नामालूम)  (इ-मेल पर आधारित )



Khushdeep Sehgal
Follow Me
0 0 votes
Article Rating
Subscribe
Notify of
guest
0 Comments
Oldest
Newest Most Voted
Inline Feedbacks
View all comments
Shah Nawaz
13 years ago

🙂 Mast hai…

Rohit Singh
13 years ago

उम्र बढ़ भई जाए तो क्या है
याद रह भई जाए तो क्या है
ये बेमानी दुनिया है
ये साइबर संसार है

Khushdeep Sehgal
13 years ago

सागर यार लगता है उम्र असर करने लगी है, प्यासा को कागज़ के फूल लिख गया…गलती की और ध्यान दिलाने के लिए शुक्रिया…

जय हिंद…

सागर
13 years ago

my comment is in spam 🙁

सागर
13 years ago

इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.

सागर
13 years ago

बहुत सुन्दर सर, इस गाने को हमने रख लिया है.. इसी तर्ज़ पर पियूष मिश्र ने गुलाल फिल्म में भी एक शानदार गीत लिखा है.
बस एक गलती रह गयी है ये गीत प्यासा का है 🙂

Atul Shrivastava
13 years ago

बढिया पोस्‍ट।
मजेदार परिकल्‍पना।

भारतीय नागरिक - Indian Citizen

दिलजला सॉफ्टवेयर इन्जीनियर ही इसका रचयिता हो सकता है.

दिनेशराय द्विवेदी

ये कंप्यूटर ने किसी को घायल किया है।

प्रवीण पाण्डेय

गजब है दीवानगी हुजूर..

DR. ANWER JAMAL
13 years ago

Nice post .

Hindi Bloggers Forum International (HBFI)
कैंसर का इलाज आसान है cure for cancer – कैंसर का शुमार आज भी लाइलाज बीमारियों में होता है तो इसके पीछे सिर्फ़ पैसे की हवस है।
http://hbfint.blogspot.com/2012/02/cure-for-cancer.html

0
Would love your thoughts, please comment.x
()
x