लोकपाल-वाल छोड़ो, करप्शन लीग की बात करो…खुशदीप

अन्ना हजारे के जनलोकपाल को सरकार ने लंका लगा दी…अब सरकार कमोवेश सभी राजनीतिक दलों की सहमति से जो लोकपाल लाना चाहती है वो ऐसा वॉचडॉग होगा, जिसके मुंह में न दांत होंगे और न ही पेट में आंत…उसके गले में सरकार का पट्टा होगा…यानि उसे गुर्राने का भी अधिकार नहीं होगा…हां, अगर सरकार और नेताओं के तलवे चाटता रहेगा तो सब सुख सुविधाओं को भोगेगा…ज़रूरत तो ऐसे लोकपाल की है जो भ्रष्टाचारियों को काट कर रैबीज़ का रोगी बना दे, जिससे कोई उनकी आगे की पीढ़ियों में भी भ्रष्टाचार की सोचने की ज़ुर्रत न कर सके…

सरकार ने अपने लोकपाल में प्रधानमंत्री, उच्च न्यायपालिका, वरिष्ठ नौकरशाह, सांसदों का सदन में बर्ताव, विधायकों का विधानमंडलों में बर्ताव, पंचों का पंचायत मे बर्ताव सब लोकपाल के दायरे से बाहर कर दिया है…अन्ना फाउल फाउल का शोर मचा कर सोलह अगस्त से दूसरी आज़ादी की लड़ाई के लिए लाठी-गोली खाने की बात कर रहे हैं….

बाबा रामदेव को औकात दिखाने के बाद सरकार का दुस्साहस सत्तर के दशक के इंदिरा-संजय गांधी वाले दंभ के पास पहुंच गया है…तो क्या अब देश मिस्र, ट्यूनीशिया जैसी जास्मिन क्रांति देखने के लिए तैयार है…ऐसी क्रांति जिसका कोई राजनीतिक रंग न हो…

इसी सारी रस्साकशी के बीच बीस जुलाई को एक बहुत ही प्रैक्टीकल सुझाव इन्फोसिस के संस्थापक नारायण मूर्ति की तरफ से आया है…मूर्ति ने प्रख्यात अर्थशास्त्री कौशिक बसु की उस राय को अहम बताया है जिसमें घूस को क़ानूनी दर्जा का देने की बात की गई है…मूर्ति के मुताबिक अगर घूस को कानूनी जामा पहना दिया जाए तो घूस देने वाला शख्स घूस लेने वाले को बेनकाब कर सकेगा….
आईआईटी गांधीनगर में 32 वें विक्रम साराभाई मेमोरियल लेक्चर के दौरान ‘Towards a corruption free India’विषय पर व्याख्यान देते हुए मूर्ति ने कहा कि ‘जैसे-जैसे भ्रष्टाचार में कमी आएगी देश की आर्थिक तरक्की की रफ्तार तेज होती जाएगी’ …कौशिक बसु की सलाह का जिक्र करते हुए मूर्ति ने कहा कि मौजूदा समय में घूस लेना या देना-दोनों गैर कानूनी है… इसलिए दोनों आपसी सहमति से चुप रहते हैं…

ये कुछ वैसा ही जैसे पश्चिम के देशों में खेलों पर सट्टा लगाने (बेटिंग) की कानूनी तौर पर अनुमति है…उस पर सरकारों को ज़रूर टैक्स भी मिलता होगा…भारत में सट्टा क़ानूनी तौर पर ज़ुर्म है, लेकिन शायद दुनिया में सबसे ज़्यादा सट्टा लगाने वाले देशों में भारत का शुमार होता है…क्रिकेट की हर बड़ी सीरीज के दौरान देश में अरबों के सट्टे की बात आती है…सटोरिये पकड़े भी जाते हैं…लेकिन क्या सट्टा रुकता है…फिर इसे लीगल ही क्यों नहीं कर दिया जाता…टैक्स के तौर पर मोटी रकम तो हाथ आएगी…

अब भ्रष्टाचारियों पर हल्ला-बोल के साथ ऐसे ही कुछ अभिनव प्रयोगों की आवश्यकता है…आप क्या कहते हैं…

स्लॉग ओवर

दुनिया के सब भ्रष्ट देशों के नेताओं के बीच इंटरनेशनल करप्शन लीग शुरू की जानी चाहिए…मेरी चुनी गई भारत की ये टीम इस लीग में खेलने के लिए भेजी जाए तो मेरा दावा है कि खिताब की ओर कोई और माई का लाल देखने की भी गुस्ताखी नहीं करेगा….
शरद पवार (कप्तान)-एनसीपी

बी एस येदियुरप्पा (उप-कप्तान)- बीजेपी
सुरेश कलमाड़ी- कांग्रेस
ए राजा- डीएमके
अशोक चव्हाण- कांग्रेस
विलास राव देशमुख- कांग्रेस

बंगारू लक्ष्‍मण- बीजेपी

दिलीप सिंह जूदेव- बीजेपी

दयानिधि मारन- डीएमके

मनोरंजन कालिया- बीजेपी
स्वर्णाराम- बीजेपी
बाबू भाई कटारा- बीजेपी


अशोक चव्हाण और विलासराव देशमुख महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री रह चुके हैं और दोनों ही आदर्श हाउसिंग सोसायटी में घोटाले के आरोपों में फंसे हैं…

दिलीप सिंह जूदेव वाजपेयी सरकार में पर्यावरण मंत्री रह चुके हैं…एक आस्ट्रियाई कंपनी से खनन लाइसेंस दिलाने के नाम पर स्टिंग ऑपरेशन में घूस लेते पकड़े गए थे…साथ ही ये कहते भी- पैसा खुदा तो नहीं, लेकिन खुदा की कसम पैसा खुदा से कम भी नहीं…

बाबू भाई कटारा पिछली लोकसभा में गुजरात के दोहाड़ से बीजेपी सांसद थे…पंजाब की एक महिला को कनाडा कबूतरबाज़ी के ज़रिए ले जाते दिल्ली हवाई अड़़्डे पर रंगे हाथ पकड़े गए थे…

मनोरंजन कालिया और स्वर्णाराम हाल तक पंजाब सरकार में बीजेपी कोटे से मंत्री थे और डेढ़ करोड़ की रिश्वत के मामले में इनका नाम आने पर दोनों को मंत्री की कुर्सी गंवानी पड़ी…

बाकी सारे ही इतने चर्चित नाम हैं कि उनके कारनामों के बारे में बताने की कुछ ज़रूरत ही नहीं…
Khushdeep Sehgal
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महेन्द्र श्रीवास्तव

बढिया है…

Unknown
13 years ago

riswat dena band mat karo rishwat lena band kar do aap ka 1/2,kaam to ho gaya….

jai baba banaras….

Rakesh Kumar
13 years ago

अन्ना को मन्ना लो खुशदीप भाई.

Satish Saxena
13 years ago

प्रवीण पाण्डेय जी की बात सही लगी …
जहां चोर और ठग हज़ारों सालों से हैं वहीँ ईमानदार और देशभक्तों की भी कमी नहीं है ! अजीब बात तब लगती है जब बेईमान खुदको चीख चीख कर ईमानदार बताते हैं !
शुभकामनाएं देश को !

प्रवीण पाण्डेय

कबिरा इस संसार में, भाँति भाँति के लोग।

दिनेशराय द्विवेदी

लूट मची है देश भर में। ये तो सिर्फ वे लुटेरे हैं जो कहीं न कहीं पकड़े गए हैं।

ASHOK BAJAJ
13 years ago

वाह !

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