रोटी से सस्ती जान…खुशदीप ​​

एक आदमी रोटी बेलता है,
एक आदमी रोटी खाता है,
एक तीसरा आदमी भी है,
जो न रोटी बेलता है,
न रोटी खाता है,
वो सिर्फ रोटी से खेलता है,
मैं पूछता हूं,
ये तीसरा आदमी कौन है,
मेरे देश की संसद मौन है…
धूमिल 


अब पटना की ये ख़बर…


ना के कदमकुआं पुलिस स्टेशन के अंतर्गत जेहाजी कोठी में रहने वाला दरोगा महतो मंगलवार रात को ठेला चलाने वाले प्रेम कामटी के साथ बैठा था…रमन और सुरेश नाम के दो शख्स वहां और भी बैठे थे..प्रेम सबके लिए रोटियां बना रहा था…तभी वहां क्राकरी की दुकान पर काम करने वाला रवि आया..नशे में धुत रवि ने रोटी की मांग की…रोटी मिलने में देर होती देख रवि ने झगड़ना शुरू कर दिया…40 साल के महतो समेत चारों लोगों ने रवि को भगा दिया…लेकिन थोड़ी देर बाद रवि दर्जन से ज़्यादा साथियों के साथ लौटा…सभी हाकियों से लैस थे…आते ही उन्होंने महतो समेत चारों की धुनाई शुरू कर दी…महतो, रमन और सुरेश इस हमले में गंभीर रूप से घायल हो गए…सूचना मिलने पर पुलिस ने मौके पर पहुंच कर स्थिति को संभाला.. रमन और सुरेश को पटना मेडिकल कालेज अस्पताल में भर्ती कराया गया…लेकिन महतो बिना बताए अपने घर के लिए निकल गया…बुधवार सुबह महतो की हालत ज़्यादा बिगड़ी तो उसे भी पटना मेडिकल कालेज अस्पताल ले जाया गया…लेकिन उसने अस्पताल पहुंचने से पहले ही दम तोड़ दिया…पुलिस ने सोनू और दिलीप नाम के दो आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है…बाकी सभी हमलावरों की तलाश जारी है…



ख़बर आपने पढ़ ली…ये सच इस देश का ही है...एक इन्सान की जान यहाँ एक रोटी से भी सस्ती है…और नेता चुनाव के वक़्त वोटरों से आसमान से चाँद-तारे तोड़ कर लाने के वादे करते नहीं थकते…






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Satish Saxena
13 years ago

अफ़सोस जनक है खुशदीप भाई ….

भारतीय नागरिक - Indian Citizen

हमारे देश में वाकई जान की कीमत कुछ भी नहीं.

प्रवीण पाण्डेय

रोटी का खेल, न जाने क्या क्या करा दे..

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