रेडियो तेहरान की हिंदी सेवा ने सौहार्द बढ़ाने के उद्देश्य से एक बेहतरीन श्रंखला चलाई…इसी के तहत मेरा इंटरव्यू भी लिया…इसमें मैंने यह बताने की कोशिश की-सांप्रदायिकता हो या दूसरे कोई फसाद, उनकी मार सबसे ज्यादा गरीब तबको को ही सहनी पड़ती है, यह ऊंच-नीच का फर्क हमारे समाज में सदियों से चला आ रहा है, जिसे सही शिक्षा कि रोशनी से ही दूर किया जा सकता है…यह भी बताया कि मेरा हिन्दू धर्म सही मायने में मुझे क्या सिखाता है…
आप भी सुनिए यह इंटरव्यू….
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