रेडियो तेहरान पर मेरा इंटरव्यू…खुशदीप

रेडियो तेहरान की हिंदी सेवा ने सौहार्द बढ़ाने के उद्देश्य से एक बेहतरीन श्रंखला चलाई…इसी के तहत मेरा इंटरव्यू भी लिया…इसमें मैंने यह बताने की कोशिश की-सांप्रदायिकता हो या दूसरे कोई फसाद, उनकी  मार सबसे ज्यादा गरीब तबको को ही सहनी पड़ती है, यह ऊंच-नीच का फर्क हमारे समाज  में सदियों से चला आ रहा है, जिसे सही शिक्षा कि रोशनी से ही दूर किया जा सकता है…यह भी बताया कि मेरा हिन्दू धर्म सही मायने  में मुझे क्या सिखाता है…
आप भी सुनिए यह इंटरव्यू….
 
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रवीन्द्र प्रभात

हार्दिक बधाई।

राजीव तनेजा

बहुत-बहुत बधाई

ZEAL
14 years ago

Congrats !

Patali-The-Village
14 years ago

बहुत ही लाजवाब इंटरव्यू|आपको बहुत-बहुत बधाई|

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

सहगल खुशदीप भाई!
आपको बहुत-बहुत बधाई!

अनूप शुक्ल

बधाई जी! बधाई!

Rakesh Kumar
14 years ago

बहुत बहुत बधाई खुशदीप भाई.

chander prakash
14 years ago

कलम स्वस्थ विचारों की ओढ़नी ओढ़ती रहे … बिखरे दिलों को जोड़ती रहे … इस तरह की जंग जारी रहे … वो सुबह जरूर आएगी । जय हिंद
– सी पी बुद्धिराजा

प्रवीण पाण्डेय

बहुत बहुत बधाई हो आपको।

भारतीय नागरिक - Indian Citizen

मेरे यहां ब्राडबैण्ड परेशान कर रहा है… शायद कल तक सुन पाऊं..

राज भाटिय़ा

बहुत ही सुंदर बात कही आप ने,चाहे कोई फसाद हो या बाढ़ ,मरता बिचारा ग़रीब ही है.यही तो हे आज का सच, धन्यवाद

Unknown
14 years ago

bahut badhia vichaar hai—
jai baba banaras…

Satish Saxena
14 years ago

मुझे विश्वास है कि एक बड़ी ज्वलंत समस्या पर "बड़ी खबर" के प्रोडयूसर का इंटरव्यू लेना रेडियो तेहरान के लिए निश्चित ही महत्वपूर्ण रहा होगा !
शुभकामनायें !

ब्लॉ.ललित शर्मा

सही कहा खुशदीश भाई।
आभार

डॉ टी एस दराल

महत्त्वपूर्ण उपलब्धि ।
मुबारक हो ।
अच्छे विचार प्रस्तुत किये हैं आपने ।

दिनेशराय द्विवेदी

बहुत महत्वपूर्ण साक्षात्कार है। इसे पठनीय आलेख बना कर आप हमारीवाणी पत्रिका को दीजिए।

संजय कुमार चौरसिया

Bahut Bahut Badhai

vandana gupta
14 years ago

हार्दिक बधाई।

दिगम्बर नासवा

बधाई … बहुत ही लाजवाब इंटरव्यू है खुश्दीप भाई … बहुत सफाई से अपनी बात रखी है आपने …

Pinky Kaur
14 years ago

true visit my blog plz
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एस एम् मासूम

वाह खुशदीप भाई आप ने बेहतरीन इंटरव्यू दिया है. हमारा समाज दो हिस्से मैं बाँट गया है . अमीर और ग़रीब. चाहे कोई फसाद हो या बाढ़ ,मरता बिचारा ग़रीब ही है.

एस एम् मासूम

इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.

दिनेशराय द्विवेदी

बधाई!
अदालत जा रहा हूँ। लौट कर पढ़ता हूँ।

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