ये तीसरा ब्लॉगर कौन है…खुशदीप

फिजिक्स का सिद्धांत  है कि रबर की गेंद  को जितना पटक  कर ज़मीन पर मारोगे, उतना ही वो आपके सिर पर चढ़ कर नाचेगी…अगर गेंद को यूहीं ज़मीन पर लुढ़का दो तो वो वही पड़ी रहेगी…लेकिन  आजकल  ब्लॉग-जगत पर क्रिया-प्रतिक्रिया का नियम पूरे उफ़ान  पर है…पलीता लगाने वाले भी हरदम  मौके की तलाश  में बैठे हैं…आग को भड़का कर उस पर हाथ सेंकना इनका शगल है…ये लोग मोबाइल, ई-मेल, चैटिंग  जैसे माध्यमों से नारदमुनि की भूमिका निभाने में पारगंत  होते हैं…कान के कच्चे लोगों को ये इस तरह पेड़ पर चढ़ाते हैं कि बेचारे को उतरने का रास्ता ही नहीं सूझता…​
​​
​कुछ  और तरह के भी कलाकार हैं…ये बिना बुलाए  मेहमानों की तरह कहीं भी प्रगट होकर समर्थन देना शुरू कर देते हैं…ठीक वैसे ही जैसे समाजवादी ​पार्टी और बीएसपी केंद्र में यूपीए सरकार को समर्थन देती रहती हैं…ये समर्थन के नाम पर ऐसा गड्ढा खोदते हैं कि समर्थन का लाभार्थी ही उसमें​ फंस कर रह जाता है…​
​​
​ब्लॉग जगत की ऐसी ही प्रजातियों के लिए ये पंक्तियां…​
​​
एक  ब्लॉगर  पोस्ट  लिखता है,​
​एक ब्लॉगर पोस्ट पढ़ता है,​
​एक तीसरा ब्लॉगर  भी है,​
​जो न पोस्ट लिखता है,​
​न पोस्ट के मर्म  को पढ़ता है..​
​वह  सिर्फ पोस्ट से खेलता है,​
​मैं पूछता हूं- ये तीसरा ब्लॉगर कौन है​ ?
ब्लॉग की समूची दुनिया मौन है...

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Rakesh Kumar
13 years ago

???
खेल खेल में क्या कह दिया है आपने,खुशदीप भाई.
क्या मौन में ही भलाई है ?

PAWAN VIJAY
13 years ago

ब्लाग संसद इस मुद्दे को सीबीगयी मुआफ कीजियेगा सीबीआई से जांच कराने की मांग करती है

शिवा
13 years ago

बिलकुल सही लिखा है आपने …

Pallavi saxena
13 years ago

आखिर कौन ? बिलकुल एक पुरानी फिल्म के शीर्षक जैसा सवाल 🙂

Arvind Mishra
13 years ago

हाँ हाँ कौन है वो पाजी ?

सत्य गौतम

kisi ka dukh door kijiye
kahe ek do teen ki ginti gin rahe hain ?

shikha varshney
13 years ago

कोई न कोई तो होगा ही.:)

Pratik Maheshwari
13 years ago

हम तो देश की भोली-भाली जनता हैं.. जो करे सब ठीक, सब गलत..
कौन माथा लगाए ऐसी नौटंकियों में.. और काम हैं बहुतेरे..

डॉ टी एस दराल

एक ब्लॉगर पोस्ट लिखता है,​
​दूसरा ब्लॉगर पोस्ट पढ़ता है,​
तीसरा ब्लॉगर वह जो सिर्फ पोस्ट से खेलता है,​

ज़वाब तो आपने स्वयं ही दे दिया खुशदीप भाई . 🙂

rashmi ravija
13 years ago

इस तीसरे ब्लॉगर के पास बहुत सारा समय होता है क्यूंकि पोस्ट लिखनी है नहीं ..पढनी है नहीं…सिर्फ परेशान करना ही इनका ध्येय होता है..
राहुल जी ने सही कहा…सबके पास कोई ना कोई नाम जरूर है..

प्रवीण पाण्डेय

हम तो गर्मी से ही बेहाल हैं।

भारतीय नागरिक - Indian Citizen

ये बिला-बजह बिलागर है.

अजित गुप्ता का कोना

चुनावों में एक पक्ष होता है और विपक्ष होता है लेकिन ऐसा बहुत बड़ा वर्ग होता है जो कभी पक्ष और कभी विपक्ष बन जाता है और यही निर्णय कराता है। ऐसे ही तीसरा ब्‍लोगर भी है।

अनूप शुक्ल

धूमिलजी खुश हो गये होंगे अपनी कविता का ब्लॉगरूपान्तरण देखकर।

आपई बताओ कौन है तीसरा ब्लॉगर! 🙂

संजय भास्‍कर

बेहद शानदार प्रस्तुति।

तीसरा ब्लॉगर कौन

umashankar
13 years ago

नीत्से ने कहा था कि "ये तो बाज़ार की मक्खिआँ हैं जो अकारण ही भिन्भिंनाया करती हैं !"
वो हैं तो बाज़ार है. और बाज़ार निर्मम है. दूसरों के मर्म से खेलना ही उसका जीवन है !

बहुत सुन्दर लिखा है आपने

संजय कुमार चौरसिया

teesra kaun ?

Satish Saxena
13 years ago

बाबा खुशदीप आनंद की जय हो …

मुझे नहीं पता बाबा !!!
सच्ची..

विवेक रस्तोगी

अपने पास तो बहुत काम है, इसके लिये आजकल अपन तीनों में से किसी भी ब्लॉगर की श्रेणी में नहीं आते ऐसा लग रहा है।

Rahul Singh
13 years ago

मन में ही सही, लेकिन शायद सबके पास कोई न कोई नाम जरूर है.

राजीव तनेजा

ना रोटियाँ अपनी ना चूल्हा और ना ही बर्तन
बस आग अपनी है उसी से करा रहे हैं नर्तन

Atul Shrivastava
13 years ago

लाख टके का सवाल……

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