ये क्या हो रहा है भाई, ये क्या हो रहा है…खुशदीप

मुंबई हमलों की बरसी को बस अब एक हफ्ता ही बचा है…पूरी दुनिया ने देखा पाकिस्तान की सरज़मीं से आए आतंक के पुतलों ने देश की आर्थिक रीढ़ कहे जाने वाले मुंबई को साठ घंटे तक बंधक बनाए रखा…ठोक बजा कर सारे सबूत भी पाकिस्तान के हवाले कर दिए गए…लेकिन हुआ क्या…पाकिस्तान उलटे हमसे ही सवाल करता रहा…और हम जवाब देते रहे…

हमले का मास्टरमाइंड मोहम्मद हाफिज सईद पाकिस्तान में धड़ल्ले से खुला घूम रहा है…और हमारी सरकार बस हफ्ते-दो हफ्ते बाद वही घिसा-पिटा बयान देकर अपने कर्तव्य की इतिश्री समझ लेती है कि पाकिस्तान 26/11 के हमलावरों  के खिलाफ सख्त कार्रवाई करे…पाकिस्तान अपनी सरज़मी से भारत के खिलाफ आतंकवादी गतिविधियों को रोके…हमने कह दिया और पाकिस्तान ने सुन ली…वैसे ही जैसे विभाजन के बाद से सुनता आ रहा है…

पाकिस्तान के साथ तो हमारा मोर्चा सदाबहार है लेकिन इससे कहीं ज़्यादा चिंता चीन से है…ड्रैगन बड़े खतरनाक तरीके से भारत को घेरता जा रहा है…आर्थिक और रणनीतिक दोनों मोर्चों पर…चीन ने एक सोचे समझे प्लान के तहत कश्मीर को भारत से अलग दिखाना शुरू कर दिया है…अब वो कश्मीरियों को साफ संकेत दे रहा है कि उन्हें चीन आने के लिए भारत के अन्य राज्यों के नागरिकों की तरह वीज़ा लेने की आवश्यकता नहीं है…बस कागज के टुकड़े को स्टैप्ल करके ही इस औपचारिकता को पूरी करने की बात चीन कर रहा है..

इस हफ्ते कश्मीर को लेकर भारत के नज़रिए से बेहद खतरनाक घटनाक्रम हुआ है…ग्लोबल पुलिसमैन यानि अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा ने चीन जाकर खुले तौर पर भारत-पाक विवाद हल करने में चीन की भूमिका बता दी…ये वही ओबामा है जो पिछले साल राष्ट्रपति चुनाव प्रचार के दौरान जॉर्ज बुश को इसलिए कोस रहे थे कि चीन के खिलाफ तिब्बतियों के मानवाधिकारों को लेकर सख्त रवैया नहीं अपनाया जा रहा…ओबामा ने बीजिंग ओलम्पिक्स का बहिष्कार करने तक की सलाह बुश को दे डाली थी…लेकिन ओबामा ने खुद राष्ट्रपति बनने के बाद क्या किया…तिब्बतियों के धर्मगुरु दलाई लामा को मुलाकात के लिए वक्त देने से ही इनकार कर दिया…दलाई लामा 1991से ही अमेरिका आते-जाते रहे हैं…लेकिन किसी अमेरिकी राष्ट्रपति की इतनी हिम्मत नहीं हुई कि दलाई लामा को मिलने के लिए वक्त न दे…

ये अचानक ओबामा ने यू-टर्न क्यों लिया…बीजिंग जाकर चोर को ही कोतवाल बना दिया…वो चीन जिसने अक्साई चीन को अवैध तरीके से अपने कब्ज़े में लिया हुआ है…ऐसी क्या मजबूरी थी कि ओबामा चीन के लिए इतनी मीठी बोली बोलने लगे…क्या उत्तर कोरिया और ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर रोक लगाने के लिए मदद का चीन ने कोई वायदा किया है….या फिर अमेरिका को मंदी की मार से बचाने के लिए चीन को इस बात पर राजी कर लिया गया है कि वो अपनी मुद्रा का घटाकर मूल्यांकन नहीं करेगा…

इलाके में चीन और पाकिस्तान के साथ अमेरिका भी आ खड़ा होता है तो भारत के लिए इस घेरेबंदी का तोड़ ढूंढना बड़ा मुश्किल हो जाएगा…इस मुद्दे का सबसे खतरनाक पहलू है कश्मीर में हुर्रियत कान्फ्रेंस के चेयरमैन मीर वायज़ फारूक का खुल कर चीन के समर्थन में बयान देना…दरअसल चीन एक एनजीओ के जरिेए पिछले दो महीने से ही मीर वायज़ पर डोरे डालता आ रहा है…इसका नतीजा आज सामने भी आ गया…मीर वायज डंके की चोट पर कह रहे हैं कि चीन दुनिया की बड़ी शक्ति है…भारत-पाक विवाद से चीन सीधे तौर पर जुड़ा है क्योंकि कश्मीर का एक हिस्सा उसके कब्ज़े में है…ईद के बाद मीर वायज़ पहले पाकिस्तान फिर चीन जाने वाले हैं…अब चीन वहां मीर वायज़ को कौन सी घुट्टी पिला कर भारत वापस भेजता है, ये बड़ा मायने रखेगा…

चीन के साथ भारत के सीमा विवाद में अरुणाचल और अक्साई चिन ही मुख्य और दो बड़े मुद्दे हैं…ज़्यादातर भारतीयों को गलतफहमी है कि पाकिस्तान ने अक्साई चिन का इलाका चीन को सौंप रखा है…अक्साई चिन के बारे में अलग से एक पोस्ट में जानकारी दूंगा…फिलहाल साउथ एशिया में बन रहे नए समीकरणों को देखते हुए भारत को कूटनीतिक और राजनीतिक, दोनों दृष्टियों से अपनी भौगोलिक सीमाओं को लेकर काफी सतर्क रहने की आवश्यकता है…

स्लॉग ओवर

महफूज़ भाई ने अपने जानने वाले एक नवाब से मुलाकात कराई…नवाब साहब के साथ बच्चों की पूरी फौज थी..छह महीने का बालक उनकी गोद में था…मैनें नवाब साहब के दूसरे बच्चों की उम्र जाननी चाही तो उन्होंने गिनानी शुरू की…एक साल, डेढ़ साल, दो साल, ढाई साल, तीन साल, साढ़े तीन साल…चार साल….जैसे-जैसे वो उम्र बता रहे थे मेरे चेहरे पर हैरानी के भाव आते जा रहे थे…
 
मैंने हिम्मत करके पूछ ही लिया…नवाब साहब ये सारे बच्चे आप ही के हैं…
 
नवाब को ताव आ गया…बोले… हां हैं…आपको इससे मतलब जनाब
 
मैंने कहा…नहीं…नहीं..ऐसा कुछ नहीं…पर दो बच्चों के बीच नौ महीने का अंतर तो ऊपर वाले ने भी फिक्स कर रखा है…फिर ये छह महीने, एक साल, डेढ़ साल, दो साल….बच्चों की उम्र कैसे…
 
नवाब तपाक से बोले…मेरी चार बीवियां हैं…आपको कोई परेशानी है क्या…

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