ये कुदरत का करिश्मा या कुछ और…खुशदीप

आज मुझे ई-मेल से मिली ये अद्भुत फोटो देखिए…बस पोस्ट में आज इतना ही…इसके बारे में कल जो आपको बताऊंगा, वो वाकई चौंकाने वाला होगा…

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Atul Shrivastava
14 years ago

अच्‍छी तस्‍वीरें।
अब अगर राज भाटिया जी ने कुछ नहीं बताया होता तो मेरा कमेंट होता, 'प्‍यारे बच्‍चे'
आपकी कल की पोस्‍ट का इंतजार रहेगा

वन्दना अवस्थी दुबे

इतनी सुन्दर और स्वाभाविक कलाकृतियां हैं, कि अपने पास सहेजने का जी करे.

शिवम् मिश्रा

अब कल का इंतज़ार … वैसे राज भाई का आभार !
जय हिंद !

Gyan Darpan
14 years ago

राज भाटिया जी राज तो खोला पर संक्षिप्त , सो आपकी पूर्ण जानकारी वाली पोस्ट का इंतजार रहेगा

Udan Tashtari
14 years ago

राज जी ने राज को राज न रहने दिया. 🙂

डॉ टी एस दराल

भाटिया जी कह रहे हैं तो सही ही होगा ।
वैसे तीन महीने का फीटस भी शायद इतना ही होता है । मैडम जी से कन्फर्म करना पड़ेगा भाई ।

vandana gupta
14 years ago

वाह बहुत सुन्दर चित्र हैं……………भाटिया जी ने सारा राज खोल दिया नही तो सोच मे पड गये थे कि सच है या भ्रम्।

सञ्जय झा
14 years ago

bap re bap…..post dekhkar chakkar aa gaya……lekin tippani ne sambhala……..

pranam.

Sushil Bakliwal
14 years ago

चित्र तो ठीक हैं । ऐसा ही एक मेरी पुरानी पोस्ट पर भी है । अलबत्ता चौंकाने वाले राज में शायद कुछ विशेष हो ।

Shah Nawaz
14 years ago

मैंने भी पहले देखे हैं यह चित्र… अच्छी कलाकारी है.

अजित गुप्ता का कोना

राज तो खुल गया है, अब कल क्‍या होगा पोस्‍ट पर?

प्रवीण पाण्डेय

मॉडल हैं, भविष्यवाणी नहीं।

Rakesh Kumar
14 years ago

खुशदीप भाई क्या राज भाटिया जी, राजीव तनेजा जी ने सब पोल खोल दी है? लेकिन ,फोटो बहुत अच्छे हैं.अब आगे इंतजार है आपके खुश वक्तव्य की .

http://anusamvedna.blogspot.com

जो भी है अद्भुद है ! ऐसी कुकीज़ को कैसे खाते होंगे लोग !!

राजीव तनेजा

काफी पहले ईमेल से ऐसे चित्र मिले थे जिनमें बताया गया था कि ये जीते-जागते बच्चे नहीं बल्कि कुकीज़ हैं…तब विश्वास नहीं होप रहा था
आज भाटिया जी ने पूरी बात बता दी

Satish Saxena
14 years ago

बहुत खूब ….

honesty project democracy

कल का इंतजार है और रहेगा फिर कुछ कहना चाहेंगे ,अभी तो यही सोच रहें हैं की कितना बदल गया इंसान, कितना छोटा होता जा रहा है इंसान ,कहीं एकदिन इंसान गुम ही ना हो जाय….?

आपका अख्तर खान अकेला

ohhhhhhhhhhhhhh.. khush dip ji bs khuaa kare bchcha svsth or khush rahe or khushiyon ke dip jlaata rahe . akhtar khan akela kota rajsthan

Arvind Mishra
14 years ago

ये स्वस्थ तो हैं न ? मुझे अभी परसों गोरखपुर के पास पांच बच्चों के प्रसव की घटना की याद आ गयी -पाँचों बच्चे स्वस्थ थे !मगर भाटिया जी श्याद असली बात कह रहे हैं !

दिनेशराय द्विवेदी

प्रकृति में सारे करिश्मे इंसान ही करता है।

Dr. Yogendra Pal
14 years ago

अच्छी कलाकृतियां हैं, शायद ये मोम की बनतीं हैं

अपना ब्लॉग का नया रूप

भारतीय नागरिक - Indian Citizen

एक मिनट पहले ही भाटिया साहब ने राज खोल दिया…

भारतीय नागरिक - Indian Citizen

इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.

राज भाटिय़ा

अजी यह कुदरत का कोई करिश्मा नही…इंसान का करिश्मा हे:) यह बच्चे मार्जीपान( बादाम के आटे) से बने हे, ओर यहां बिकते हे, वैसे तो मार्जिपान खाने मे बहुत स्वादिष्ट होता हे, लेकिन मुझे नही लगता कि लोग इन आकृतियो को खाते हो, वैसे इन क्रिशमिश के त्योहारो पर सजाने के लिये काम मे लाते हे,या फ़िर अन्य धार्मिक मोको पर.

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