मेरी परेशानी दूर कीजिए…खुशदीप

आज मैं ये माइक्रो पोस्ट अपनी एक परेशानी दूर करने के लिए लिख रहा हूं…ये छोटा सा सवाल कई बार मेरे सामने आता रहता है…और ऐसा एक बार भी नहीं हुआ जब मैंने विवाद का सामना नहीं किया…इसलिए इस दुविधा को हमेशा-हमेशा के लिए दूर करने की खातिर आपके दरबार में इसे पहुंचा रहा हूं….

ये दुविधा जन्मदिन की है…घबराइए नहीं मेरा जन्मदिन नहीं है…मैं सबके जन्मदिन की बात कर रहा हूं…बड़ी हस्तियों के जन्मदिन, आपका जन्मदिन, हम सबका जन्मदिन…मेरा सवाल है कि पहला जन्मदिन किसे माना जाए…उस दिन को जब इंसान दुनिया में आता है यानि जिस दिन जन्म लेता है…या उस दिन को जब इंसान एक साल का हो जाता है…

आपने नोट किया होगा कि कई बार एक ही इंसान के जन्मदिन को अलग-अलग प्रचार माध्यमों में अलग-अलग बताया जाता है…जैसे अभी दो दिन पहले दिलीप कुमार साहब का जन्मदिन आया था…दिलीप साहब का जन्म 11 दिसंबर 1922 को हुआ था…इस हिसाब से उनका दो दिन पहले यानि 11 दिसंबर 2009 को कौन सा जन्मदिन मनाया गया…87वां या 88वां…अगर 11 दिसंबर 1922 को जन्म वाले दिन दिलीप साहब का पहला जन्मदिन माना जाए तो ये 88वां जन्मदिन था…और अगर 11 दिसंबर 1923 को दिलीप साहब का पहला जन्मदिन माना जाए तो हमने इस साल उनका 87वां जन्मदिन मनाया…

मेरा अपना मानना है कि इंसान के जन्म वाले दिन को ही पहला जन्मदिन माना जाना चाहिए न कि तब जब एक साल का हो जाता है…इस लिहाज से इस साल दिलीप साहब का 88वां जन्मदिन ही मनाया गया….इसे ऐसे भी समझा जा सकता है कि दिलीप साहब ने 87वर्ष पूरे कर लिए हैं इसलिए उन्हें शब्दों में …87 के दिलीप कुमार… कहना सही होगा लेकिन जन्मदिन 88वां ही कहना चाहिए…कृपया अब आप मुझे बताइए कि क्या सही है और क्या गलत…

स्लॉग ओवर

पेज थ्री टाइप फैशन डिजाइनर एक मोहतरमा मेकअप से सराबोर होकर रियल्टी टीवी के एक चैट शो में पहुंची…साथ में जवान बेटी…शो की होस्ट ने एक सवाल में फैशन डिजाइनर मोहतरमा की उम्र पूछ ली…अब पूरा देश शो देख रहा था…सही उम्र कैसे बता दी जाए 45…नो नो…इट्स 40…एक्चुअली 35 है…वन मोर करेक्शन 30…फाइनली 25…

तभी साथ जवान बेटी ने धीरे से मां के कान में कहा…मॉम, उम्र जितनी मर्जी कम बताओ, बस अपनी और मेरी उम्र के बीच नौ महीने का फ़र्क ज़रूर रख लेना…

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