मिलिए मल्लू आंटी से…खुशदीप

आज स्लॉग ओवर में मैं आपको एक मल्लू यानि मलयाली आंटी से मिलवाऊंगा…कैसे आंटी ने सेक्रेट्री के जॉब के लिए इंटरव्यू का सामना किया…लेकिन उससे पहले कुछ गंभीर बात…कल राजनीति पर मेरी पोस्ट….क्या आप टीना फैक्टर जानते हैं…पर टिप्पणियों के माध्यम से जो विमर्श हुआ उसमें कुछ बड़े अच्छे विचार सामने आए…एक बार फिर भाई प्रवीण शाह ने मेरे मुंह की बात पहले ही छिन ली…

प्रवीण जी जैसे ही मेरा भी मानना है कि चुनाव कोई भी हो उसमें यही व्यवस्था होनी चाहिए कि किसी भी प्रत्याशी को बिना 51 प्रतिशत वोट हासिल किए विजयी घोषित नहीं किया जाना चाहिए…आप कहेंगे बहुदलीय व्यवस्था में ऐसा बहुत कम देखने को मिलता है कि किसी प्रत्याशी को कुल डलने वाले वोटों में से 51 फीसदी या ज़्यादा वोट मिलते हैं…फिर 51 फीसदी वोट वाली शर्त का मतलब…ये कैसे मुमकिन है…इसका भी इलाज है…चुनाव में अगर किसी प्रत्याशी को सीधे-सीधे 51 फीसदी या उससे ज़्यादा वोट मिल जाते हैं तो उसे बिना किसी हील-हवाले तत्काल विजयी घोषित कर दिया जाना चाहिेए…

अगर नंबर एक पर आने वाले प्रत्याशी को कुल डाले गए वोटों में से 50 फीसदी से कम वोट मिलते हैं तो उसे विजयी घोषित नहीं किया जाना चाहिए…ऐसी स्थिति में पूरा मतदान दोबारा होना चाहिए…लेकिन इस बार मैदान में सिर्फ नंबर एक और दो पर आए दो उम्मीदवारों के बीच ही मुकाबला कराया जाए…यानि इस स्थिति में ये सुनिश्चित हो जाएगा कि एक उम्मीदवार को 51 फीसदी या उससे ज़्यादा मत मिलेंगे ही…यानि जीतने वाला उम्मीदवार अपने इलाके की बहुमत से ही नुमाइंदगी करेगा…इस काम में थोड़ा खर्च ज़रूर बढ़ेगा…लेकिन लोकतंत्र में जनता की सच्ची नुमाइंदगी के लिए प्रयोग के तौर पर ये बलिदान भी किया जाए तो महंगा सौदा नहीं रहेगा…

अब बाकी जो ब्लॉग के सर्व-परमेश्वरों की राय…

स्लॉग ओवर

केरल की एक मल्लू आंटी सेक्रेट्री के जॉब के लिए इंटरव्यू देने गई…मैनेजर ने आंटी के रंगबिरंगे परिधान, सोने के गहने और तेल से सजे संवरे बालों को देखा तो तभी समझ लिया कि जॉब के लिए आंटी उपयुक्त नहीं है…मैनेजर ने फिर भी सोचा कि इंटरव्यू तो लेना ही पड़ेगा…उसने टालने के लिए कहा…मैं आपको अंग्रेज़ी के कुछ शब्द देता हूं, अगर आप उन सब को मिला कर वाक्य बना देंगी तो मैं आपको जॉब पर रख लूंगा

आंटी ने पूछा…कौन से शब्द हैं…

मैनेजर ने बताया…ग्रीन, पिंक, यैलो, ब्लू, व्हाईट, पर्पल और ब्लैक…

उत्साही आंटी ने कुछ पल के लिए सोचा…फिर जवाब दिया…मैंने फोन की रिंग सुनी…ग्रीन, ग्रीन, ग्रीन…उसके बाद मैंने फोन पिंक किया…मैंने कहा यैलो…ब्लू इज़ दैट..व्हाईट डिड यू से…डोंट डिस्टर्ब परपर्ली एंड डोंट कॉल मी ब्लैक…

मैनेजर ने इतना सुना और गश खाकर गिर गया…

(अगर आपने इस मल्लू आंटी से मिलना है तो मेरे अंग्रेज़ी ब्लॉग Mr Laughter पर आइए…)

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