‘माधुरी दीक्षित’ में इंदिरा गांधी का तिलिस्म…खुशदीप

इंदिरा गांधी…उन्हें चाहने वाले दुर्गा से उनकी तुलना करते हुए शक्ति की प्रतीक मानते रहे हैं…इंदिरा से नफ़रत करने वालों की नज़र में उनसे ज़्यादा अहंकारी, तुनकमिज़ाज़ और पुत्रप्रेम में अच्छे-बुरे की समझ खो देने वाली महिला और कोई नहीं रहीं…आप इंदिरा गांधी का सम्मान करो या नफ़रत…लेकिन इतना तय है कि उन्हें नज़रअंदाज़ करने की गुस्ताखी कोई नहीं कर सकता…अब वहीं इंदिरा गांधी बड़े पर्दे पर सजीव होने जा रही हैं…इंदिरा गांधी पर चार करोड़ पौंड (306 करोड़ रुपये) की लागत से दो कड़ियों में अंतरराष्ट्रीय स्तर की फिल्म बनने जा रही है…मदर, द इंदिरा गांधी स्टोरी...फिल्म में इंदिरा गांधी के अहम रोल में नज़र आएंगी…माधुरी दीक्षित नेने

इंदिरा गांधी
माधुरी दीक्षित

फिल्म में जय प्रकाश नारायण के रोल में नाना पाटेकर, मोतीलाल नेहरू के रोल में धर्मेंद्र और राजीव गांधी के रोल में अभय देओल नज़र आ सकते हैं…बॉलीवुड और हॉलीवुड के फ्युज़न से बनने वाली इस फिल्म में क्वीन एलिजाबेथ द्वितीय के लिए ऑस्कर विजेता हेलेन माइरेन, लिंडन बी जॉनसन के लिए टॉम हैंक्स और रिचर्ड निक्सन के लिए टॉमी ली जोन्स और मार्गेट थ्रेचर के रोल के लिए ब्रिटिश अभिनेत्री एमिली वाटसन के नाम दौड़ में सबसे आगे हैं.. अल्बर्ट फिनी फिल्म में पीटर उस्तीनोव की भूमिका निभा सकते हैं… जिस वक्त इंदिरा गांधी की हत्या हुई थी उस वक्त निर्देशक, फिल्मकार पीटर उस्तीनोव इंदिरा गांधी का इंटरव्यू लेने के लिए दिल्ली में ही मौजूद थे…

शालीमार फेम निर्देशक कृष्णा शाह ने इंदिरा गांधी की कहानी को दुनिया भर में सिनेमा के माध्यम से पहुंचाने का बीड़ा उठाया है…शाह के मुताबिक इंदिरा गांधी पर फिल्म बनाना उनका ड्रीम प्रोजेक्ट है…पिछले दो दशक से वो उठते-जागते सिर्फ इसी प्रोजेक्ट के बारे में सोचते रहे हैं…उनके लिए ये तय करना बड़ा मुश्किल रहा कि इंदिरा गांधी को किस रूप में पर्दे पर पेश किया जाए…काफी विमर्श के बाद तय किया कि इंदिरा की सबसे बड़ी पहचान  मां की रही है…अपने परिवार के लिए भी और फिर करोड़ों लोगों के देश के लिए…इंदिरा की शख्सीयत की ऐसी कौन सी खूबी थी कि विपक्ष के नेता अटल बिहारी वाजपेयी ने भी उन्हें 1971 के युद्ध के बाद दुर्गा की संज्ञा दी थी…कांग्रेसी नेता देवकांत बरूआ ने नारा दिया था…इंदिरा इज़ इंडिया…इंडिया इज़ इंदिरा…

1977 में इंदिरा गांधी दोनों बेटों राजीव और संजय के साथ
राजीव और सोनिया की शादी पर इंदिरा गांधी
की खुशी देखते ही बनती थी

फिल्म की शूटिंग अगले साल अप्रैल में भारत, ब्रिटेन, रूस और अमेरिका में शुरू होगी…फिल्म की पहली कड़ी की हाईलाइट तीस मिनट का 1971 की जंग का हिस्सा रहेगा…इसके लिए दुनिया के दिग्गज टैक्नीशियन की मदद से पर्दे पर जंग को साकार किया जाएगा…इस कड़ी के 2010 के अंत में रिलीज होने की संभावना है…

पहली कड़ी में दिखाया जाएगा कि कैसे कभी गूंगी गुड़िया नाम से मशहूर रहीं इंदिरा गांधी ने प्रधानमंत्री बनने के बाद कांग्रेस के दिग्गज नेताओं को हाशिए पर पहुंचाया…1971 के युद्ध में पाकिस्तान के दो टुकड़े करा कर लौह-महिला की पहचान बनाई…फिल्म की दूसरी कड़ी में संजय गांधी का उदय, आपातकाल का काला दौर, इंदिरा गांधी की सत्ता से विदाई और तीन साल बाद फिर वापसी, ऑपरेशन ब्लू स्टार का अंजाम इंदिरा गांधी की खुद निजी बॉडीगार्डस के हाथों मौत जैसी घटनाओं का चित्रण किया जाएगा…

The Indian Blogger Awards 2017

कृष्णा शाह का दावा है कि वो इस फिल्म के ज़रिेए पूरी कोशिश करेंगे कि हॉलीवुड और बॉलीवुड दोनों के दर्शकों को समान रूप से फिल्म पसंद आए…माधुरी दीक्षित ने भी इंदिरा गांधी के रोल के लिए खुद के चुने जाने पर खुशी का इजहार किया है…माधुरी दीक्षित के अनुसार उन्होंने अभी फिल्म साइन नहीं की है लेकिन इतने प्रतिष्टित इंटरनेशनल प्रोजेक्ट के साथ जुड़ना उनके लिए सौभाग्य की बात होगा…माधुरी दीक्षित ने ये भी साफ किया कि उन्हें इस जटिल रोल के लिए काफी तैयारी करनी पड़ेगी…इसके लिए घर-बच्चों की ज़िम्मेदारियों के साथ सामंजस्य बिठाने के लिए उन्हें थोड़े वक्त की दरकार होगी…बहरहाल अब सबको इंतज़ार है मातृशक्ति की पहचान इंदिरा के सिल्वर स्क्रीन पर उकेरे जाने का…

स्लॉग ओवर

मक्खन एक दिन पेड़ की डाल पर चढ़ा हुआ था…इधर से उधर होता मक्खन किसी कंपनी के सीईओ की तरह हाव-भाव दिखा रहा था…कभी किसी को इंस्ट्रक्शन देता…कभी मोबाइल पर किसी को डांटता…घंटों ये नज़ारा चलता रहा…फिर मक्खन के दोस्त ढक्कन ने ही सारी बात साफ की….दरअसल मक्खन की बड़ी इच्छा थी कि वो भी आईआईएम, अहमदाबाद से एमबीए की पढ़ाई पूरी करने के बाद लाखों की सेलरी का पैकेज ले…लेकिन एमबीए का एन्ट्रेस पास करना कोई खालाजी का घर नहीं था…मक्खन जी लाख कोशिश करने के बाद भी एन्ट्रेस टेस्ट पास नहीं कर पाए…फिर क्या था बचा-खुचा जो दिमाग था वो भी हिल गया….और मक्खन जी बगैर एमबीए हुए ही अपने को ब्रांच मैनेजर समझने लगे….

Khushdeep Sehgal
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Aditya
4 years ago

Nice blog and good information shared here.

jenifer lewi
14 years ago

jankari mili dil bahoot hi gad gad ho gaya madhuri ji isme roll karengee to badaa hi acchhaa lagega film bane ya na bane intejaar rahega.

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