भावी सास-बहू की विलायती तकरार…खुशदीप

सास-बहू के झगड़े सिर्फ भारत में ही नहीं होते…मुल्क कोई सा भी हो इस रिश्ते की तकरार से बचा नहीं रह सकता…वो कहते हैं न घर में दो बर्तन होंगे तो खड़केंगे ही…अब सास होगी तो बहू को ऊंच-नीच समझाना अपना जन्मसिद्ध अधिकार समझेगी ही…ये बात अलग है कि बहू इन नसीहतों को ओल्ड फैशन्ड बताते हुए एक कान से सुने और दूसरे कान से निकाल दे…

हां तो जनाब मैं आज पोस्ट में एकता कपूर के मेलोड्रामा…क्योंकि सास भी कभी बहू थी…जैसा कोई किस्सा नहीं सुनाने जा रहा…ये किस्सा सीधे विलायत यानि ब्रिटेन से इम्पोर्ट किया है…बराया मेहरबानी बीबीसी…

अक्सर जब कोई बड़ी घटना होती है, तो अंग्रेज़ी में कहावत है ‘दिस इज़ द मदर ऑफ़ ऑल इवेंट्स’…लेकिन ब्रिटेन में ईमेल से जुड़ी एक ऐसी घटना हुई है जिसे ‘मदर ऑफ़ ऑल ईमेल’ की जगह ‘मदर-इन-लॉ ऑफ़ ऑल ईमेल’ कहा जा रहा है…हुआ ये कि ब्रिटेन में 60 साल की एक महिला कैरोलिन बोर्न ने अपने सौतेले बेटे की मंगेतर हेडी विदर्स को उसकी बुराईयाँ करते हुए और शिष्टता का पाठ पढ़ाते हुए लंबा चौड़ा ईमेल लिख डाला…और वो ईमेल अख़बारों में प्रकाशित हो गया…अब उल्टा सास कैरोलिन की ही बुराई हो रही है… ट्विटर पर लोग लिख रहे हैं कि पहले कैरोलिन को ख़ुद शिष्टता के कुछ क़ायदे सीखने चाहिए….

कैरोलिन बोर्न

दरअसल भावी बहू हेडी कुछ दिन पहले अपने मंगेतर और होने वाली सासू माँ यानी कैरोलिन के घर बतौर मेहमान रहने गईं…लेकिन शायद होने वाली सासू माँ को हेडी की कुछ आदतें पसंद नहीं आईं…बस फिर क्या था कैरोलिन ने हेडी को उसकी ‘कमियाँ’ बताते हुए लंबा चौड़ा ईमेल लिख डाला और नसीहतें भी दीं कि कैसे उन्हें सुधारा जाना चाहिए…

मसलन, सासू माँ ने बेटे की मंगेतर को लिखा…” जब किसी के घर मेहमान होते हैं तो आप आकर ये नहीं बताते कि आप क्या खाएंगे और क्या नहीं..जब तक कि आपको किसी खाद्य पदार्थ से एलर्जी न हो….जब किसी दूसरे के घर में मेहमान होते हैं तो देर तक सोते नहीं रहते जबकि उस घर में लोग जल्दी उठते हों….आपको उस घर के क़ायदे मानने होंगे…किसी की भी महल या क़िले में शादी नहीं होती, जब तक कि आप ख़ुद उसके मालिक़ न हों, ये ढीठपन और सेलिब्रिटी जैसा व्यवहार है.”

इसके अलावा सासू कैरोलिन ने लिखा, “तुम्हारे माता-पिता तुम्हारी शादी के ख़र्च के लिए ज़्यादा पैसे नहीं दे सकते… इसमें कुछ बुराई नहीं है सिवाय इसके कि आमतौर पर माना जाता है कि माता-पिता बेटियों की शादी के लिए पैसे बचाते हैं. अगर ऐसा है तो ये गरिमामय होगा कि आप अपना स्टैंडर्ड कम करो और सामान्य समारोह में शादी करो.”

कैरोलिन ने शायद सोचा होगा कि उन्होंने ईमेल भेज दिया है और मामला यहीं ख़त्म हो जाएगा…लेकिन इस संदेश की आलोचनात्मक शैली से अचंभित हेडी ने संदेश अपनी एक दोस्त को भेजा… और यहाँ से होते-होते संदेश इंटरनेट पर पहुँच गया…इंग्लैंड में फूलों की खेती करनी वाली कैरोलिन जिन्हें पहले कोई नहीं जानता था, अब वे और उनकी तस्वीर ट्विटर जैसे माध्यमों पर हर ओर है…

फ़र्क़ ये है कि अब होने वाली बहू नहीं बल्कि होने वाली सासू माँ आलोचना के घेरे में हैं…उनके बेटे ने मीडिया से कहा है कि वे काफ़ी शर्मिंदा हैं लेकिन इसके अलावा कोई टिप्पणी नहीं की है…टीकाकारों का कहना है कि अगर कैरोलिन की कुछ बातें सही भी हैं लेकिन उन्हें कहने का तरीक़ा और अंदाज़ शिष्ट नहीं है…

अब हम विशुद्ध भारतीय इस मसले पर क्या राय रखते हैं…सासू मां ने सही किया था या गलत…

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आप सब के लिए चेतावनी…कभी रजनीकांत पर हंसने की भूल मत कर बैठिएगा…क्या कहा…क्यों…तो इस लिंक को पढ़ लीजिए…

Never ever try to laugh at Rajnikanth….Khushdeep

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Atul Shrivastava
13 years ago

गजब किस्‍सा है।
वैसे इस तरह के किस्‍से आम हैं।

निर्मला कपिला

ाब ये समस्या अन्तर्राष्ट्रीय हो गयी है इस लिये वैग्यानिकों को इसका गणित इज़ाद करना चाहिये ताकि ऐसा फार्मूला हो जिस से सही गलत का अन्दाज़ा लगाया जा सके। शुभकामनायें।

अजय कुमार झा

सत्यानाश । तो ये निकली हकीकत .हम यहां एकता कपूर को गरियाते रहते हैं ..ई तो ससुरा युनिवर्सल वायरस निकला जी । मुजफ़्फ़रपुर से लेकर मैनचेस्टर तक ही बरायतोबा विराजमान है । वाह ! आप यूं ही तफ़तीश को जारी रखें , और हां हम आते रहेंगे आपके दिल में , अब आदत ही कुछ ऐसी है । शुभकामनाएं आपको ,

Vivek Jain
13 years ago

बहुत बढ़िया पोस्ट,
विवेक जैन vivj2000.blogspot.com

shikha varshney
13 years ago

सच कहा ये समस्या हर जगह है 🙂

डॉ टी एस दराल

विलायत में भी ऐसी माएं या सास होती है , जानकर अच्छा लगा ।
वरना ऐसी कामचोर बहुएं तो सब जगह मिल जाती हैं ।
वैसे बहु के आने के बाद मां अक्सर असुरक्षा की भावना से पीड़ित हो जाती हैं ।

प्रवीण पाण्डेय

खर्च कम करने को कहा तो ठीक ही कहा।

Unknown
13 years ago

ek safal koshish jisme saas safal rahi………..

jai baba banaras……

संजय कुमार चौरसिया

बिलकुल सही कहा

Satish Saxena
13 years ago

समझाना गलत तो नहीं था मगर तरीका गलत और जल्दवाजी में रहा ! यही बात हेडी का विश्वास और प्यार लेकर करतीं तो वे सफल रहती !
केरोलिन ( बुढिया ) को शुभकामनायें !

अजित गुप्ता का कोना

हा हा हा, भारतीय सास ह‍ी बुरी नहीं है, सभी जगह ऐसी स्थिति है। किसी को भी उपदेश देना वो भी लिखित में, हमेशा से खतरनाक होता है।

ASHOK BAJAJ
13 years ago

very nice.

DR. ANWER JAMAL
13 years ago

Nice post.

दिनेशराय द्विवेदी

यही बात हेडी की माँ ने उस से कही होती तो बवाल न मचता।

वाणी गीत
13 years ago

अब जाकर समझाए कोई उन्हें जो हिंदी सास- बहू धारावाहिकों का मजाक बनाते हैं , इससे तो विदेशी भी नहीं बचे !

राज भाटिय़ा

बिलकुल सही कहा , अब नाल्यक बहू को बुरा लगे तो …..बहू नालयक ही तो हे जो अपना ई मेल आम कर दिया..:)

डा० अमर कुमार

.वृद्धा i.e. बुढ़िया थोड़ी खिसकेली लगती है,
उसे किस करवट बैठना है… यह ऊँटनी पर नकेल कसने से पहले ही पढ़ाने लग पड़ी !

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