कल सफ़र को जहां छोड़ा था, आज वहीं से आगे बढ़ाता हूं…चार-पांच महीने पहले सतीश सक्सेना जी से मेरी पहली मुलाकात अविनाश वाचस्पति जी के घर पर हुई…ऐसी ट्यूनिंग जमी कि बस मज़ा आ गया…लेकिन आप को एक राज़ की बात बताऊं…नोएडा में मेरा और सतीश भाई का सेक्टर बिल्कुल साथ-साथ हैं…लेकिन आज तक दोनों में से कोई भी एक-दूसरे के घर नहीं गया…बस ब्लॉग से ही अटूट रिश्ता जुड़ा हुआ है…
अब बात करता हूं राज भाटिया जी की…अगर विदेश में भारत का झंडा ऊंचा है तो राज जी जैसे राजदूतों की ही बदौलत है…न गलत किसी के साथ करते हैं और न ही गलत बर्दाश्त करते हैं…
डॉ कविता वाचक्नवी…भारतीयता को सही मायने में प्रतिबिम्बित कर रही हैं डॉक्टर साहिबा…मैं एक बार की मुलाकात में ही कविता जी के व्यक्तित्व से अभिभूत हूं…
ज्ञानदत्त पाण्डेय– ज्ञान की गंगा में पूरे ब्लॉगवुड को डुबकी लगवाते रहते हैं…कामना करता हूं कि पूर्ण स्वस्थ होने के बाद अब फिर अपनी पुरानी फॉर्म दिखाएं…
डॉ रूपचंद्र शास्त्री मयंक…शास्त्री जी चर्चा हो या कोई अन्य पोस्ट, हर बार अपना सौ फीसदी देते हैं…
सुमन…नाइस शब्द कितना भी विवादों में रहे लेकिन है बड़ा नाइस…
रवि रतलामी– ब्लॉगिंग के पुरोधा और सबसे सम्मानित नाम, तकनीक के मास्टर…
नीरज गोस्वामी– अफसोस करता हूं अपनी कमअक्ली पर कि नीरज जी के लिखे को पढ़ने से मैं अब तक वंचित क्यों रहा…
सुरेश चिपलूनकर– स्पष्ट और तर्कपूर्ण ढंग से अपने प्रखर विचारों को प्रस्तुत करने में सुरेश जी का कोई सानी नहीं…
अरविंद मिश्रा…सच की साइंस हो या जिंदगी की साइंस, हर एक को साधने में माहिर…लेकिन दोस्त-दुश्मन की पहचान में थोड़े कमज़ोर…
महेंद्र मिश्र– नौकरी से संन्यास के बाद ब्लॉगिंग में जमकर धूनी जमा रखी है…समयचक्र बस ऐसे ही हमेशा घूमता रहे…
एम वर्मा- कविता के साथ मानव-स्वभाव को पढ़ने में भी माहिर…
लावण्या जी– पंडित नरेंद्र शर्मा जी के ज्योति कलश की चमक को बखूबी पूरी दुनिया में बिखेरा है…
गिरीश चंद्र बिल्लौरे मुकुल– बस मेरा ही पॉडकॉस्ट रह गया…
बवाल– ऐसे बवाल जिनके नाम के साथ एक भी बवाल कभी नहीं जुड़ा…
रतनसिंह शेखावत– नांगलोई जाट में शेखावत जी से हुई मुलाकात का एक-एक लम्हा अब भी अच्छी तरह याद है…
डॉ.अनुराग– एक शहर, एक ही स्कूल में पढ़े होने के बावजूद अब तक मुलाकात नहीं हुई है…
सतीश पंचम– चीज़ों को आब्ज़र्व करने के बाद लेखन में उतारने में सतीश जी का कोई सानी नहीं…
घुघूती बासूती…जैसा अद्भुत नाम वैसे ही चमत्कृत कर देने वाली लेखन की शैली…
गोदियाल जी…आजकल आपका कम लिखना अखर रहा है…जल्दी अपने रंग में लौटिए…
मनोज कुमार– नये ब्लॉगरों को समीर जी की तरह ही मनोज जी भी प्रोत्साहन देने में सबसे आगे रहते हैं…
गिरिजेश राव– सच पूछो तो गिरिजेश भाई से डर लगता है…इसलिए वर्तनी का खास ध्यान रखना पड़ता है…
हरि शर्मा– बैंकर होने के साथ ब्लॉगिंग भी बखूबी की जा सकती है…
पंडित डी के शर्मा वत्स– अफसोस रहा कि नांगलोई जाट में पंडित जी से ज़्यादा बात नहीं हो सकी थी..जब भी लुधियाना जाऊंगा, ज़रूर मिल कर आऊंगा…
सिद्धार्थ शंकर त्रिपाठी…प्रयाग की पावन विचारधारा को अब वर्धा में बहा रहे हैं…
गौतम राजरिषी– गज़ल हो या गोली, मेजर साहब के इशारे पर नाचती हैं…
सरवत जमाल…सतीश सक्सेना भाई के इतना मनाने के बावजूद अभी तक पूरे रंग में नहीं लौटे हैं…
अल्पना वर्मा…आवाज़ का जादू जगाना हो या पहेली का आयोजन, अल्पना जी की अलग ही छाप होती है…
पीडी…जब भी लिखते हैं, दिल की गहराई से लिखते हैं…साफ़गोई का खास तौर पर कायल हूं…
आशा जोगलेकर….वृतांत के ज़रिए आशा जी के साथ दुनिया की सैर करने का अलग ही मज़ा है…
प्रवीण शाह…तीखे हैं पर खरे हैं…मुझे इनकी बेबाक राय का हमेशा इंतज़ार रहता है…
ज़ाकिर अली रजनीश…मुस्कुराइए कि ज़ाकिर भाई लखनऊ में हैं…
रचना…अपने उसूलों, उद्देश्य और मकसद पर चट्टान की तरह अडिग…
योगेंद्र मौदगिल…कविता में देश का अग्रणी नाम…किसी दिन इत्मीनान से बैठकर योगेंद्र भाई को सुनने की तमन्ना है…
अनीता कुमार…आप से शिकायत, इतना कम क्यों लिखती हैं आप, चलिए जल्दी से शिकायत दूर कीजिए…
सीएम प्रशाद…हुज़ूर बड़े दिनों बाद लौटे हैं लेकिन तेवरों में कहीं कोई कमी नहीं…चश्मेबद्दूर…
मसिजीवी…डीयू के साथ ब्लॉगिंग की भी शान…लेकिन आजकल ब्लॉग पर कम ही लिखते हैं…
सुरेश चंदन…ट्रेनों के साथ गोष्ठियों के संचालन में भी बेजोड़, कविता इनके मुख से सुनने का अलग ही आनंद…
इरफ़ान– ब्लॉग जगत की मुस्कान…
शाहनवाज़ सिद्दीकी– विनम्रता के दूसरे नाम, प्रेमरस ब्लॉग का नाम है…अब इसके आगे भी कुछ कहने की ज़रूरत है…
दिव्या (ज़ील)- ब्लॉग जगत की श्रेष्ठ टिप्पणीकार…
मुक्ति- लेखन की आराधना हो तो ऐसी हो…
अर्चना– समालोचना में अर्चना जी से बढ़ कर कोई नहीं…
मिथिलेश दुबे…ब्लॉगिंग का युवा तुर्क…
शहरोज…इक रोज़ ऐसा भी आएगा जब हर बला शहरोज़ भाई से मात खाएगी…
दिगंबर नासवा…खाड़ी में भारत के गौरव
वंदना अवस्थी दूबे…सारगर्भित लेखन के साथ टिप्पणी कला में भी सिद्धहस्त
प्रमोद ताम्बट…साहित्य हो या ब्लॉग, प्रमोद जी हमेशा प्रमोदित करते हैं…
परमजीत सिंह बाली…बाली जी की हर टिप्पणी निराली होती है…
तारकेश्वर गिरी…साहिबाबाद के साहिब, तर्कशास्त्र में माहिर
भावेश…नाम बेशक भावेश हो लेकिन लेखन में भावेश में नहीं आते…
संजय भास्कर…ब्लॉगिंग के भास्कर
प्रवीण पांडेय…लेखन, टिप्पणी हर कला में प्रवीण
अरुणेश मिश्र…अभी अरुणेश जी से ज्यादा मुलाकात नहीं हुई लेकिन लेखन से प्रभावित हूं
अंशुमाला…लेखन में मोतियों की माला गूंथने में जवाब नहीं
मुकेश कुमार सिन्हा…जब भी इनकी टिप्पणी आती है आनंदित करती है…
विनीत कुमार…हम मीडिया वालों को आइना दिखाने का काम विनीत से बेहतर और कोई नहीं कर सकता…
सलीम- विवाद हो निर्विवाद, रहेंगे हमेशा ब्लॉगिंग के प्रिंस सलीम…
हिमांशु– गंगा से है हिमांशु का नाता कोई (मुझे समीर जी से पता चला था)…
मो सम कौन (संजय अनेजा) : आजकल कहीं छुप कर कह रहे हैं, मुझे पहचानो, मैं हूं कौन…
विवेक रस्तोगी– खाने-पीने में टेस्ट मेरे जैसा ही है…प्रतिबंध ये भी नहीं मानते, मैं भी नहीं मानता…
रानी विशाल– शुरुआत में ब्लॉगिंग मे जो बिजलियां रानी जी ने चमकाई थीं, उन्हीं जबरदस्त पोस्ट का फिर से इंतज़ार…
कुलदीप हैप्पी- ओए पापे, आजकल कित्थे हो बादशाहो, पटियाले जाकर भूल ही गए हो सारेया नूं…
श्रद्धा जैन– बहुत कम लिखती हैं, लेकिन जब भी लिखती हैं, टिप्पणियों का अंबार लगा देती हैं…
बबली– ऑस्ट्रेलिया में भारत की आन…
विवेक रंजन श्रीवास्तव– अभी विवेक जी को और पढ़कर समझना बाकी है…
प्रवीण त्रिवेदी– मास्टर जी इतनी लंबी छुट्टी तो सरकारी स्कूलों में भी नहीं मिलती…
अलबेला खत्री– मैं तो हूं अलबेला, हज़ारों मे अकेला, सदा तुमने ऐब देखा, हुनर को न देखा…
बेचैन आत्मा…इनकी टिप्पणी पढ़कर ही चैन आता है…
बोले तो बिंदास (रोहित)…बिंदास छोकरा, लेकिन लिखने में कमाल…
स्मार्ट इंडियन….भारत के स्मार्ट अंबेसडर…
पदम सिंह…एक ब्लॉग मीट में झलक दिखाने के बाद कहां छुप गए हो जनाब…
शिवम मिश्रा…शिव के साथ सत्य भी और सुंदर भी…हमेशा अपने साथ पाता हूं…
जय कुमार झा…कमर कस कर रखिए जय जी, भ्रष्टाचारियों के नट-बोल्ट कसने का टाइम आ रहा है…
संजीव कुमार तिवारी…पता नहीं क्यों अक्सर संजीव भाई और संजीत त्रिपाठी में कनफ्यूज़ कर जाता हूं…
संजीत त्रिपाठी…आपको अब से आवारा बंजारा नाम से याद रखूंगा…
सूर्यकांत गुप्ता…वर्दीधारी भी बढ़िया ब्लॉगरी कर सकते हैं, सूर्यकांत जी जीती-जागती मिसाल हैं…
राजकुमार ग्वालिनी…स्पोर्ट्सपर्सन होने की वजह से ही गज़ब का स्टैमिना है…
राज कुमार सोनी… ब्लॉगजगत के बाहुबली से बिगुल सुनने का अलग ही मज़ा है…
सागर- बोल्ड ज़माने की बोल्ड पहचान…
यशवंत मेहता– यार तुम सन्नी हो, फ़कीरा हो, क्या क्या हो भाई, ये किसी दिन मुझे साफ़ कर दो…
अंतर सोहेल– साफ़-सुथरे हैं जनाब लेकिन एक दिन नॉनवेज डिश पता नहीं कहां से ले आए थे…
मयंक सक्सेना– नई नौकरी में बिजी होने की वजह से शायद ब्लॉगिंग से दूर है…
अमरेंद्र त्रिपाठी– विचारों की प्रखरता में जेएनयू की विशिष्ट छाप झलकती है…
प्रवीण पथिक…ये पथिक भाई ब्लॉगिंग का पथ भूल गए लगते हैं…
कनिष्क कश्यप…ब्लॉगिंग का प्रहरी, हर एक का मददगार…
पकंज मिश्रा…दमन से ग्वालियर आने के बाद इतनी ख़ामोशी क्यों है भाई…
राम त्यागी… है प्रीत जहां की रीत सदा है, मैं गीत वहां के गाता हूं, भारत का रहने वाला हूं, भारत की बात सुनाता हूं…
देव कुमार झा…शादी के बाद देव बाबा ज़्यादा ही मसरूफ़ हो गए लगते हैं…
विनोद कुमार पांडेय…चेहरे पर सदाबहार मुस्कान…विनोद भाई का नाम लेते ही प्रेम जनमेयजेय जी और फरीदाबाद याद आ जाता है…
सुलभ सतरंगी…जनाब आप ब्लॉगजगत में आसानी से सुलभ कब होंगे…
शहरयार…फिल्मों में एक गीतकार शहरयार को तो सुना था…कहीं आप वही तो नहीं…
कुश…गलतफहमियां एक तरफ़, कुश भाई के लेखन का मैं कायल हूं…
नीरज जाट…ब्लॉग जगत का घुमक्कड़ी बाबा…
काजल कुमार…कार्टून की कोठरी मे रोज़ चोखा काजल…
यहां तक आते-आते मेरी टैं बोल गई है…अब कोई नाम न याद आ पाया हो तो मुझे भुलक्कड़ समझ कर जाने दीजिएगा…हो सके तो कमेंट के ज़रिए मुझे याद दिला दीजिएगा…
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